ETV Bharat / state

बिहार में मई के शुरुआत में पीक पर होगा कोरोना, IMA के इन सुझावों से कोरोना को दें मात - Corona infection in Bihar

प्रदेश में कोरोना संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है और अप्रैल के 25 दिनों में ही सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या 650 के पार जा चुकी है. संक्रमण के मामले में आए दिन बेतहाशा वृद्धि देखने को मिल रही है और प्रदेश का कोई भी जिला संक्रमण से अछूता नहीं है.

पटना
पटना
author img

By

Published : Apr 26, 2021, 9:04 PM IST

Updated : Apr 27, 2021, 2:33 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. कुछ दिनों पहले डॉक्टर जहां अप्रैल के तीसरे-चौथे सप्ताह में कोरोना संक्रमण के सेकंड वेव के पीक होने का अनुमान लगा रहे थे, वो अब बदल गया है. चिकित्सा जगत से जुड़े लोग अब ये कह रहे हैं कि अभी पीक आना बाकी है. चिकित्सक ये अनुमान लगा रहे हैं कि कोरोना संक्रमण का पीक मई के शुरुआत से शुरू होगा और आखिरी सप्ताह तक चलेगा. आने वाले दिनों में ये और अधिक भयावह होने वाली है.

ये भी पढ़ें- कोरोना को लेकर CM नीतीश की हाईलेवल मीटिंग, हर हाल में ऑक्सीजन आपूर्ति करने का निर्देश

''प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पीक मई के पहले सप्ताह से शुरू होगा और आखिरी सप्ताह तक चलेगा. मई में कोरोना के मामलों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिलेगी. अभी अस्पतालों में मरीज के लिए बेड नहीं हैं और कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई है. कोरोना के सेकंड वेव के पीक से निपटने के लिए सरकार को कई जरूरी कदम उठाने की जरूरत है''- डॉ. विमल कारक, कार्यकारी अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार

डॉ. विमल कारक, कार्यकारी अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार
डॉ. विमल कारक, कार्यकारी अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार

रिक्त पदों को भरने की जरूरत
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. विमल कारक ने कहा कि प्रदेश में जितने भी स्वास्थ्य कर्मियों के पद रिक्त पड़े हैं उन्हें अविलंब 2 से 3 दिन में भरा जाए. प्रदेश में 70 फीसदी स्वास्थ्य कर्मी जिसमें डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और वार्ड बॉय शामिल हैं इनके पद रिक्त पड़े हुए हैं.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

अस्थाई की जगह दें परमानेंट जॉब
मुख्यमंत्री ने जल्द वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से इन पदों को भरने के निर्देश दिए हैं, लेकिन ये सिर्फ 3 महीने के लिए हैं. अगर परमानेंट जॉब के लिए सरकार इन मेडिकल कर्मियों को बुलाए तो निश्चित रूप से काफी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी सामने आएंगे. चिकित्सा जगत के सभी रिक्त पदों को 2 से 3 दिनों के अंदर भरने की आवश्यकता है.

IMA ने दिए सुझाव
IMA ने दिए सुझाव

अस्पतालों में बढ़ाए जाएं बेड
डॉ. विमल कारक ने कहा कि इसके अलावा अभी के समय अस्पतालों में कोरोना मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं, ये गंभीर समस्या है. प्रदेश के कई सरकारी अस्पताल ऐसे हैं जहां आसानी से 400 से 500 बेड तक बढ़ाए जा सकते हैं. ऐसे में इन अस्पतालों में अविलंब बेड बढ़ाने की आवश्यकता है. पीएमसीएच में राजेंद्र सर्जिकल के ग्राउंड फ्लोर पर 100 बेड का कोरोना वार्ड है और इसी भवन में आसानी से और 400 बेड बढ़ाए जा सकते हैं.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाने की जरूरत
पीएमसीएच में पाइपलाइन से ऑक्सीजन सप्लाई की भी व्यवस्था है, इस वजह से इसे अविलंब बढ़ाने की आवश्यकता है. ताकि इलाज की उम्मीद से पीएमसीएच पहुंचने वाले कोरोना मरीजों को बिना इलाज कराए निराश होकर वापस न लौटना पड़े.

