पटना: सूचना एवं जन सम्पर्क के सचिव अनुपम कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार, प्रधान सचिव पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन दीपक कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का माध्यम से कोरोना संक्रमण की रोकथाम और विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी.
सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 एवं बाढ़ की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए सरकार पूरी तत्परता से सभी आवश्यक कार्रवाई कर रही है. वहीं मुख्यमंत्री ने भी कोविड-19 की स्थिति को लेकर सभी जिलों के जिलाधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर समीक्षा किया.
जांच की संख्या बढ़ने से पॉजिटिव मामले बढ़े
अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 51,315 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं. बिहार की रिकवरी रेट 64.37 प्रतिशत है. टेस्ट की संख्या बढ़ने से पॉजिटिव मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पॉजिटिव व्यक्तियों के 14 दिन पूरे होने पर रिकवरी रेट के प्रतिशत में वृद्धि होगी. 8 अगस्त को कोविड-19 के 3,934 नए मामले सामने आए हैं. वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 27,975 एक्टिव मरीज हैं. एक दिन में 75 हजार से अधिक जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में बिहार राज्य में 75,628 सैंपल जांच के लिए ली गई है. वहीं अब तक की कुल 10,21,906 जांच की जा चुकी है.
1,232 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित
सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क ने बताया कि नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 16 जिलों के कुल 125 प्रखंडों की 1,232 पंचायतें प्रभावित हुई हैं. इनमें आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. बाढ़ से अब तक 74 लाख 19 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. प्रभावित इलाकों में अभी 07 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिनमें 11,849 लोग आवासित हैं. उन्होंने बताया कि 1,267 कम्युनिटी किचन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 9 लाख 46 हजार 5 सौ 13 लोग भोजन कर रहे हैं. सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में 33 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य कर रही हैं.
6 लाख के अधिक परिवारों को दी गई राहत राशि
जिले में अब तक प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बोट्स के माध्यम से करीब 5 लाख 8 हजार 1 सौ 74 लोगों को निष्क्रमित किया गया है. उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेचुटस रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रुपये की राशि दी जारी है. वहीं अभी तक 06 लाख 31 हजार 295 परिवारों के बैंक खाते में कुल 378.77 करोड़ रुपये जीआर की राशि अनुग्रह अनुदान के रूप में भेजी जा चुकी है.
57 लाख से अधिक जुर्माना वसूला गया
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय श्री जितेन्द्र कुमार ने बताया कि 1 अगस्त से लागू अनलॉक-3 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है. पिछले 24 घंटे में 07 मामले दर्ज किये गए हैं और 04 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई है. इस दौरान 753 वाहन जब्त किए गए हैं और 17 लाख 78 हजार 700 रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई है. इस प्रकार 1 अगस्त से अब तक 35 मामले दर्ज किए गए हैं और 36 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई है. अब तक कुल 6 हजार 2 सौ 98 वाहन जब्त किए गए हैं और 01 करोड़ 57 लाख 58 हजार 470 रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई है.
मास्क नहीं पहनने वालों से जुर्माना वसूला गया
सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क ने बताया कि बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वाले लोगों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही हेै. पिछले 24 घंटे में मास्क न पहनने वालों से 4,860 व्यक्तियों से 02 लाख 43 हजार रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूली की गई है. इस प्रकार 01 अगस्त से अब तक मास्क न पहनने वालों से 4 लाख 4 हजार 4 सौ 52 व्यक्तियों से 22 लाख 22 हजार 600 रुपये की जुर्माना राशि वसूली की गई है.
बूढ़ी गंडक में जलस्तर अप्रत्याशित वृद्धि से तटबंधों पर दबाव
कोशी नदी में 1 लाख 66 हजार 6 सौ 25 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृत्ति बढ़ने की है. कोशी नदी का जलस्तर बलतारा अवस्थित गेज स्थल के पास 35.78 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 33.85 मीटर से 1.93 मीटर उपर है. गंडक नदी का डिस्चार्ज 1 लाख 34 हजार क्यूसेक है और इसकी प्रवृति स्थिर है. सोन नदी में 29,703 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृति बढ़ने की है. बागमती नदी का जलस्तर ढेंग, कटौंझा, बेनीबाद और हायाघाट गेज स्थलों पर खतरे के निशान से ऊपर है. सोनाखान, डूब्बाधार तथा कंसार/ चन्दौली गेज स्थलों पर जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है. बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर सिकन्दरपुर, समस्तीपुर रेल पुल, रोसरा रेल पुल एवं खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर है. इस वर्ष बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण तटबंधों पर अत्यधिक दबाव बना हुआ है, इसलिए तटबंध के कई बिन्दुओं पर सीपेज/पाईपिंग की समस्या परिलक्षित हुई है. इसे क्षेत्रीय अभियंताओं ने युद्धस्तर पर दिवा-रात्रि बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराकर सुरक्षित रखा है.
