पटना: महिलाओं को लज्जा और मानसिक दबाव से निकालने के लिए 'कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी' एक सरल माध्यम है. एनएमसीएच की स्त्री प्रसूति एवं बांझपन रोग विशेषज्ञ डॉ नीलू प्रसाद ने बताया कि उम्र बढ़ने के बाद महिलाओं में होने वाली कई समस्याओं को कॉस्मेटिक सर्जरी से ठीक किया जा रहा है. कई परेशानियां हैं, जिसे महिलाएं खुलकर बोल नहीं सकती लेकिन कॉस्मेटिक सर्जरी से उनका इलाज आसानी से होता है, जिससे उन्हें एक बेहतर जीवन मिलता है. यह महिलाओं के खूबसूरती को बढ़ाने में भी काफी कारगर साबित होता है.
कैसे होता है इलाज?: नीलू प्रसाद बताती हैं कि कॉस्मेटिक गाइन्कोलॉजी में मरीजों का इलाज लेजर के जरिए किया जाता है. उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में पेशाब न रोक पाना, खांसते या छींकते वक्त पेशाब निकल जाना, योनी मार्ग ढीला हो जाना या सूखा पड़ जाना, सेक्स में रुची नहीं होना, संभोग के समय दर्द महसूस होना जैसी समस्याएं होती हैं. इसका हल इन लेजर मशीनों की मदद से किया जाता है. साथ ही प्रसव और ऑपरेशन के बाद टांकों का निशान मिटाने या झाईयां मिटाने के लिए भी कास्मेटिक गाइन्कोलॉजी काफी कारगर है. यह इलाज चार स्टेप में पूरा होता है.
"कॉस्मेटिक गाइन्कोलॉजी में मरीजों का इलाज लेजर के जरिए किया जाता है. उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं में पेशाब न रोक पाना, खांसते या छींकते वक्त पेशाब निकल जाना, योनी मार्ग ढीला हो जाना या सूखा पड़ जाना, सेक्स में रुचि नहीं होना, संभोग के समय दर्द महसूस होना जैसी समस्याएं होती हैं. इसका हल इन लेजर मशीनों की मदद से किया जाता है. साथ ही प्रसव और ऑपरेशन के बाद टांकों का निशान मिटाने या झाईयां मिटाने के लिए भी कास्मेटिक गाइन्कोलॉजी काफी कारगर है."- डॉ नीलू प्रसाद, स्त्री प्रसूति एवं बांझपन रोग विशेषज्ञ
क्या हैं इसके फायदे?: डॉक्टर बताती हैं कि कॉस्मेटिक गाइन्कोलॉजी में सबसे बड़ा फायदा है कि इसमें मरीज को बेहोश करने की जरूरत नहीं पड़ती है, न ही इसमें किसी तरह का कोई चीरा लगाया जाता है. कॉस्मेटिक सर्जरी की गई लिए वह मरीजों को किसी तरह के घरेलू काम काज करने पर भी पाबंदी नहीं लगाती हैं. मरीज इसमें अपने इलाज के साथ-साथ सामान्य जीवन जी सकती है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. इससे कई ऐसी महिलाओं को एक नया जीवन दिया हैं जिनके लिए कम उम्र में ही डायपर पहनना मजबूरी बन गया था.
क्या है अनस्पोकेन प्रॉब्लम?: नीलू प्रसाद ने बताया कि आम भाषा में महिलाओं की इस समस्या को 'अनस्पोकेन प्रॉब्लम' कहा जाता है. ज्यादातर महिलाएं इन समस्याओं के बारे में खुल के बात नहीं कर पाती हैं. इन समस्याओं के बारे में वे न तो परिवार वालों से बात करती हैं न ही डॉक्टर से. ऐसे में धीरे-धीरे समस्या बढ़ती चली जाती है. हालांकि अब समय थोड़ा बदल रहा है. अब महिलाओं को ये जानकारी मिलने लगी है कि इन समस्याओं का समाधान है तो वो इसे लेकर खुलकर बात करती हैं.