पटना: राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं, राजधानी पटना में पिछले कुछ दिनों से पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद अब टेस्टिंग की रिपोर्ट भी समय पर नहीं आ रही है.
आरएमआरआई जैसी संस्था, जो दिन भर में 2 बार जांच रिपोर्ट का बुलेटिन जारी करती थी. उसने बुधवार के दिन देर रात 9 बजे तक कोई भी बुलेटिन जारी नहीं किया. जिससे जांच रिपोर्ट को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
सिविल सर्जन ने दी जानकारी
पटना जिले में कोरोना के मरीजों के बारे में अपडेट बताते हुए पटना जिला के सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने कहा कि रात 9 बजे तक उनके पास आरएमआरआई का कोई अपडेट नहीं आया है. उन्होंने बताया कि उनके पास अन्य सोर्सेस से जो जानकारी आती है, उसके मुताबिक बुधवार के दिन 9 मरीजों का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. उन्होंने बताया कि चार पॉजिटिव रिपोर्ट निजी पैथोलॉजी से आई हैं, जिनमें दो पैथ काइंड से हैं और दो सेन डायग्नोस्टिक से आई हैं. उन्होंने बताया कि पीएमसीएच में दिन के पहले बुलेटिन के मुताबिक 5 रिपोर्ट पॉजिटिव आए है, जिसमें चार पटना के मरीज हैं.
- मंगलवार को पाए गए 157 नए मामलों में सर्वाधिक 35 नये मामले पटना जिला से थे.
- सिविल सर्जन की मानें, तो पटना में 9 नए मरीजों के मिलने के बाद कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 490 हो गई है.
- इनमें से 287 मरीज डिस्चार्ज किए जा चुके हैं.
- 4 की मौत हुई है.
'बढ़ सकता है डेथ रेट'
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने कहा कि अभी तक यह राहत की बात है कि जितने भी पॉजिटिव रिपोर्ट आई हैं, उसमें 90% के लगभग एसिंप्टोमेटिक पेशेंट हैं. डॉ. चौधरी ने कहा कि कोविड-19 मरीजों के बढ़ने की संभावनाएं हाल के दिनों में बढ़ी हैं क्योंकि अब जांच ज्यादा हो रही है. रोजाना पटना जिले में पांच सौ से ज्यादा टेस्टिंग की जा रही है. उन्होंने वर्तमान स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि जितने भी प्रवासी वापस बिहार आए हैं और सीधे अपने घरों में जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में उनके घर में जो लो इम्यूनिटी के लोग हैं और जो बुजुर्ग लोग हैं. उनमें अगर यह संक्रमण फैलेगा, तो ऐसी स्थिति में यह काफी घातक होगा और कोरोना से डेथ रेट भी बढ़ेगा.
- पिछले दिनों पीएमसीएच के कुछ जूनियर डॉक्टर कोविड-19 के पॉजिटिव पाए गए. उनके बारे में सिविल सर्जन ने बताया कि सभी स्वस्थ हैं और सभी एसिंप्टोमेटिक हैं. जल्द ही सभी नौजवान डॉक्टर फिट होकर ड्यूटी पर आ जाएंगे.