ETV Bharat / state

बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर भाकपा माले ने कसा तंज, 1 जुलाई से अभियान की शुरुआत

author img

By

Published : Jun 23, 2021, 7:05 PM IST

बिहार (Bihar) में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भाकपा माले (CPI-ML) ने सरकार पर तंज कसा है. इसके साथ ही 1 जुलाई से 'स्वस्थ बिहार हमारा अधिकार' अभियान की शुरुआत की करने की घोषणा की गयी है.

दीपांकर भट्टाचार्य ने
दीपांकर भट्टाचार्य

पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में भाकपा-माले स्वास्थ्य व्यवस्था और विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार आंदोलन कर रही है. कोरोना काल में जिस तरीके से सरकार के माध्यम से झूठा आंकड़ा पेश किया गया, इसका भी जल्द पर्दाफाश किया जाएगा. भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने ईटीवी भारत (ETV Bharat) से खास बातचीत की. उन्होंने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर हमला बोला.

दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि यदि उचित स्वास्थ्य व्यवस्था होती तो काफी लोगों की जान बच सकती थी. लेकिन लोगों को न तो समय पर एंबुलेंस मिला और न ही उचित इलाज मिल सका. जिस कारण लाखों की संख्या में लोगों की मौत हुई. सरकार अभी भी सतर्क नहीं है.

इसे भी पढ़ें: कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी: भर्ती होंगे 30 हजार स्वास्थ्यकर्मी, नहीं होगी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कमी

1 जुलाई से अभियान की शुरुआत
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि उन्होंने तय किया है कि आगामी 1 जुलाई से 'स्वस्थ बिहार हमारा अधिकार' अभियान की शुरुआत की जाएगी. यह अभियान सिर्फ भाकपा-माले की नहीं बल्कि हर एक नागरिक, स्वास्थ्य कर्मी, डॉक्टर्स, सफाई कर्मी के लिए है. उन्होंने कहा कि सभी लोग इस अभियान में साथ आएं और मिलकर इसे सफल बनाएं.

व्यापक सम्मेलन का किया जाएगा आयोजन
कोरोना महामारी को देखते हुए 1 जुलाई को ऑनलाइन वर्चुअल तरीके से इस मुद्दे को लेकर एक व्यापक जन सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. कोरोना काल में जितने भी लोगों की मृत्यु हुई है, उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि टीकाकरण अभियान तेजी से हो. इसके साथ ही बिहार सरकार के माध्यम से 3 महीने में छह करोड़ लोगों को टीका उपलब्ध कराने की घोषणा की जाए. जिससे बिहार को कोरोना की तीसरी लहर से बचाया जा सके.

ये भी पढ़ें: बिहार में घट रहे कोरोना के नए केस, संक्रमण दर 0.3 फीसदी, जानें स्वास्थ्य विभाग की कार्य योजना

सरकार के माध्यम से झूठा आंकड़ा पेश
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार के माध्यम से लगातार झूठा आंकड़ा पेश किया जा रहा है. चाहे वह आंकड़ा कोरोना जांच का हो या फिर मौत का. उन्होंने कहा कि पार्टी के माध्यम से वास्तविक आंकड़ा पता किया जा रहा है. कार्य काफी तेजी से चल रहा है और अभी जिस तरीके से आंकड़े सामने आ रहे हैं, वह सरकार के आंकड़ों से बिल्कुल अलग है. जिनकी मौत हुई है उनके परिजनों को अब तक मुआवजा भी नहीं मिला है.

मुआवजा देने से बच रही सरकार
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार मुआवजा देने से बचना चाहती है. इसलिए मौत के आंकड़ों का घोटाला कर रही है. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि जल्द से जल्द आंकड़ा निकालें और सरकार और न्यायालय के समक्ष रखें. जिससे जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिजनों को मुआवजा मिल सके. पुलिस जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकार का झूठा चेहरा बेनकाब होगा. जिसके बाद पार्टी के माध्यम से आंदोलन चलाया जाएगा.

