पटना: पूर्व मध्य रेलवे के सबसे व्यस्तम रेलवे स्टेशनों में पटना जंक्शन (Patna Junction) भी शामिल है. स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार पटना जंक्शन के गेट नंबर-3 पर कोविड-19 जांच (Corona Test) काउंटर बनाया गया है. जहां पर हर शिफ्ट में 4 एएनएम को ड्यूटी में तैनात किया गया है. कोरोना जांच को लेकर स्टेशन पर कितनी सतर्कता बरती जा रही है. ईटीवी भारत की टीम ने जानने की कोशिश की. इस दौरान जो तस्वीरें देखने को मिली उसने कोरोना संक्रमण के खतरे को बढ़ा दिया है.
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यहां तीन शिफ्टों में जांच किया जाता है. बता दें कि केरल और महाराष्ट्र में बढ़ते संक्रमण के मामले को देखते हुए बिहार सरकार ने रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट जैसे जगहों पर जांच काउंटर बनाया है. जहां पर स्वास्थ्य कर्मी आने जाने वाले यात्रियों के कोविड टेस्ट एंटीजन के माध्यम से करेंगे.
लेकिन अगर प्रतिदिन की बात की जाए तो सुबह से लेकर शाम तक 100 से 200 ही यात्रियों की जांच की जाती है. जो इंतजाम जांच के लिए किये गए हैं वो ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं. पटना जंक्शन पर लाखों यात्री यात्रा के दौरान पहुंचते हैं लेकिन जांच सिर्फ 100 से 200 लोगों का ही हो रहा है. खानापूर्ति के लिए कोविड-19 जांच काउंटर बनाया गया है.
पटना जंक्शन पर स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस प्रशासन को भी जांच में सहयोग करने के लिए लगाया गया है. लेकिन ये लोग कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं. पुलिसकर्मी कुर्सी पर बैठकर गपशप करते नजर आए इसी से समझा जा सकता है कि पुलिस किस तरह से सहयोग कर रही है. स्वास्थ्य कर्मी मनमर्जी से आने वाले यात्रियों की जांच कर रहे हैं. लेकिन पुलिस की ओर से न तो किसी को मास्क पहनने के लिए बोला जा रहा है और ना ही किसी आने जाने वाले यात्रियों से रोक टोक ही की जा रही है.
पटना जंक्शन पर दिल्ली, गुजरात, पंजाब, महाराष्ट्र समेत कई जगहों से ट्रेनें पहुंचती हैं. भारी तादाद में यात्री यहां उतरते हैं लेकिन व्यवस्था के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. अगर कोई एक व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित हुआ तो हालात क्या हो सकते हैं अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.
स्टेशन पहुंचने के बाद लोगों का कोरोना टेस्ट नहीं किया जा रहा है. ऐसे में अगर कोई पॉजिटिव हुआ और बिना जांच कराए यहां से निकल जाता है तो यह लापरवाही लोगों को भारी पड़ सकती है. लापरवाही इतनी ही नहीं है बल्कि लापरवाही और भी है. पटना जंक्शन के गेट नंबर 3 के पास में ही जो 4 स्वास्थ्य कर्मी हैं वह कुर्सी पर बैठे रहते हैं. वहीं से आने जाने के लिए दो गेट हैं जहां से यात्री आसानी से आते हैं जाते हैं. लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है. यात्रियों के आने जाने के लिए पटना जंक्शन में गेट नंबर 1, 2, 4 हैं लेकिन यहां पर किसी तरह की जांच के लिए टीम मौजूद नहीं थी.
लापरवाही इतनी है कि स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस प्रशासन को ना तो किसी अधिकारी का डर है और ना ही कोरोना का भय. इनको सिर्फ अपनी ड्यूटी से मतलब है कौन आ रहा है कौन जा रहा है किसी से कोई मतलब नहीं है. कुछ लोग एक साथ बैठकर गपबाजी करते दिखे तो कुछ लोग अपने मोबाइल में व्यस्त नजर आए.
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