बढ़ाई गई निगरानी
विगत 24 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में बक्सर, भागलपुर और कहलगांव में वृद्धि हुई है, जबकि हाथीदह में जलस्तर स्थिर है. महानंदा नदी का जलस्तर झंझारपुर रेल पुल के डाउनस्ट्रीम के पास खतरे के निशान से ऊपर है. अधवारा नदी का जलस्तर सुन्दरपुर गेज स्थल पर खतरे के निशान से 0.20 मीटर ऊपर है. मुख्य अभियंता, गोपालगंज परिक्षेत्राधीन सारण तटबंध सारण, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बांध और बैकुंठपुर रिटायर्ड लाईन और मुख्य अभियंता, मुजफ्फरपुर परिक्षेत्राधीन चंपारण तटबंध के क्षतिग्रस्त भाग को छोड़कर शेष बिहार राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित है. सतत निगरानी और चैकसी बरती जा रही है.
2011 से पृथ्वी दिवस का कार्यक्रम
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से बिहार पृथ्वी दिवस का कार्यक्रम पूरे बिहार में आयोजित किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर बिहार पृथ्वी दिवस की शुरूआत वर्ष 2011 में हुई थी. इसके पीछे लक्ष्य यह था कि जिस तरह से 9 अगस्त को 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन की याद में अगस्त क्रांति दिवस मनाते हैं, उसी तरह से पर्यावरण की रक्षा के लिए एक दूसरी क्रांति की आवश्यकता है. इसे ध्यान में रखते हुए 9 अगस्त 2011 से बिहार पृथ्वी दिवस मनाया जाने लगा. इस दिन पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर सभी लोग संकल्प लेते हैं.
2012 में हरियाली मिशन की स्थापना
दीपक कुमार सिंह ने बताया कि बिहार में हरित आवरण बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना की गई थी. इसके अंतर्गत 20 करोड़ से ज्यादा पौधे वन एवं वन क्षेत्र के बाहर लगाये गए हैं. इस कड़ी में वर्ष 2019 में जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरूआत की गई. इस वर्ष विभाग ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के एक अवयव के रूप में 2.51 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था. 5 जून से प्रारंभ कर 9 अगस्त की अवधि में पूर्ण जन सहभागिता के साथ 2.51 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था. इस अभियान की खासियत यह थी कि संख्या के साथ ही जन सहभागिता पर जोर दिया जाए, जिससे पेड़ों की सुरक्षा भी हो सके. इसे ध्यान में रखते हुए विभाग ने इस अभियान में 70 लाख परिवारों का सहयोग प्राप्त किया. इसके अलावा 8 हजार से ज्यादा पंचायतों ने मनरेगा के तहत अभी तक 1 करोड़ 2 लाख पौधे लगाये हैं.
1 करोड़ से अधिक लगाए गए पौधे
वन विभाग ने अपनी योजनाओं के तहत वन क्षेत्र और वन क्षेत्र के बाहर करीब 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा पौधे लगाए हैं. केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी एवं सीआईएसएफ ने भी पौधे लगाये हैं. केंद्रीय सार्वजनिक उप-क्रमों में रेलवे ने 3 लाख 90 हजार और एनटीपीसी ने 3 लाख पौधारोपण करने का लक्ष्य रखा था. इसके अलावा बड़ी संस्थाएं जैसे लायंस क्लब और रोटरी क्लब के साथ ही धार्मिक न्यास पर्षद, शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड, गुरुद्वारा प्रबंधन समिति और गौशाला समितियों को भी इस कार्यक्रम में जोड़ा गया. एनसीसी और आर्मी का भी इसमें सहयोग मिला. 2012 में हरियाली मिशन की शुरूआत के बाद से ये जन सहभागिता से वृक्षारोपण का सबसे बड़ा कार्यक्रम था. इस वर्ष लोगों को उनकी पसंद के मुताबिक पौधे उपलब्ध कराए गए हैं. इसके साथ ही 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा फलदार पौधे लगाए गए हैं. 2 करोड़ 51 लाख पौधारोपण के विरुद्ध आज की तारीख तक 3 करोड़ 47 लाख वृक्ष लगाए गए हैं. ये कार्यक्रम अगस्त महीने के अंत तक चलता रहेगा. विभाग को उम्मीद है कि 4 करोड़ के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जायेगा.
कार्यक्रम का आयोजन
दीपक कुमार सिंह ने कहा कि पटना में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री ने आर-ब्लॉक गोलंबर के पास पौधारोपण किया. इसी तरह का कार्यक्रम पूरे बिहार में 10 हजार से ज्यादा जगहों पर हुआ. सभी पंचायतों में कम से कम एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रखंड मुख्यालयों, जिला मुख्यालयों, अनुमंडल मुख्यालयों के साथ ही विभिन्न विभागों खासकर कृषि विभाग ने अपने कार्यालयों एवं फर्मों पर पौधारोपण किया.