पटना: बिहार झारखंड रीजनल कमेटी भाकपा माओवादी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है. इसमें 24 और 25 मार्च को दक्षिणी बिहार और पश्चिमी झारखंड को बंद करने का आह्वान किया गया है. वहीं, पत्र में पुलिस पर पिटाई और हत्या का आरोप लगाया गया है.
भाकपा माओवादी की ओर जारी पत्र में कहा गया है कि पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों, प्रतिक्रियावादी राजनेताओं और विश्वासघातियों ने एक साथ मिलकर षड्यंत्र रचकर उनकी पार्टी के कई नेताओं की काफी पिटाई की. इसके बाद झूठे मुठभेड़ के नाम पर उनकी हत्या कर दी. इसलिए इस हत्या के खिलाफ बिहार और झारखंड को बंद किया जा रहा है. इस पत्र में लोगों से सहयोग करने की अपील की गई है.
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दो दिनों के लिए बंद का ऐलान
भाकपा माओवादी ने बताया कि झूठे मुठभेड़ के नाम पर कामरेड अमरेश सिंह भोक्ता, कामरेड उदय पासवान, कामरेड सीता भुईया और कामरेड शिवपूजन यादव की बर्बर हत्या कर दी गई. इसी वजह से सरकार के खिलाफ बिहार और झारखंड को दो दिनों के लिए बंद किया जा रहा है.
नक्सलियों के पास से अत्याधुनिक हथियार बरामद
बता दें कि बिहार झारखंड में इन दिनों में लगातार पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के मामले सामने आ रहे हैं. कुछ दिन पहले गया के डुमरिया थाना क्षेत्र स्थित कोण के जंगल में पुलिस के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हुई. इसमें 4 नक्सली ढ़ेर हो गए. वहीं, नक्सलियों के पास से पुलिस ने अत्याधुनिक हथियार भी बरामद किए हैं.
जंगल में सर्च ऑपरेशन
बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ और पुलिस की टीम नक्सलियों की तलाश में जंगल में कांबिंग कर रही है. सीआरपीएफ के 159 बटालियन को गुप्त सूचना मिली थी कि जंगल में नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने को लेकर इकट्ठा हुए हैं, तभी स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के बटालियन द्वारा जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. पुलिस को आते ही देख नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी. वहीं, जबावी कार्रवाई में भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर सहित चार नक्सली मारे गए थे.
मामले की जांच की मांग
इस पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ को नक्सली संगठन ने फर्जी मुठभेड़ करार दिया है. बिहार झारखंड रीजनल कमेटी भाकपा माओवादी की तरफ से जो जारी पत्र में मेडिकल, हॉस्पिटल, एंबुलेंस, दूध विक्रेता और बराती गाड़ी सहित प्रेस मीडिया को बंद के दौरान भी कोई रोकटोक नहीं किया गया है. वहीं, भाकपा माओवादी की ओर से मामले की जांच की मांग की गई है.