पटना: किसानों का आंदोलन अबे पूरे देश में तूल पकड़ चुका है. विभिन्न किसान संगठन तो किसान आंदोलन को समर्थन तो दे ही रहे हैं. अब राजनीतिक दलों ने भी समर्थन देना शुरू कर दिया है. जिसमें भाकपा माले शुरुआती दिनों से ही काफी एक्टिव दिख रही है. भाकपा माले ने पूरे जनवरी में विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए किसान आंदोलन को तेज करने और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की योजना बनाई है.
भाकपा माले ने किसान विरोधी काले कानून से क्या कुछ नुकसान है. इसको लेकर 'किसान संघर्ष क्यों' पुस्तक का भी लोकार्पण किया है. भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने पटना में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मानव श्रृंखला बनाना था. लेकिन अब 30 जनवरी को बनाया जाएगा. पूरे बिहार में 30 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाकर कृषि कानून को रद्द करने की मांग की जाएगी.
'किसानों के समर्थन में पूरे बिहार में अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो चुका है. आगामी 13 जनवरी को कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर हम विरोध दर्ज करेंगे. 18 जनवरी को किसान आंदोलन के समर्थन में महिला प्रतिवाद करेंगी. महिला किसान सड़कों पर उतर कर कृषि विरोधी काले कानून के खिलाफ प्रदर्शन करेंगीं': कुणाल, राज्य सचिव, भाकपा माले
23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर भी कार्यक्रम कर बिहार में किसान आंदोलन को मजबूत किया जाएगा. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को पूरे राज्य में मशाल जुलूस निकाला जाएगा. 26 जनवरी को 'खेती बचाओ देश बचाओ, संविधान बचाओ' संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाएगा और पूरे देश में आंदोलन को तेज करने की आगे की रणनीति बनाई जाएगी- भाकपा माले