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सारण: किसान आंदोलन के खिलाफ CPI-ML कार्यकर्ताओं ने पीएम का फूंका पुतला

सारण में किसान आंदोलन के खिलाफ भाकपा-माले के कार्यकर्ताओं ने पीएम का पुतला दहन किया. सचिव ने कहा कि केन्द्र सरकार का असली मकसद खेती को निजी कंपनियों के हाथ सौंपना है.

protest in saran
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Published : Dec 1, 2020, 5:44 PM IST

सारण: अमनौर प्रखंड के भेल्दी में भाकपा-माले के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन किया. किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार की ओर से दमनकारी रुख के खिलाफ भाकपा-माले बिहार राज्य नेतृत्व के आवाहन पर प्रतिवाद दिवस मनाया गया.

कार्यकर्ताओं ने निकाला आक्रोश मार्च
केन्द्र सरकार के खिलाफ पूरे बाजार में आक्रोश मार्च और विरोध मार्च निकालते हुए सचिव ने कहा कि इस कानून का असली मकसद जमाखोरी चालू करना, मंडी खत्म करना और खेती को निजी कंपनियों के हाथ सौंपना है.

अध्यादेश वापस लेने की मांग
अध्यादेश लागू होने पर व्यापारी कृषि उत्पाद खरीद कर जमाखोरी करके अपनी मनमर्जी से रेट तय करके बेचेंगे. इससे किसान और उपभोक्ता दोनों को नुकसान होगा. इसका एक ही उद्देश्य है कि कंपनियों को अधिक से अधिक लाभ हो. इसलिए हमलोग अध्यादेश का विरोध करते हुए इस अध्यादेश को वापस लेने की मांग करते हैं.

saran
प्रदर्शन करते कार्यकर्ता

किसानों पर बर्बरता पूर्ण व्यवहार
पंजाब और हरियाणा में केन्द्र सरकार की ओर से किसानों पर बर्बरता पूर्ण व्यवहार से नाराज वामपंथी नेताओं ने कहा कि जब तक सरकार किसान बिल वापस नहीं लेती, तब तक विरोध जारी रहेगा.

कई लोग रहे मौजूद
इस मौके पर भाकपा-माले के सचिव जनार्दन शर्मा और भाजपा के अमनौर अंचल सचिव अवधेश राय, पैगा मित्रसेन पंचायत के सरपंच बिजेन्द्र राय, कालेश्वर महतो सुरेश राय, कलिंदर बैठा और अनिल राय इत्यादि शामिल हुए.

सारण: अमनौर प्रखंड के भेल्दी में भाकपा-माले के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन किया. किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार की ओर से दमनकारी रुख के खिलाफ भाकपा-माले बिहार राज्य नेतृत्व के आवाहन पर प्रतिवाद दिवस मनाया गया.

कार्यकर्ताओं ने निकाला आक्रोश मार्च
केन्द्र सरकार के खिलाफ पूरे बाजार में आक्रोश मार्च और विरोध मार्च निकालते हुए सचिव ने कहा कि इस कानून का असली मकसद जमाखोरी चालू करना, मंडी खत्म करना और खेती को निजी कंपनियों के हाथ सौंपना है.

अध्यादेश वापस लेने की मांग
अध्यादेश लागू होने पर व्यापारी कृषि उत्पाद खरीद कर जमाखोरी करके अपनी मनमर्जी से रेट तय करके बेचेंगे. इससे किसान और उपभोक्ता दोनों को नुकसान होगा. इसका एक ही उद्देश्य है कि कंपनियों को अधिक से अधिक लाभ हो. इसलिए हमलोग अध्यादेश का विरोध करते हुए इस अध्यादेश को वापस लेने की मांग करते हैं.

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प्रदर्शन करते कार्यकर्ता

किसानों पर बर्बरता पूर्ण व्यवहार
पंजाब और हरियाणा में केन्द्र सरकार की ओर से किसानों पर बर्बरता पूर्ण व्यवहार से नाराज वामपंथी नेताओं ने कहा कि जब तक सरकार किसान बिल वापस नहीं लेती, तब तक विरोध जारी रहेगा.

कई लोग रहे मौजूद
इस मौके पर भाकपा-माले के सचिव जनार्दन शर्मा और भाजपा के अमनौर अंचल सचिव अवधेश राय, पैगा मित्रसेन पंचायत के सरपंच बिजेन्द्र राय, कालेश्वर महतो सुरेश राय, कलिंदर बैठा और अनिल राय इत्यादि शामिल हुए.

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