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'CM नीतीश ने झूठ बोला, CPI(ML) को नहीं मिली दफ्तर के लिए जमीन, 8 विधायकों को आवास भी नसीब नहीं' - cm nitish kumar

सीएम नीतीश के द्वारा सभी मान्यता प्राप्त राजनैतिक पार्टियों को पार्टी दफ्तर के लिए जमीन मुहैया कराए जाने के बयान से भाकपा माले नाराज है. पार्टी के विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि उनकी पार्टी को अब तक जमीन मुहैया नहीं करवाई गई है. पढ़ें पूरी खबर..

मनोज मंजिल
मनोज मंजिल
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Published : Sep 10, 2021, 10:24 PM IST

पटनाः भाकपा माले (CPI ML) को चुनाव आयोग के द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल (Political Parties) का दर्जा हासिल है. इसके बावजूद बिहार सरकार की तरफ से पार्टी को राजनीतिक दफ्तर (Office) के लिए राजधानी में जमीन तक उपलब्ध नहीं कराई गई है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Cm Nitish Kumar) के द्वारा मान्यता प्राप्त पार्टियों को जमीन मुहैया करवा देने के बयान पर भाकपा माले सीएम पर आरोप लगा रही है.

इसे भी पढ़ें- CPI(ML) ने सरकार को याद दिलाया 19 लाख रोजगार का वादा, कहा- 'नियुक्तियां सिर्फ परीक्षा तक ही सीमित'

आरजेडी के राजनीतिक दफ्तर के विस्तार के मामले में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को दफ्तर के लिए जमीन मुहैया करवा दी गई है. इसके बाद से ही भाकपा माले सरकार पर बौखलाई हुई है. भाकपा माले का कहना है कि नीतीश कुमार झूठी और भ्रामक बातें कह रहे हैं.

देखें वीडियो

भाकपा माले के विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि पार्टी को चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल का दर्जा हासिल है. इसके बावजूद सरकार द्वारा उन्हें अब तक पार्टी के दफ्तर के लिए जगह और जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है. उन्होंने कहा कि विधायक महबूब आलम के आवास पर पार्टी से जुड़े छोटे-मोटे कार्यक्रम और गतिविधियां होती हैं.

मनोज मंजिल ने कहा कि सरकार द्वारा पार्टी दफ्तर के जमीन उपलब्ध न कराए जाने से वह पार्टी कार्यकर्ताओं की बड़ी मीटिंग नहीं बुला पाते हैं. जनता से मिलने में तकलीफ भी होती है. उन्होंने कहा कि सरकार उनके साथ यह पक्षपात पूर्ण रवैया इसलिए करती है क्योंकि भाकपा माले गरीब गुरूबा की पार्टी है और सड़क से सदन तक सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों पर आवाज उठाते रहती है.

विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि सत्ताधारी दल के आए सभी नए विधायकों को विधायक आवास आवंटन हो चुका है और कई को बड़े फ्लैट भी मिले हैं लेकिन भाकपा माले के साथ सरकार इस कदर नाइंसाफी कर रही है कि पार्टी के 12 में से 4 विधायकों को ही विधायक आवास का आवंटन किया गया है. और 8 विधायकों को विधायकों को अब तक आवास आवंटित नहीं हुआ है.

इसे भी पढ़ें- योगी-अखिलेश के ट्विटर वार में चिराग की एंट्री, जमुई सांसद ने खुलकर किया SP सुप्रीमो का समर्थन

बता दें कि जिन चार विधायकों को विधायक आवास आवंटित है वे पूर्व से विधायक रह चुके हैं. महबूब आलम, सत्यदेव राम और सुदामा शाह पिछले समय में भी विधायक थे. और अरुण सिंह पिछली बार हार गए थे, मगर वे पांच बार के चुने हुए विधायक हैं.

