पटना: विधानसभा के अंदर और बाहर विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. शुक्रवार को सीपीआई माले के विधायकों ने सफाईकर्मी और रसोईया का दैनिक मजदूरी बढ़ाने की मांग की और इसको लेकर सदन के बाहर प्रदर्शन (CPIML MLA Protest Against government) किया. उनकी मांग है कि रसोईया का मानदेय दो हजार से कम है, जो गलत है. दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मियों का भी मानदेय बढ़ना (Raise wages of Sweepers) चाहिए. सरकार इस मुद्दों को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. लेकिन वामपंथी विधायक इसको लेकर सदन में आवाज उठाते रहे हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक ध्यान नहीं दिया है.
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सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने की चेतावनी: प्रदर्शन कर रहे सीपीआई माले के विधायकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार इस मामले में कुछ निर्णय नहीं लेती है तो ऐसे में हम लोग सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश करेंगे. साथ ही हम सदन को नहीं चलने देंगे. सीपीआई विधायकों का कहना है कि अगर सरकार सफाई कर्मी और रसोइयों के मानदेय में बढ़ोतरी नहीं करती है तो कहीं न कहीं देश को चलाने वाले सबसे निचले स्तर के लोगों की उपेक्षा होगी, जिसे हम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे.
50 लाख से ज्यादा सफाईकर्मी प्रभावित: सीपीआई माले विधायक महबूब आलम (CPIML MLA Mehboob Khan) ने कहा कि दैनिक मजदूरों की मजदूरी काफी कम है. बिहार में 50 लाख से ज्यादा सफाई कर्मी और रसोईया को मानदेय पर रखा गया है. यह मानदेय इतना कम है जिससे कि वह अपना भी भरण-पोषण नहीं कर सकता है. निश्चित तौर पर सरकार ने प्राइवेट एजेंसियों को आउटसोर्सिंग का जिम्मा दे दिया है. इसी कारण से इन लोगों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है. हमलोग चाहते हैं कि रसोईया हो या दैनिक सफाई कर्मी सभी का मानदेय बढ़ाया जाए. इसको लेकर हम सरकार से सदन में जवाब मांगेंगे.
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