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विधानसभा में उठा रोजगार का मुद्दा, CPI(ML) ने कहा- बिहार में 84 फीसदी आमदनी घटी, हर तीसरा ग्रेजुएट बेरोजगार - ईटीवी भारत बिहार न्यूज

बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सीपीआईएमएल के विधायक मनोज मंजिल (CPIML MLA Manoj Manzil) ने युवाओं, बेरोजगारों, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा. विधायक ने चुनौती देते हुए कहा कि दो दिनों का अलग से सत्र बुलाना चाहिए, जिसमें रोजगार पर चर्चा किया जा सके. पढ़ें पूरी खबर..

CPIML MLA Manoj Manzil
CPIML MLA Manoj Manzil
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Published : Mar 3, 2022, 5:06 PM IST

पटनाः बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Budget session of bihar assembly) के चौथे दिन सीपीआईएमएल के विधायक मनोज मंजिल (CPIML MLA Manoj Manzil) ने एक बड़ा मुद्दा उठाया. मुद्दा देश सहित प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी (CPI ML MLA Manoj Manzil on Unemployment In Bihar) का. गरीबों की घटती आमदनी का और अमीरों के और अमीर होती कहानी का. चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था का, शिक्षा का. उन्होंने सीधे-सीधे सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि युवाओं के हित में दो दिनों का सत्र बुलाया जाए, जिसमें उनके रोजगार को लेकर बहस हो सके.

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सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन एकोनॉमी के द्वारा जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीपीआई एमएल के अगिआंव विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने कहा कि देश में आज 8 प्रतिशत बेरोजगारी दर है. बिहार के शहरों में 18 प्रतिशत बेरोजगारी है. देश में आधी आबादी मात्र साढ़े हजार रुपये की कमाई पर गुजारा कर रही है. प्रदेश में हर तीसरा ग्रेजुएट बेरोजगार है और सरकार युवाओं को रोजगार देने की बात कहती है.

इसे भी पढ़ें- भाकपा माले विधायक ने सदन में उठाया बेरोजगारी का मुद्दा, कहा- रोजगार कैलेंडर जारी करे सरकार

मनोज मंजिल ने रिपोर्ट के आधार पर आगे कहा कि बिहार में 84 प्रतिशत लोगों की आमदनी घट गई है. वहीं, देश में 102 से 145 अरबपति हो गए. बिहार में विद्यालय, कार्यालय, न्यायालय, पुलिस सहित अन्य विभागों में 60 से 70 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं. शिक्षा मंत्री जी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. जबकि तीन साल मे 37 हजार शिक्षक बहाल हुए. तीन लाख पद खाली पड़े हैं. ये सरकार नौजवानों के सपने मार रही है.

इसे भी पढ़ें- बिहार में का बा, बेरोजगारी बा! 10 महीनों में तीन गुना वृद्धि, NCSP के आंकड़े

विधायक ने बीते दिनों प्रदेश में रेलवे छात्रों के द्वारा किए गए आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि ये नौजवान किसानों और मजदूरों के बच्चे हैं जो रेलवे ट्रैक पर आंदोलन कर रहे थे. ये अस्पतालों में नौकरी करना चाहते हैं. रेलवे में जाना चाहते हैं. लेकिन भर्तियां नहीं है. जब नौकरियां नहीं है, तो आरक्षण किस बात का है. आरक्षण की हत्या की जा रही है.

सीपीआईएमएल विधायक ने चुनौती देते हुए कहा कि सदन में नौकरी पर दो दिनों का सत्र बुला लिया जाए, जिसमें रोजगार पर बात की जाएगी. इसके बाद उन्होंने प्रदेश की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार के अस्पतालों में बदहाली है. पीएमसीएच का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल के ओपीडी में 78 की जगह मात्र 21 दवा ही उपलब्ध है, और यह सरकार सुविधाओं दुरुस्त करने की बातें कहती है. अंत में उन्होंने आम लोगों की जिंदगी की हकीकत को कुछ तुकबंदी भरे शब्दों में बयां किया. विधायक ने कहा "आधी कमाई महंगाई में, आधी कमाई दवाई में, गरीब का खर्चा करीहें बाल-बच्चा की पढ़ाई में."

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पटनाः बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Budget session of bihar assembly) के चौथे दिन सीपीआईएमएल के विधायक मनोज मंजिल (CPIML MLA Manoj Manzil) ने एक बड़ा मुद्दा उठाया. मुद्दा देश सहित प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी (CPI ML MLA Manoj Manzil on Unemployment In Bihar) का. गरीबों की घटती आमदनी का और अमीरों के और अमीर होती कहानी का. चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था का, शिक्षा का. उन्होंने सीधे-सीधे सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि युवाओं के हित में दो दिनों का सत्र बुलाया जाए, जिसमें उनके रोजगार को लेकर बहस हो सके.

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सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन एकोनॉमी के द्वारा जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीपीआई एमएल के अगिआंव विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने कहा कि देश में आज 8 प्रतिशत बेरोजगारी दर है. बिहार के शहरों में 18 प्रतिशत बेरोजगारी है. देश में आधी आबादी मात्र साढ़े हजार रुपये की कमाई पर गुजारा कर रही है. प्रदेश में हर तीसरा ग्रेजुएट बेरोजगार है और सरकार युवाओं को रोजगार देने की बात कहती है.

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मनोज मंजिल ने रिपोर्ट के आधार पर आगे कहा कि बिहार में 84 प्रतिशत लोगों की आमदनी घट गई है. वहीं, देश में 102 से 145 अरबपति हो गए. बिहार में विद्यालय, कार्यालय, न्यायालय, पुलिस सहित अन्य विभागों में 60 से 70 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं. शिक्षा मंत्री जी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. जबकि तीन साल मे 37 हजार शिक्षक बहाल हुए. तीन लाख पद खाली पड़े हैं. ये सरकार नौजवानों के सपने मार रही है.

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विधायक ने बीते दिनों प्रदेश में रेलवे छात्रों के द्वारा किए गए आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि ये नौजवान किसानों और मजदूरों के बच्चे हैं जो रेलवे ट्रैक पर आंदोलन कर रहे थे. ये अस्पतालों में नौकरी करना चाहते हैं. रेलवे में जाना चाहते हैं. लेकिन भर्तियां नहीं है. जब नौकरियां नहीं है, तो आरक्षण किस बात का है. आरक्षण की हत्या की जा रही है.

सीपीआईएमएल विधायक ने चुनौती देते हुए कहा कि सदन में नौकरी पर दो दिनों का सत्र बुला लिया जाए, जिसमें रोजगार पर बात की जाएगी. इसके बाद उन्होंने प्रदेश की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार के अस्पतालों में बदहाली है. पीएमसीएच का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल के ओपीडी में 78 की जगह मात्र 21 दवा ही उपलब्ध है, और यह सरकार सुविधाओं दुरुस्त करने की बातें कहती है. अंत में उन्होंने आम लोगों की जिंदगी की हकीकत को कुछ तुकबंदी भरे शब्दों में बयां किया. विधायक ने कहा "आधी कमाई महंगाई में, आधी कमाई दवाई में, गरीब का खर्चा करीहें बाल-बच्चा की पढ़ाई में."

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