पटना: उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बजट पेश करने के दौरान कई बड़ी घोषणा की है. इस वित्तीय वर्ष में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ महिलाओं, पशुधन कृषि और उद्योग के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई है. लेकिन इसके साथ ही विपक्ष ने बजट को मजदूरों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए धोखा बताया है.
इसे भी पढ़ें: बिहार बजट 2021: बोले उद्यमी-'उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी सरकार, उद्योग पर सरकार का ध्यान नहीं'
गरीब विरोधी बजट
विपक्ष ने कहा है कि यह बजट गरीब विरोधी और मजदूर विरोधी है. यह बजट पुरी तरह से कॉरपोरेट परस्त है. भाकपा माले के विधायक गोपाल रविदास ने कहा है कि-
सरकार एक तरफ जहां स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की बात कर रही है. लेकिन आज भी गांव-गांव में जितने भी स्वास्थ्य केंद्र खुले है वहां न डॉक्टर है और न ही दवा की समुचित व्यवस्था है. इस बजट में शिक्षा व्यवस्था पर लड़कियों को सिर्फ पढ़ाने की बात की गई है. लेकिन शिक्षा में सुधार कैसे हो इस बात पर कोई चर्चा नहीं की गई है. -गोपाल रविदास, भाकपा माले विधायक
ये भी पढ़ें: बजट झूठ का पुलिंदा, पढ़ाई और कमाई का जिक्र नहीं: तेजस्वी
डिग्री कॉलेज की नहीं कोई व्यवस्था
गोपाल रविदास ने कहा कि अभी भी गांव और पंचायतों में डिग्री कॉलेज नहीं है. प्रखंड और मुख्यालय अनुमंडल में डिग्री कॉलेज की व्यवस्था नहीं है. बजट में अच्छी खासी वृद्धि देखी गई है, जबकि सच्चाई यह है कि पूरे बिहार में अभी राजस्व घाटे पर है. करोना काल में जिस कदर प्रवासी मजदूरों को नहीं लाया जा रहा था तो भाकपा माले ने लड़-झगड़ कर सभी मजदूरों को बिहार के अंदर लाने का प्रयास किया था. अभी तक जितने भी प्रवासी मजदूर है उन सभी को राशन कार्ड मुहैया नहीं कराया गया है.
कागजों पर दिखावा
भाकपा माले के विधायक गोपाल रविदास और आरजेडी के विधायक रेखा देवी ने कहा है कि सिर्फ कागजों पर ही सब कुछ दिखावा और छलावा किया गया है. जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं है.