ये भी पढ़ें- ना जीते जी दवा मिली और न ही मरने के बाद सम्मान, शवोंं के साथ ये कैसा दुर्व्यवहार

सरकार की अहम जिम्मेदारी
प्रतिदिन ये देखने को मिल रहा है कि काफी संख्या में प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है, ऐसे में सरकार द्वारा अस्पतालों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति कराने की जरूरत है. सरकार अगर कोरोना मरीज के लिए बेड बढ़ा रही है तो उसी अनुसार ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था करने की भी जरूरत है. 100 बेड के कोरोना वार्ड में प्रतिदिन 300 से 350 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत होती है, ऐसे में इतने मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता कराना सरकार की जिम्मेदारी है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

कोरोना का थर्ड म्युटेंट ज्यादा खतरनाक
डॉ. विमल कारक ने कहा कि प्रदेश में अभी कोरोना का सेकंड म्युटेंट ही आया है और कई जगह थर्ड म्युटेंट आ चुका है. थर्ड म्युटेंट काफी खतरनाक है और इसमें मरीज को संभलने का मौका नहीं मिल रहा है. थर्ड म्युटेंट में ये देखने को मिल रहा है कि संक्रमण के 3 से 4 दिन के अंदर मरीज की मौत हो जा रही है.

सेकंड वेव का पीक आना बाकी
प्रदेश में अभी सेकंड वेव का पीक आना बाकी है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि सबसे पहले सभी जिले में एक को-आर्डिनेशन कमेटी बनाए. जिसमें बिहार आईएमए के सदस्य, भाषा के सदस्य, नगर निगम, नगर परिषद, जिला पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सदस्य शामिल हो. इन सदस्यों को मिलाकर को-आर्डिनेशन कमेटी की जो टीम बनेगी वो निश्चित रूप से इस महामारी से मिलजुल कर एक सार्थक लड़ाई लड़ पाएगी और सफल भी होगी.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

गांवों में तेजी से फैल रहा संक्रमण
डॉ. विमल कारक ने कहा कि बीते 5 से 6 दिनों में गांव के तरफ संक्रमण काफी तेजी से फैलने लगा है. ऐसे में संक्रमण को काबू में करने के लिए जांच की व्यवस्था बढ़ाने की जरूरत है. गांवों में प्रखंड स्तर पर आरटीपीसीआर जांच की सुविधा शुरू करना बेहद आवश्यक हो गया है. अभी लग्न का सीजन चल रहा है, ऐसे में सरकार ने अधिकतम लोगों की जो सीमा निर्धारित की है, उस पर निगरानी रखने की जरूरत है और सीमा से अधिक लोग पहुंचते हैं, तो वहां कार्रवाई की आवश्यकता है.

ड्रग कंट्रोलर एजेंसी रखें निगरानी
उन्होंने कहा कि उन्हें प्रतिदिन 200 से 250 कॉल आते हैं और ये ऐसे लोग होते हैं जिनमें कोरोना के लक्षण होते हैं. वो उन लोगों को जरूरी चिकित्सीय परामर्श देते हैं. मगर कई बार ये होता है कि वो जो दवाएं जैसे कि आईवर्मेक्टिन, अजिथ्रोमायसिन और जिंकोविट की दवाएं उन लोगों को उनके इलाके में नहीं मिल पाती. बाजार से इन दवाओं का शॉर्टेज हो गया है. इस पर भी ड्रग कंट्रोलर एजेंसी को निगरानी करने की जरूरत है, ताकि जरूरी दवाइयां लोगों तक पहुंच सकें.

ये भी पढ़ें- पटना: 7 माह की मासूम 'कोरोना फाइटर', हंसते-खेलते संक्रमण को दी पटखनी

बेवजह घर से नहीं निकले बाहर
डॉ. विमल कारक ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि बेवजह घर से बाहर नहीं निकले और अगर घर का सामान खरीदने बाहर जाते भी हैं, तो चेहरे पर डबल मास्क का प्रयोग करें. कोशिश करें कि घर से बाहर बार-बार ना निकलना पड़े. बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें. बाहर कुछ भी खाने से परहेज करें और घर में ही अच्छे से हाथ मुंह धोकर कुछ भी खाएं. प्रदेश के लिए मई का महीना बेहद गंभीर होने वाला है. ऐसे में 30 दिन बेहद संभलकर रहने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- Bihar Corona Update: बिहार में कोरोना से हाहाकार, अधिकारियों को हर जरुरी कदम उठाने का निर्देश

ये भी पढ़ें- सूबे से जल्द दूर होगा ऑक्सीजन संकट 'दूसरे राज्यों से मंगाए जा रहे लिक्विड ऑक्सीजन'

ये भी पढ़ें- दूसरी लहर में इतना घातक क्यों हो गया कोरोना? EXPERT से जानिए क्यों हो रही इतनी ज्यादा मौतें?

