पटना: देश और राज्य में कोरोना महामारी काफी तेजी से फैल रही है. इसके रोकथाम को लेकर लेकर विपक्ष सरकार से कई मांगे कर रहा है. वहीं, सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर तंज कसा. उन्होंने केंद्र सरकार और बिहार सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया.
ये भी पढ़ें- बिहार सरकार का बड़ा फैसला: 18 साल से ज्यादा की उम्र वालों को मुफ्त में लगेगी वैक्सीन
अवधेश कुमार ने कहा कि डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से लापरवाह और निश्चिंत है. बिहार में कोरोना के कारण स्थिति भयावह हो गई है. लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कोई तैयारी नहीं की गई. अस्पतालों में ना बेड है, ना ऑक्सीजन और ना ही वेंटिलेटर है. राज्य में लगातार मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. आने वाले समय में स्थिति और भी भयावह होने वाली है.
'कुछ नहीं कर रही सरकार'
इसके अलावा अवधेश कुमार ने कहा कि कोरोना को लेकर राज्यपाल की ओर से सर्वदलीय बैठक हुई. उस बैठक को भी हुए एक हफ्ते से ज्यादा बीत गया लेकिन राज्य सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है. ना तो अस्पतालों की संख्या बढ़ाई गई और अब तक ऑक्सीजन की व्यवस्था भी नहीं हो पाई है. इसे साफ स्पष्ट हो रहा है कि सरकार कितनी लापरवाह है. पहले सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कुछ नहीं किया और अब संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए भी कुछ नहीं कर रही है.
गरीब लोगों के सामने हो रही खाने की समस्या उत्पन्न
सीपीआईएम के राज्य सचिव ने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है ? यदि मांगी है तो रिस्पांस क्या मिला ? उससे बिहार की जनता को अवगत कराया जाए. सिर्फ नाइट कर्फ्यू लगाने से समस्या का हल नहीं होगा. लोग परेशान हैं. गरीब और मजदूर वर्ग के लिए रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो रही है.
कई तैयारियां करने की अपील
लोगों की रक्षा के लिए विशेषज्ञों की राय है कि पूर्ण लॉकडाउन लगाया जाए. लेकिन पूर्ण लॉकडाउन लगाने से पहले कई तैयारियां करनी चाहिए. लोगों को पहले से इसकी जानकारी देनी चाहिए. वहीं, श्रमिकों को उनके घरों तक मुफ्त खाद्यान्न और प्रत्येक परिवार को लॉकडाउन भत्ता के रूप में 7500 रुपये नगद देने की व्यवस्था होनी चाहिए.