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पटना पहुंची लखीमपुर खीरी हिंसक घटना की 'आग', PM का पुतला दहन कर जमकर नारेबाजी - पटना में सीपीआईएमएल का प्रदर्शन

लखीमपुर खीरी हिंसक घटना (Lakhimpur Kheri Violence) के विरोध में सीपीआई (माले) के कार्यकर्ताओं ने पटना में पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका और दोषियों को फांसी देने की मांग की. इनका आरोप है कि सरकार किसान आंदोलन को कुचलना चाहती है. पढ़ें पूरी खबर

CPIML protest in Patna
CPIML protest in Patna
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Published : Oct 4, 2021, 6:58 PM IST

पटना: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Violence) में 3 अक्टूबर 2021 को प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलकर हत्या करने की घटना के खिलाफ जगह जगह विरोध प्रदर्शन जारी है. पटना के स्टेशन गोलम्बर से लेकर डाकबंगला चौक तक सरकार के खिलाफ प्रतिशोध मार्च (Protest In Patna) निकाला गया. जिसमें सीपीआई माले के भी नेताओं ने भाग लिया.

यह भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी हिंसक घटना के विरोध में वाम दलों का प्रदर्शन, PM मोदी का फूंका पुतला

इस दौरान जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई और पुतला दहन किया गया. बात दें कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति बिहार द्वारा पटना जंक्शन गोलम्बर से एक 'प्रतिरोध मार्च' निकाला गया. यह प्रतिरोध मार्च डाक बंगला चौराहे तक गया. उसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन किया गया.

देखें वीडियो

प्रदर्शकारी हत्यारों को गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. कार्यक्रम में किसान सभा के सचिव सोने लाल, किसान महासभा के उमेश सिंह, किसान सभा के रामाधार सिंह, मणिकांत पाठक, जनवादी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी, सीटू के अरुण मिश्रा,रास बिहारी सिंह, ऐटेक के गजनफर नवाब, येक्टू रणविजय के अलावा विधायक गोपाल रविदास, महबूब आलम, डी वाई एफ आई के रजनीश कुमार सहित अन्य जन संघठन के लोग मौजूद थे.

यह भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी हिंसा पर RJD- 'किसान आंदोलन को सरकार कुचल नहीं सकी तो किसानों को ही कुचल दिया'

"किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए मोदी सरकार किसानों की हत्या करके दबाना चाहती है. विपक्ष के नेता को घटनास्थल पर जाने से रोका जा रहा है. मोदी सरकार हिटलर शाही नीतियों पर चल रही है. देश के किसान और जनतंत्र प्रेमी इनके मंसूबे को विफल कर देंगे. आंदोलन तीनों काला कृषि कानून को रद्द होने तक आंदोलन जारी रहेगा."- महबूब आलम, विधायक

यह भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी हिंसा : ETV BHARAT से बोले अखिलेश यादव- इतनी तानाशाही हिटलर के शासन काल में भी नहीं थी

पटना: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Violence) में 3 अक्टूबर 2021 को प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलकर हत्या करने की घटना के खिलाफ जगह जगह विरोध प्रदर्शन जारी है. पटना के स्टेशन गोलम्बर से लेकर डाकबंगला चौक तक सरकार के खिलाफ प्रतिशोध मार्च (Protest In Patna) निकाला गया. जिसमें सीपीआई माले के भी नेताओं ने भाग लिया.

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इस दौरान जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई और पुतला दहन किया गया. बात दें कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति बिहार द्वारा पटना जंक्शन गोलम्बर से एक 'प्रतिरोध मार्च' निकाला गया. यह प्रतिरोध मार्च डाक बंगला चौराहे तक गया. उसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन किया गया.

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प्रदर्शकारी हत्यारों को गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. कार्यक्रम में किसान सभा के सचिव सोने लाल, किसान महासभा के उमेश सिंह, किसान सभा के रामाधार सिंह, मणिकांत पाठक, जनवादी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी, सीटू के अरुण मिश्रा,रास बिहारी सिंह, ऐटेक के गजनफर नवाब, येक्टू रणविजय के अलावा विधायक गोपाल रविदास, महबूब आलम, डी वाई एफ आई के रजनीश कुमार सहित अन्य जन संघठन के लोग मौजूद थे.

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"किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए मोदी सरकार किसानों की हत्या करके दबाना चाहती है. विपक्ष के नेता को घटनास्थल पर जाने से रोका जा रहा है. मोदी सरकार हिटलर शाही नीतियों पर चल रही है. देश के किसान और जनतंत्र प्रेमी इनके मंसूबे को विफल कर देंगे. आंदोलन तीनों काला कृषि कानून को रद्द होने तक आंदोलन जारी रहेगा."- महबूब आलम, विधायक

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