पटना: बिहार में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. कुछ दिनों पहले डॉक्टर जहां अप्रैल के तीसरे-चौथे सप्ताह में कोरोना संक्रमण के सेकंड वेव के पीक होने का अनुमान लगा रहे थे, वो अब बदल गया है. चिकित्सा जगत से जुड़े लोग अब ये कह रहे हैं कि अभी पीक आना बाकी है. चिकित्सक ये अनुमान लगा रहे हैं कि कोरोना संक्रमण का पीक मई के शुरुआत से शुरू होगा और आखिरी सप्ताह तक चलेगा. आने वाले दिनों में ये और अधिक भयावह होने वाली है.

ये भी पढ़ें- कोरोना को लेकर CM नीतीश की हाईलेवल मीटिंग, हर हाल में ऑक्सीजन आपूर्ति करने का निर्देश

''प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पीक मई के पहले सप्ताह से शुरू होगा और आखिरी सप्ताह तक चलेगा. मई में कोरोना के मामलों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिलेगी. अभी अस्पतालों में मरीज के लिए बेड नहीं हैं और कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई है. कोरोना के सेकंड वेव के पीक से निपटने के लिए सरकार को कई जरूरी कदम उठाने की जरूरत है''- डॉ. विमल कारक, कार्यकारी अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार

डॉ. विमल कारक, कार्यकारी अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार
डॉ. विमल कारक, कार्यकारी अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार

रिक्त पदों को भरने की जरूरत
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बिहार के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. विमल कारक ने कहा कि प्रदेश में जितने भी स्वास्थ्य कर्मियों के पद रिक्त पड़े हैं उन्हें अविलंब 2 से 3 दिन में भरा जाए. प्रदेश में 70 फीसदी स्वास्थ्य कर्मी जिसमें डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और वार्ड बॉय शामिल हैं इनके पद रिक्त पड़े हुए हैं.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

अस्थाई की जगह दें परमानेंट जॉब
मुख्यमंत्री ने जल्द वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से इन पदों को भरने के निर्देश दिए हैं, लेकिन ये सिर्फ 3 महीने के लिए हैं. अगर परमानेंट जॉब के लिए सरकार इन मेडिकल कर्मियों को बुलाए तो निश्चित रूप से काफी संख्या में स्वास्थ्य कर्मी सामने आएंगे. चिकित्सा जगत के सभी रिक्त पदों को 2 से 3 दिनों के अंदर भरने की आवश्यकता है.

IMA ने दिए सुझाव
IMA ने दिए सुझाव

अस्पतालों में बढ़ाए जाएं बेड
डॉ. विमल कारक ने कहा कि इसके अलावा अभी के समय अस्पतालों में कोरोना मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं, ये गंभीर समस्या है. प्रदेश के कई सरकारी अस्पताल ऐसे हैं जहां आसानी से 400 से 500 बेड तक बढ़ाए जा सकते हैं. ऐसे में इन अस्पतालों में अविलंब बेड बढ़ाने की आवश्यकता है. पीएमसीएच में राजेंद्र सर्जिकल के ग्राउंड फ्लोर पर 100 बेड का कोरोना वार्ड है और इसी भवन में आसानी से और 400 बेड बढ़ाए जा सकते हैं.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाने की जरूरत
पीएमसीएच में पाइपलाइन से ऑक्सीजन सप्लाई की भी व्यवस्था है, इस वजह से इसे अविलंब बढ़ाने की आवश्यकता है. ताकि इलाज की उम्मीद से पीएमसीएच पहुंचने वाले कोरोना मरीजों को बिना इलाज कराए निराश होकर वापस न लौटना पड़े.

