पटनाः बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने पटना जंक्शन पर दूसरे शहरों से पटना पहुंचने वाले लोगों की कोविड-19 जांच (Covid test at Patna done by sitting on floor) की व्यवस्था की है. चीन, अमेरिका सहित विश्व के अन्य देशों में अचनाक दोबारा से आए कोरोना महामारी को देखते हुए बिहार सरकार (Bihar alert on corona cases) ने सावधानी बरतने को कहा है. इसके बावजूद यहां जांच के दौरान लापरवाही नजर आ रही है.
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जांच के लिए तीन टीम का गठनः सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने पटना रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले सभी यात्रियों के लिए कोविड-19 की जांच की व्यवस्था के लिए तीन टीम का गठन किया है. लेकिन आलम यह है कि दूसरे शहरों से पटना पहुंचने वाले लोगों में से कुछ ही लोगों की कोरोना जांच की जा रही है. बाकी यात्री स्टेशन के अन्य रास्तों से बाहर निकलने में सफल हो जा रहे हैं. वहीं कोविड जांच की टीम को फर्श पर बैठकर के कोविड टेस्ट करना पड़ रहा है, जिसमें दो महिला कर्मी है और एक पुरुष कर्मी शामिल हैं.
टेस्ट करने में हो रही काफी परेशानीः इन कर्मियों का कहना है कि ना कोई टेबल कुर्सी की व्यवस्था की गई है और ना ही कोई पुलिस प्रशासन की टीम जांच में मदद कर रही है. ठंड में फर्श पर बैठकर ही टेस्ट की व्यवस्था की गई है, जिस कारण से टेस्ट में काफी परेशानी हो रही है. एक महिला स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि सुबह से 11:30 बजे तक 9 लोगों का कोविड टेस्ट किया गया है, जिनमें सभी लोगों का टेस्ट निगेटिव पाया गया है.
"स्वास्थ्य समिति की तरफ से यहां पर टेबल, कुर्सी की व्यवस्था होना चाहिए जिससे कि आसानी से हम लोग कोविड टेस्ट कर सके. ठंड में फर्श पर बैठकर ही टेस्ट करना पड़ रहा है. अभी तक 9 लोगों का कोविड टेस्ट किया गया है, सभी लोगों का टेस्ट निगेटिव है"- रेखा कुमारी, स्वास्थ्यकर्मी
कई यात्रियों की नहीं हो पा रही जांचः आपको बता दें कि बड़ी संख्या में यात्री अन्य रास्तों से स्टेशन के बाहर निकल जा रहे. इस संबंध में पटना स्टेशन पर तैनात स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि टीम से जो भी यात्री मुख्य द्वार से निकलते हैं उनकी जांच की जा रही है. अन्य रास्तों से निकल रहे यात्रियों के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि और किसी गेट पर जांच की टीम नहीं है. भले ही स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कोविड टेस्ट की व्यवस्था कर दी गई है लेकिन कहीं ना कहीं यह सिर्फ नाम की जांच की जा रही है . स्वास्थ्य कर्मियों को भी जांच करने में परेशानी हो रहा है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के तरफ से उनके बैठने की व्यवस्था नहीं की गई है.