पटनाः बिहार में शिक्षक बहाली नियमावली को लेकर लगातार विरोध हो रहा है. मंगलवार को एक बार फिर पटना में शिक्षकों का प्रदर्शन देखने को मिला. अब भाकपा माले विधायक भी शिक्षकों के समर्थन में आ गए हैं. विधायकों ने कहा कि शिक्षक की मांग जायज है. इससे पहले भी हमलोगों ने सरकार से डोमिलाइल नीति लागू करने के लिए ध्यान आकर्षित कराया है. भाकपा विधायक ने कहा कि शिक्षकों के समर्थन में लाठी और गोली भी खानी पड़ी तो इसके लिए तैयार हैं.
पटना में शिक्षकों का प्रदर्शनः मंगलवार को बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ और बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले नियोजित शिक्षकों ने मंगलवार को गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शन किया. नियोजित शिक्षकों ने सरकार से बिना किसी परीक्षा के राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग की है. बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के धरना प्रदर्शन की अगुवाई भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ ने की. हजारों की तादाद में शिक्षक मौजूद रहे. शिक्षकों की मांग को समर्थन देने के लिए विधानसभा के भोजन अवकाश के समय भाकपा माले के सभी विधायक धरना प्रदर्शन में शरीक हुए.
'शिक्षकों के लिए गोली भी खाएंगे': भाकपा माले विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि शिक्षकों की मांगे जायज है. नियोजित शिक्षकों को सरकार बिना किसी शर्त के राज्यकर्मी बनाए. सोमवार को पार्टी विधायक दल की ओर से विधानसभा में सरकार का ध्यानाकर्षण में कराया गया था. शिक्षक बहाली में बिहार में डोमिसाइल नीति लागू किया जाए. नियोजित शिक्षकों को परीक्षा से बाहर रखते हुए सीधे राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के समर्थन में गोली खाने के लिए भी तैयार हैं.
"शिक्षकों के साथ भाकपा माले पूरी मजबूती के साथ खड़ी है. सरकार चाहे लाठी चलाएं या गोली. पीठ दिखा कर भागने वालों में से नहीं हैं. जो भी हो जाए शिक्षकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मजबूती से डटकर रहेंगे. शिक्षकों की मांग जायज है. इसके लिए सरकार का भी ध्यान आकर्षित कराया गया है." -सुदामा प्रसाद, विधायक, भाकपा माले
'शिक्षकों की मांगें जायज': भाकपा माले विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि नियोजित शिक्षकों की मांगें जायज है. कुछ लोग राजनीतिक लाभ लेना चाह रहे हैं. भाजपा के लोगों से शिक्षकों को बचकर रहने की जरूरत है. भाजपा जब सत्ता में थी तो कहती थी कि शिक्षक कभी भी राज्यकर्मी नहीं बनेंगे. आज शिक्षकों के माध्यम से अपनी राजनीतिक रोटी सेक रहे हैं.
"हमलोगों ने मजबूती से सरकार के सामने शिक्षकों की बातों को रखा है. सरकार को शिक्षकों की बात सुनना पड़ेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आश्वासन दिया है कि शिक्षक नियमावली पर विचार करेंगे. शिक्षकों की मांग है, उसको भी देखेंगे. शिक्षकों की जायज मांग पूरी होगी. बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा."- अमरजीत कुशवाहा, विधायक, भाकपा माले
सरकार के प्रति आक्रोशः इस दौरान शिक्षकों ने भी सरकार के प्रति आक्रोश जताया. नियोजित शिक्षक अनूप कुमार ने कहा कि शिक्षक जीवन भर सिर्फ परीक्षा देते रहेंगे क्या. उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद b.ed किया, फिर पात्रता परीक्षा, दक्षता परीक्षा पास की है. अब सरकार उनकी गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए बीपीएससी से परीक्षा लेने की बात कह रही रही है. शिक्षकों का कहना है कि वे लोग परीक्षा नहीं देंगे. हर हाल में उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा चाहिए.
"पूछना चाहेंगे कि सरकार नियोजित शिक्षकों का जीवन भर सिर्फ परीक्षा लेती रहेगी. हमलोग परीक्षा नहीं देंगे और हर हाल में राज्य कर्मी का दर्जा लेंगे. इसके साथ ही समान काम के बदले समान वेतनमान भी चाहिए." - अनूप कुमार, नियोजित शिक्षक
क्या है मामलाः सरकार ने बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा ले रही है. नियोजित शिक्षक इसी परीक्षा का विरोध कर रहे हैं. शिक्षकों का मानना है कि सरकार जानबूझकर उसके साथ ऐसा कर रही है, ताकि कई शिक्षक फेल हो जाएं. ऊपर से डोमिसाइल नीति को हटा दिया गया है. इससे अन्य राज्य के अभ्यर्थी भी इसमें भाग ले सकेंगे. इससे बिहार के अभ्यर्थियों के लिए कंपटीशन बढ़ जाएग. इसी के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है.