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कोरोना के दूसरे फेज में बच्चों में तेजी से फैल रहा संक्रमण, ये हैं प्रमुख तीन कारण

प्रदेश में कोरोना महामारी के दूसरे फेज का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इस बार 6 से 16 वर्ष के बच्चें ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. बच्चों में कोरोना के ज्यादातर लक्षण दिखायी दे रहे हैं. वरिष्ठ डॉक्टर भी इस स्थिति को गंभीर मान रहे हैं.

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Published : Apr 6, 2021, 12:08 AM IST

पटना: राज्य में कोरोना महामारी संक्रमण का दूसरा लहर तेजी से फैल रहा है. संक्रमित मरीजों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है, मगर इस बार चौंकाने वाली बात यह है कि काफी संख्या में 6 से 14 वर्ष के बीच के बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं. इन बच्चों में कोरोना के काफी लक्षण भी नजर आ रहे हैं. पिछले 15 दिनों में 6 से 14 वर्ष के बीच के 80 से अधिक बच्चों का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आया है.

ये भी पढ़ें : प्रत्यय अमृत की सूबे की जनता से अपील, कोरोना गाइडलाइन का करें पालन, तेजी से फैल रहा कोरोना का दूसरा वेव

आसानी से ट्रांसमिट हो रहा वायरस

ऐसे में स्वास जनित बीमारियों में अपनी विशेषज्ञता रखने वाले चिकित्सक कोरोना के इस स्थिति को काफी गंभीर मान रहे हैं. पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि यह बहुत चिंता की बात है कि जो नए वायरस का स्ट्रेन है वह काफी आसानी से ट्रांसमिट हो रहा है. ऐसा देखा जा रहा है, इसके पहले जब कोरोना वेब आया था उस वक्त यह देखा गया था कि बच्चे ज्यादा संक्रमित नहीं हुए. ऐसे में यह माना जाता था कि बच्चों का ए टू रिसेप्टर नेचुरली वायरस को रेजिस्ट कर रहा है.

देखें वीडियो

पहले फेज में कम थी पॉजिटिविटी रेट

दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इस वायरस का बॉडी में प्रवेश करने से बच्चों में पॉजिटिविटी रेट कम थी. मगर इस बार यह देखने को मिल रहा है कि काफी तेजी में काफी संख्या में बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं. इस बार का जो वायरस का स्ट्रेन आया है. इसमें दो चीजें देखने को मिल रही है. पहला यह कि ये बच्चें को काफी तेजी में संक्रमित हो रहे हैं, साथ ही दूसरा यह कि इसकी एफिशिएंसी ऑफ ट्रांसमिशन एडल्ट में भी काफी तेज है और अधिक से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं.

बच्चों में संक्रमण का ज्यादा खतरा
बच्चों में संक्रमण का ज्यादा खतरा

इसे भी पढ़ें : पटना एम्स में कोरोना के 18 नए मामले, कुल आंकड़ा 101

बुजुर्गों को गंभीर संक्रमण का खतरा

दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इस वजह से लॉन्ग टर्म इफेक्ट भी होने की संभावना बन रही है. बच्चे सामान्यतः एसिंप्टोमेटिक कैरियर माने जाते हैं और अगर बच्चे संक्रमित होते हैं तो उनसे उनके परिवार के बीमार और बुजुर्गों को गंभीर संक्रमण होने का खतरा बन रहा है.

डॉ. दिवाकर तेजस्वी
डॉ. दिवाकर तेजस्वी

डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बच्चों में तेजी से संक्रमण फैलने के तीन वजह बताएं :

  1. पहले कारण उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में जब संक्रमण के मामले कम हुए तो लोगों में लापरवाही ज्यादा बढ़ गई. लोग कोरोना को हल्के में लेने लगे जिसका नतीजा यह है कि आज यह गंभीर परिणाम देखने को मिल रहा है.
  2. दूसरा कारण ये है कि वायरस के स्ट्रेन में एफिशिएंसी ऑफ ट्रांसमिशन को बढ़ाने वाले म्यूटेशन हुए हैं. यह शरीर के A2 रिसेप्टर को आसानी से कैच कर रहा है.
  3. तीसरा कारण एनुअल एग्जामिनेशन को लेकर स्कूल खोले गए हैं और स्कूलों में शुरुआती दिनों के बाद गंभीरता से कोविड-19 गाइडलाइंस फॉलो नहीं किए गए. सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड हाइजीन के साथ मास्क की अनिवार्यता पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया. स्कूल में बच्चे एक जगह गैदरिंग करने लगे और जब एक जगह गैदरिंग होगी तो वहां संक्रमण फैलने की गति भी तेज हो जाएगी.

