पटनाः बिहार के नवादा में सितंबर 2024 को दलितों की पूरी बस्ती को दबंगों ने आग के हवाले कर दिया था. आधी रात हुए तांडव से पूरा राज्य हिल गया था. गनीमत ये रही कि अगलगी में किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली. नवादा की इस घटना पर पटना हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पर सुनवाई शुरू की थी. अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 दिसंबर 2024 को की जाएगी.
कोर्ट के समक्ष हुई सुनवाईः शुक्रवार 29 नवंबर को चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सुनवाई की गई. पिछली सुनवाई में इस मामले में खंडपीठ ने राज्य सरकार को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था. तब सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता पीके शाही ने बताया था कि घटना के बाद तुरंत कार्रवाई की गई थी. 24 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था. पुनर्वास, भोजन-पानी समेत अन्य राहत सामग्रियों की भी व्यवस्था की गई थी.
क्यों लगायी गयी थी आगः इस घटना के पीछे मूल रूप से जिला न्यायालय द्वारा 29 मई 2024 को पारित आदेश के बाद कमिशन नियुक्त किये जाने के उपरांत, दो पक्षों के बीच जमीन के मालिकाना हक को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी. कोर्ट में मुकदमा भी चल रहा है. इस आगजनी का मास्टरमाइंड नंदू पासवान को बताया गया था. पीड़ितों का कहना था कि नंदू पासवान के इशारे पर उनके घरों में आग लगायी गयी थी.
राज्य की राजनीति गरमा गयी थी: नवादा अग्निकांड पर बिहार की राजनीति में उबाल आ गया था. इस अगलगी की घटना से पटना में सियासी हलचल तेज हो गई थी. सीएम नीतीश ने डीजीपी को तलब कर नवादा अग्निकांड पर अपडेट लिया था. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से ताजा अपडेट लेकर मौके पर शांति व्यवस्था बनाने का निर्देश दिया गया था. कई दिनों तक पुलिस कैंप करती रही. वहां पर शांति व्यवस्था कायम होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली.
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