ये भी पढ़ें- ना जीते जी दवा मिली और न ही मरने के बाद सम्मान, शवोंं के साथ ये कैसा दुर्व्यवहार

सरकार की अहम जिम्मेदारी
प्रतिदिन ये देखने को मिल रहा है कि काफी संख्या में प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है, ऐसे में सरकार द्वारा अस्पतालों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति कराने की जरूरत है. सरकार अगर कोरोना मरीज के लिए बेड बढ़ा रही है तो उसी अनुसार ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था करने की भी जरूरत है. 100 बेड के कोरोना वार्ड में प्रतिदिन 300 से 350 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत होती है, ऐसे में इतने मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता कराना सरकार की जिम्मेदारी है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

कोरोना का थर्ड म्युटेंट ज्यादा खतरनाक
डॉ. विमल कारक ने कहा कि प्रदेश में अभी कोरोना का सेकंड म्युटेंट ही आया है और कई जगह थर्ड म्युटेंट आ चुका है. थर्ड म्युटेंट काफी खतरनाक है और इसमें मरीज को संभलने का मौका नहीं मिल रहा है. थर्ड म्युटेंट में ये देखने को मिल रहा है कि संक्रमण के 3 से 4 दिन के अंदर मरीज की मौत हो जा रही है.

सेकंड वेव का पीक आना बाकी
प्रदेश में अभी सेकंड वेव का पीक आना बाकी है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि सबसे पहले सभी जिले में एक को-आर्डिनेशन कमेटी बनाए. जिसमें बिहार आईएमए के सदस्य, भाषा के सदस्य, नगर निगम, नगर परिषद, जिला पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सदस्य शामिल हो. इन सदस्यों को मिलाकर को-आर्डिनेशन कमेटी की जो टीम बनेगी वो निश्चित रूप से इस महामारी से मिलजुल कर एक सार्थक लड़ाई लड़ पाएगी और सफल भी होगी.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

गांवों में तेजी से फैल रहा संक्रमण
डॉ. विमल कारक ने कहा कि बीते 5 से 6 दिनों में गांव के तरफ संक्रमण काफी तेजी से फैलने लगा है. ऐसे में संक्रमण को काबू में करने के लिए जांच की व्यवस्था बढ़ाने की जरूरत है. गांवों में प्रखंड स्तर पर आरटीपीसीआर जांच की सुविधा शुरू करना बेहद आवश्यक हो गया है. अभी लग्न का सीजन चल रहा है, ऐसे में सरकार ने अधिकतम लोगों की जो सीमा निर्धारित की है, उस पर निगरानी रखने की जरूरत है और सीमा से अधिक लोग पहुंचते हैं, तो वहां कार्रवाई की आवश्यकता है.

ड्रग कंट्रोलर एजेंसी रखें निगरानी
उन्होंने कहा कि उन्हें प्रतिदिन 200 से 250 कॉल आते हैं और ये ऐसे लोग होते हैं जिनमें कोरोना के लक्षण होते हैं. वो उन लोगों को जरूरी चिकित्सीय परामर्श देते हैं. मगर कई बार ये होता है कि वो जो दवाएं जैसे कि आईवर्मेक्टिन, अजिथ्रोमायसिन और जिंकोविट की दवाएं उन लोगों को उनके इलाके में नहीं मिल पाती. बाजार से इन दवाओं का शॉर्टेज हो गया है. इस पर भी ड्रग कंट्रोलर एजेंसी को निगरानी करने की जरूरत है, ताकि जरूरी दवाइयां लोगों तक पहुंच सकें.

ये भी पढ़ें- पटना: 7 माह की मासूम 'कोरोना फाइटर', हंसते-खेलते संक्रमण को दी पटखनी

बेवजह घर से नहीं निकले बाहर
डॉ. विमल कारक ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि बेवजह घर से बाहर नहीं निकले और अगर घर का सामान खरीदने बाहर जाते भी हैं, तो चेहरे पर डबल मास्क का प्रयोग करें. कोशिश करें कि घर से बाहर बार-बार ना निकलना पड़े. बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें. बाहर कुछ भी खाने से परहेज करें और घर में ही अच्छे से हाथ मुंह धोकर कुछ भी खाएं. प्रदेश के लिए मई का महीना बेहद गंभीर होने वाला है. ऐसे में 30 दिन बेहद संभलकर रहने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- Bihar Corona Update: बिहार में कोरोना से हाहाकार, अधिकारियों को हर जरुरी कदम उठाने का निर्देश

ये भी पढ़ें- सूबे से जल्द दूर होगा ऑक्सीजन संकट 'दूसरे राज्यों से मंगाए जा रहे लिक्विड ऑक्सीजन'

ये भी पढ़ें- दूसरी लहर में इतना घातक क्यों हो गया कोरोना? EXPERT से जानिए क्यों हो रही इतनी ज्यादा मौतें?

Last Updated : Apr 27, 2021, 2:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.