मनोज मंजिल ने कहा कि कहा कि बीते 17 जनवरी को भाकपा माले की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी दफ्तर के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आवेदन दिया गया था. इसके साथ ही पार्टी के सभी विधायकों को विधायक आवास आवंटित कराने की भी अपील की गई थी, लेकिन इसपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

"बिहार सरकार भाकपा मामले को 10 दिनों के भीतर कार्यालय के लिए जमीन मुहैया कराए. इसके साथ ही विधायकों को आवास भी आवंटित की जाए. अगर इन मांगों को पूरी नहीं की गई तो भाकपा माले के कार्यकर्ता सड़क से लेकर सदन तक सरकार का विरोध करेगी."- मनोज मंजिल, विधायक, भाकपा माले

मनोज मंजिल, संदीप सौरभ, अजीत कुशवाहा, अमरजीत कुशवाहा, रामबली सिंह यादव, वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, गोपाल रविदास और महानंद सिंह आदि विधायकों को अब तक विधायक आवास मुहैया नहीं करवाई गई है.

पटनाः भाकपा माले (CPI ML) को चुनाव आयोग के द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल (Political Parties) का दर्जा हासिल है. इसके बावजूद बिहार सरकार की तरफ से पार्टी को राजनीतिक दफ्तर (Office) के लिए राजधानी में जमीन तक उपलब्ध नहीं कराई गई है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Cm Nitish Kumar) के द्वारा मान्यता प्राप्त पार्टियों को जमीन मुहैया करवा देने के बयान पर भाकपा माले सीएम पर आरोप लगा रही है.

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आरजेडी के राजनीतिक दफ्तर के विस्तार के मामले में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को दफ्तर के लिए जमीन मुहैया करवा दी गई है. इसके बाद से ही भाकपा माले सरकार पर बौखलाई हुई है. भाकपा माले का कहना है कि नीतीश कुमार झूठी और भ्रामक बातें कह रहे हैं.

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भाकपा माले के विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि पार्टी को चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल का दर्जा हासिल है. इसके बावजूद सरकार द्वारा उन्हें अब तक पार्टी के दफ्तर के लिए जगह और जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है. उन्होंने कहा कि विधायक महबूब आलम के आवास पर पार्टी से जुड़े छोटे-मोटे कार्यक्रम और गतिविधियां होती हैं.

मनोज मंजिल ने कहा कि सरकार द्वारा पार्टी दफ्तर के जमीन उपलब्ध न कराए जाने से वह पार्टी कार्यकर्ताओं की बड़ी मीटिंग नहीं बुला पाते हैं. जनता से मिलने में तकलीफ भी होती है. उन्होंने कहा कि सरकार उनके साथ यह पक्षपात पूर्ण रवैया इसलिए करती है क्योंकि भाकपा माले गरीब गुरूबा की पार्टी है और सड़क से सदन तक सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों पर आवाज उठाते रहती है.

विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि सत्ताधारी दल के आए सभी नए विधायकों को विधायक आवास आवंटन हो चुका है और कई को बड़े फ्लैट भी मिले हैं लेकिन भाकपा माले के साथ सरकार इस कदर नाइंसाफी कर रही है कि पार्टी के 12 में से 4 विधायकों को ही विधायक आवास का आवंटन किया गया है. और 8 विधायकों को विधायकों को अब तक आवास आवंटित नहीं हुआ है.

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बता दें कि जिन चार विधायकों को विधायक आवास आवंटित है वे पूर्व से विधायक रह चुके हैं. महबूब आलम, सत्यदेव राम और सुदामा शाह पिछले समय में भी विधायक थे. और अरुण सिंह पिछली बार हार गए थे, मगर वे पांच बार के चुने हुए विधायक हैं.

मनोज मंजिल ने कहा कि कहा कि बीते 17 जनवरी को भाकपा माले की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी दफ्तर के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आवेदन दिया गया था. इसके साथ ही पार्टी के सभी विधायकों को विधायक आवास आवंटित कराने की भी अपील की गई थी, लेकिन इसपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

"बिहार सरकार भाकपा मामले को 10 दिनों के भीतर कार्यालय के लिए जमीन मुहैया कराए. इसके साथ ही विधायकों को आवास भी आवंटित की जाए. अगर इन मांगों को पूरी नहीं की गई तो भाकपा माले के कार्यकर्ता सड़क से लेकर सदन तक सरकार का विरोध करेगी."- मनोज मंजिल, विधायक, भाकपा माले

मनोज मंजिल, संदीप सौरभ, अजीत कुशवाहा, अमरजीत कुशवाहा, रामबली सिंह यादव, वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, गोपाल रविदास और महानंद सिंह आदि विधायकों को अब तक विधायक आवास मुहैया नहीं करवाई गई है.

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