'इतनी बड़ी महामारी के बाद जनता में माहौल बन गया है कि बहुत ज्यादा मौतें हुई हैं. इस महामारी के दौरान बहुत से लोगों को बचाया जा सकता था, यदि एक बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था होती. बता दें कि अधिकार के लिए 1 जुलाई से आंदोलन की शुरुआत की जाएगी. 1 तारीख को एक डिजिटल जन सम्मेलन होगा. बिहार में 80 के दशक में प्राइमरी हेल्थ सेंटर बनाये गये थे. उसके बाद गांव में हेल्थ सेंटर बनाया ही नहीं गया. ऐसे हेल्थ सेंटरों की भी जांच की जा रही है.' - दीपांकर भट्टाचार्य, भाकपा माले, राष्ट्रीय महासचिव

पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में भाकपा-माले स्वास्थ्य व्यवस्था और विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार आंदोलन कर रही है. कोरोना काल में जिस तरीके से सरकार के माध्यम से झूठा आंकड़ा पेश किया गया, इसका भी जल्द पर्दाफाश किया जाएगा. भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने ईटीवी भारत (ETV Bharat) से खास बातचीत की. उन्होंने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर हमला बोला.

दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि यदि उचित स्वास्थ्य व्यवस्था होती तो काफी लोगों की जान बच सकती थी. लेकिन लोगों को न तो समय पर एंबुलेंस मिला और न ही उचित इलाज मिल सका. जिस कारण लाखों की संख्या में लोगों की मौत हुई. सरकार अभी भी सतर्क नहीं है.

इसे भी पढ़ें: कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी: भर्ती होंगे 30 हजार स्वास्थ्यकर्मी, नहीं होगी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कमी

1 जुलाई से अभियान की शुरुआत
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि उन्होंने तय किया है कि आगामी 1 जुलाई से 'स्वस्थ बिहार हमारा अधिकार' अभियान की शुरुआत की जाएगी. यह अभियान सिर्फ भाकपा-माले की नहीं बल्कि हर एक नागरिक, स्वास्थ्य कर्मी, डॉक्टर्स, सफाई कर्मी के लिए है. उन्होंने कहा कि सभी लोग इस अभियान में साथ आएं और मिलकर इसे सफल बनाएं.

व्यापक सम्मेलन का किया जाएगा आयोजन
कोरोना महामारी को देखते हुए 1 जुलाई को ऑनलाइन वर्चुअल तरीके से इस मुद्दे को लेकर एक व्यापक जन सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. कोरोना काल में जितने भी लोगों की मृत्यु हुई है, उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि टीकाकरण अभियान तेजी से हो. इसके साथ ही बिहार सरकार के माध्यम से 3 महीने में छह करोड़ लोगों को टीका उपलब्ध कराने की घोषणा की जाए. जिससे बिहार को कोरोना की तीसरी लहर से बचाया जा सके.

ये भी पढ़ें: बिहार में घट रहे कोरोना के नए केस, संक्रमण दर 0.3 फीसदी, जानें स्वास्थ्य विभाग की कार्य योजना

सरकार के माध्यम से झूठा आंकड़ा पेश
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार के माध्यम से लगातार झूठा आंकड़ा पेश किया जा रहा है. चाहे वह आंकड़ा कोरोना जांच का हो या फिर मौत का. उन्होंने कहा कि पार्टी के माध्यम से वास्तविक आंकड़ा पता किया जा रहा है. कार्य काफी तेजी से चल रहा है और अभी जिस तरीके से आंकड़े सामने आ रहे हैं, वह सरकार के आंकड़ों से बिल्कुल अलग है. जिनकी मौत हुई है उनके परिजनों को अब तक मुआवजा भी नहीं मिला है.

मुआवजा देने से बच रही सरकार
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार मुआवजा देने से बचना चाहती है. इसलिए मौत के आंकड़ों का घोटाला कर रही है. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि जल्द से जल्द आंकड़ा निकालें और सरकार और न्यायालय के समक्ष रखें. जिससे जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिजनों को मुआवजा मिल सके. पुलिस जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकार का झूठा चेहरा बेनकाब होगा. जिसके बाद पार्टी के माध्यम से आंदोलन चलाया जाएगा.

'इतनी बड़ी महामारी के बाद जनता में माहौल बन गया है कि बहुत ज्यादा मौतें हुई हैं. इस महामारी के दौरान बहुत से लोगों को बचाया जा सकता था, यदि एक बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था होती. बता दें कि अधिकार के लिए 1 जुलाई से आंदोलन की शुरुआत की जाएगी. 1 तारीख को एक डिजिटल जन सम्मेलन होगा. बिहार में 80 के दशक में प्राइमरी हेल्थ सेंटर बनाये गये थे. उसके बाद गांव में हेल्थ सेंटर बनाया ही नहीं गया. ऐसे हेल्थ सेंटरों की भी जांच की जा रही है.' - दीपांकर भट्टाचार्य, भाकपा माले, राष्ट्रीय महासचिव

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.