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PMCH में ब्लैक फंगस के मरीज की कोरोना रिपोर्ट आई पॉजिटिव, अस्पताल में हड़कंप

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Published : Jul 6, 2021, 1:54 PM IST

पीएमसीएच (PMCH) में एक ब्लैक फंगस (Black Fungus) से पीड़ित मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया है. मरीज की रिपोर्ट आने के बाद उसे कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया है.

पीएमसीएच
पीएमसीएच

पटना: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच (PMCH) में ब्लैक फंगस (Black Fungus) पीड़ित एक मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव (Corona Report Positive) आने से हड़कंप मच गया. मरीज के संपर्क में आए लगभग 50 स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना जांच करायी जाएगी. मंगलवार देर शाम तक सभी का आरटी पीसीआर सैंपल कलेक्ट कर लिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:PMCH में त्राहिमाम: प्रबंधन ने कहा- नहीं है ब्लैक फंगस की दवा, मरीजों को कहीं और करें शिफ्ट

मरीज कोरोना वार्ड में शिफ्ट
बताते चलें कि मरीज को 29 मई को पीएमसीएच में एडमिट किया गया था. उस वक्त रिपोर्ट नेगेटिव पाया गया था लेकिन 5 जुलाई को मरीज का रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा ब्लैक फंगस के मरीज को कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.

वैशाली जिले का रहने वाला है मरीज
अस्पताल में एडमिट मरीज वैशाली जिले के रहने वाले हैं. मरीज नियोजित शिक्षक हैं. अप्रैल में वह कोरोना संक्रमित हो गए थे. जिसके बाद उन्होंने घर पर ही रहकर अपना इलाज कराया. जहां इलाज के दौरान उन्हें स्ट्राइड का इंजेक्शन दिया गया. कोरोना से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड-19 सिंड्रोम के तहत ब्लैक फंगस की शिकायत होने के बाद वह 29 मई को पीएमसीएच में एडमिट हुए थे.

ऑपरेशन कराने के बाद हुए थे भर्ती
पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए ऑपरेशन की सुविधा नहीं होने पर डॉक्टर बाहर से सर्जरी कराकर अस्पताल में एडमिट होने की सलाह दे रहे थे. डॉक्टरों का कहना था कि यहां उन्हें एंफोटेरेसिन की दवा उपलब्ध होगी. ऐसे में पीएमसीएच में एडमिट होने के बाद वह दो बार ऑपरेशन के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल गए. पटना के एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में दो बार ऑपरेशन कराना पड़ा. ऑपरेशन के बाद वह पीएमसीएच में एडमिट हुए थे.

इसे भी पढ़ें:हाल-ए-पीएमसीएच : कोरोना के कारण माइक्रोबायोलॉजी में 40 से अधिक बीमारियों की जांच बंद

स्वास्थ्य कर्मियों की होगी कोरोना जांच
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वार्ड में हड़कंप मच गया. ब्लैक फंगस वार्ड में इलाजरत आठ अन्य मरीज भी संदिग्ध हैं. इसके अलावा लगभग 15 वार्ड ब्वॉय, चार सफाई कर्मी और तीन शिफ्ट में काम करने वाले डॉक्टर और नर्स मिलाकर लगभग 30 से 35 स्वास्थ्य कर्मी सस्पेक्टेड हो गए हैं. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन इन सभी कर्मियों और वार्ड में इलाजरत मरीजों की जांच कराने की तैयारी है.

पटना: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच (PMCH) में ब्लैक फंगस (Black Fungus) पीड़ित एक मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव (Corona Report Positive) आने से हड़कंप मच गया. मरीज के संपर्क में आए लगभग 50 स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना जांच करायी जाएगी. मंगलवार देर शाम तक सभी का आरटी पीसीआर सैंपल कलेक्ट कर लिया जाएगा.

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मरीज कोरोना वार्ड में शिफ्ट
बताते चलें कि मरीज को 29 मई को पीएमसीएच में एडमिट किया गया था. उस वक्त रिपोर्ट नेगेटिव पाया गया था लेकिन 5 जुलाई को मरीज का रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा ब्लैक फंगस के मरीज को कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.

वैशाली जिले का रहने वाला है मरीज
अस्पताल में एडमिट मरीज वैशाली जिले के रहने वाले हैं. मरीज नियोजित शिक्षक हैं. अप्रैल में वह कोरोना संक्रमित हो गए थे. जिसके बाद उन्होंने घर पर ही रहकर अपना इलाज कराया. जहां इलाज के दौरान उन्हें स्ट्राइड का इंजेक्शन दिया गया. कोरोना से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड-19 सिंड्रोम के तहत ब्लैक फंगस की शिकायत होने के बाद वह 29 मई को पीएमसीएच में एडमिट हुए थे.

ऑपरेशन कराने के बाद हुए थे भर्ती
पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए ऑपरेशन की सुविधा नहीं होने पर डॉक्टर बाहर से सर्जरी कराकर अस्पताल में एडमिट होने की सलाह दे रहे थे. डॉक्टरों का कहना था कि यहां उन्हें एंफोटेरेसिन की दवा उपलब्ध होगी. ऐसे में पीएमसीएच में एडमिट होने के बाद वह दो बार ऑपरेशन के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल गए. पटना के एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल में दो बार ऑपरेशन कराना पड़ा. ऑपरेशन के बाद वह पीएमसीएच में एडमिट हुए थे.

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स्वास्थ्य कर्मियों की होगी कोरोना जांच
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वार्ड में हड़कंप मच गया. ब्लैक फंगस वार्ड में इलाजरत आठ अन्य मरीज भी संदिग्ध हैं. इसके अलावा लगभग 15 वार्ड ब्वॉय, चार सफाई कर्मी और तीन शिफ्ट में काम करने वाले डॉक्टर और नर्स मिलाकर लगभग 30 से 35 स्वास्थ्य कर्मी सस्पेक्टेड हो गए हैं. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन इन सभी कर्मियों और वार्ड में इलाजरत मरीजों की जांच कराने की तैयारी है.

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