पटना: राज्य में कोरोना महामारी संक्रमण का दूसरा लहर तेजी से फैल रहा है. संक्रमित मरीजों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है, मगर इस बार चौंकाने वाली बात यह है कि काफी संख्या में 6 से 14 वर्ष के बीच के बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं. इन बच्चों में कोरोना के काफी लक्षण भी नजर आ रहे हैं. पिछले 15 दिनों में 6 से 14 वर्ष के बीच के 80 से अधिक बच्चों का कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आया है.

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आसानी से ट्रांसमिट हो रहा वायरस

ऐसे में स्वास जनित बीमारियों में अपनी विशेषज्ञता रखने वाले चिकित्सक कोरोना के इस स्थिति को काफी गंभीर मान रहे हैं. पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि यह बहुत चिंता की बात है कि जो नए वायरस का स्ट्रेन है वह काफी आसानी से ट्रांसमिट हो रहा है. ऐसा देखा जा रहा है, इसके पहले जब कोरोना वेब आया था उस वक्त यह देखा गया था कि बच्चे ज्यादा संक्रमित नहीं हुए. ऐसे में यह माना जाता था कि बच्चों का ए टू रिसेप्टर नेचुरली वायरस को रेजिस्ट कर रहा है.

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पहले फेज में कम थी पॉजिटिविटी रेट

दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इस वायरस का बॉडी में प्रवेश करने से बच्चों में पॉजिटिविटी रेट कम थी. मगर इस बार यह देखने को मिल रहा है कि काफी तेजी में काफी संख्या में बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं. इस बार का जो वायरस का स्ट्रेन आया है. इसमें दो चीजें देखने को मिल रही है. पहला यह कि ये बच्चें को काफी तेजी में संक्रमित हो रहे हैं, साथ ही दूसरा यह कि इसकी एफिशिएंसी ऑफ ट्रांसमिशन एडल्ट में भी काफी तेज है और अधिक से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं.

बच्चों में संक्रमण का ज्यादा खतरा
बच्चों में संक्रमण का ज्यादा खतरा

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बुजुर्गों को गंभीर संक्रमण का खतरा

दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इस वजह से लॉन्ग टर्म इफेक्ट भी होने की संभावना बन रही है. बच्चे सामान्यतः एसिंप्टोमेटिक कैरियर माने जाते हैं और अगर बच्चे संक्रमित होते हैं तो उनसे उनके परिवार के बीमार और बुजुर्गों को गंभीर संक्रमण होने का खतरा बन रहा है.

डॉ. दिवाकर तेजस्वी
डॉ. दिवाकर तेजस्वी

डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बच्चों में तेजी से संक्रमण फैलने के तीन वजह बताएं :

  1. पहले कारण उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में जब संक्रमण के मामले कम हुए तो लोगों में लापरवाही ज्यादा बढ़ गई. लोग कोरोना को हल्के में लेने लगे जिसका नतीजा यह है कि आज यह गंभीर परिणाम देखने को मिल रहा है.
  2. दूसरा कारण ये है कि वायरस के स्ट्रेन में एफिशिएंसी ऑफ ट्रांसमिशन को बढ़ाने वाले म्यूटेशन हुए हैं. यह शरीर के A2 रिसेप्टर को आसानी से कैच कर रहा है.
  3. तीसरा कारण एनुअल एग्जामिनेशन को लेकर स्कूल खोले गए हैं और स्कूलों में शुरुआती दिनों के बाद गंभीरता से कोविड-19 गाइडलाइंस फॉलो नहीं किए गए. सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड हाइजीन के साथ मास्क की अनिवार्यता पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया. स्कूल में बच्चे एक जगह गैदरिंग करने लगे और जब एक जगह गैदरिंग होगी तो वहां संक्रमण फैलने की गति भी तेज हो जाएगी.
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