पटना: कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है. ऊपर से महंगाई ने मुश्किलों को और बढ़ा दिया है. प्रशासन के आदेश के बाद राजधानी पटना की दुकानें शाम चार बजे तक बंद होने से खुदरा किराना में धीरे-धीरे महंगाई का असर दिखने लगा है. खास कर गली-मुहल्लों में इसका असर दिखने लगा है. मंडियों में दाल हो या खाद्य तेलों की कीमत इसमें लगातार उछाल देखा जा रहा है. दुकानदार भी मानते हैं कि सामानों के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है.
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महंगाई ने डराया
कोरोना ने लोगों को रुलाया है अब महंगाई डरा रही है. बाजार में लगातार खाने-पीने के सामानों की कीमतें बढ़ रही हैं. मंडियों में दाल की कीमत हो या खाद्य तेलों की कीमत इसमे लगातार उछाल आ रहा है. सरसों तेल की कीमत में तो लगातार उछाल देखा जा रहा है. अब कई ब्रांड के सरसों तेल ऐसे है जिसकी कीमत 180 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई है.
तेजी से बढ़े घरेलू सामानों के दाम
कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों की खासकर गरीब और मध्यम वर्ग की आमदनी काफी घट गई है. आय के स्रोत कम हो गए हैं , वहीं दूसरी तरफ महंगाई बढ़ती जा रही है. संकट के इस दौर में खाने-पीने के सामान महंगे होने से कम आमदनी वाले लोग काफी परेशान हो रहे हैं.
संक्रमण को लेकर बाजार मंदा
चितकोहरा मंडी के दुकानदार चिंटू गुप्ता बताते है कि कोरोना संक्रमण को लेकर बाजार मंदा है. लोग मंडियों में आकर खरीदारी नहीं कर रहे हैं. साथ ही सामानों का दाम भी बढ़ गया है.
'मंहगाई लगातार बढ़ रही है. हम लोगों को भी दुकान चलाने में काफी दिक्कत हो रही है. दाल और खाद्य तेलों की कीमत का तो हाल मत पूछिए प्रति दिन इजाफा हो रहा है. दाल की कीमत में 5 से 10 रुपये का लगातार उछाल आ रहा है. वही हाल चावल और आटा का भी है.'-रोहन कुमार, दुकानदार
मसाला के दामों में नहीं हुई बढ़ोत्तरी
हालांकि मसाला के मूल्यों में कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं हुई है, इसकी कीमत स्थिर है. लेकिन बाकी सामानों के मूल्य में वृद्धि जारी है और इससे बाजार पर फर्क पड़ रहा है. बढ़ते दाम लोगों का बजट बिगाड़कर रख दिया है.
'मंहगाई का नाम मत लीजिए, कोरोना काल मे लोगों को दोहरी मार पड़ रही है. डीजल पेट्रोल के साथ साथ अब खाने पीने के सामानों का दाम आसमान छूते जा रहा है. सरकार है कि उसे परवाह नहीं है कि गरीब आदमी कहां से भरपेट खाना खायेगा. कई लोग तो सरसों तेल और दाल नहीं खरीद पा रहे हैं.'- प्रभु प्रसाद, स्थानीय
किराना के सामान महंगे
कुल मिलाकर देखें तो प्रतिदिन खाने पीने में इस्तेमाल होने वाली चीजों के दाम काफी बढ़ गए हैं. कालाबाजारी की वजह से इस तरह की परेशानी से लोगों को दो-चार होना पड़ता है. साथ ही लोग डर से घर से बाहर नहीं निकलते और ऑनलाइन ऑर्डर दे रहे हैं. दाम बढ़ने की एक वजह यह भी मानी जा सकती है. दुकानों को चार बजे तक बंद करने का आदेश भी है. कोरोना के डर से कई लोग अपना काम छोड़ घर वापसी कर रहे हैं. ऐसे में उनके सामने पहले से ही कई समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं. अब सवाल ये उठता है कि आखिर गरीब का पेट इस महंगाई में कैसे भरेगा. जनता इस बढ़ती हुई मंहगाई से त्रस्त है. कोरोना घर से निकलने नहीं दे रही और महंगाई घर में रहने नहीं दे रही.
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