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कोरोना महामारी के संकट ने कई विकल्पों को तलाशने के अवसर भी दिए: फागू चौहान

राज्यपाल ने कहा कि नई तकनीक का यह विकास सिर्फ समय की ही बचत नहीं करता, बल्कि इससे हमें आर्थिक बचत भी हो रही है, साथ ही विश्वस्तरीय ज्ञान-सम्पदा और सुप्रसिद्घ विभूतियों से भी जुड़ने का सुअवसर मिल रहा है.

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Published : Dec 3, 2020, 11:06 PM IST

Fagu chauhan
राज्यपाल फागू चौहान

पटना: बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने गुरुवार को कहा कि कोरोना महामारी के संकट ने कई विकल्पों के तलाशने के अवसर भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि नई तकनीक के विकास से न केवल समय की बचत हो रही है बल्कि आर्थिक बचत भी हो रही है.

राज्यपाल राजभवन में आयोजित 'आठवें बिहार विज्ञान सम्मेलन' का ऑनलाइन उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, "नई तकनीक का यह विकास सिर्फ समय की ही बचत नहीं करता, बल्कि इससे हमें आर्थिक बचत भी हो रही है, साथ ही विश्वस्तरीय ज्ञान-सम्पदा और सुप्रसिद्घ विभूतियों से भी जुड़ने का सुअवसर मिल रहा है."

राज्यपाल ने कहा, "सूचना प्रौद्योगिकी एवं तकनीक के विकास के इस दौर में पूरी दुनिया में ज्ञान-विज्ञान का आदान-प्रदान व्यापक स्तर पर हो रहा है. आज हमारी पूरी शिक्षा प्रणाली इस नई तकनीक पर ही आधारित होती जा रही है."

राज्यपाल ने संभावना जताते हुए कहा कि यह सम्मेलन वैज्ञानिक चिन्तन को व्यापक आयाम प्रदान करेगा तथा वैज्ञानिक विकास की प्रक्रिया में मानवीय पहलुओं को भी रेखांकित करने में सफल सिद्ध होगा.

इस अवसर पर राजभवन में पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ गिरीश कुमार चौधरी, राज्यपाल के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, पटना विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो़ अजय कुमार सिंह उपस्थित थे. उद्घाटन कार्यक्रम में विश्वप्रसिद्घ भौतिक वैज्ञानिक पद्म विभूषण डॉ. अनिल काकोदकर, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति प्रो़ डॉली सिन्हा भी ऑनलाइन जुड़े हुए थे.

राज्यपाल चौहान ने कहा कि आधुनिक विश्व को नई पहचान निश्चय ही विज्ञान ने ही दी है. उन्होंने कहा कि हमें विज्ञान के आधारभूत पक्षों और व्यापक मानवीय संदर्भो पर भी चिंतन करना चाहिए और उनके प्रति अपनी रूचि जगानी चाहिए.

पटना: बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने गुरुवार को कहा कि कोरोना महामारी के संकट ने कई विकल्पों के तलाशने के अवसर भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि नई तकनीक के विकास से न केवल समय की बचत हो रही है बल्कि आर्थिक बचत भी हो रही है.

राज्यपाल राजभवन में आयोजित 'आठवें बिहार विज्ञान सम्मेलन' का ऑनलाइन उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, "नई तकनीक का यह विकास सिर्फ समय की ही बचत नहीं करता, बल्कि इससे हमें आर्थिक बचत भी हो रही है, साथ ही विश्वस्तरीय ज्ञान-सम्पदा और सुप्रसिद्घ विभूतियों से भी जुड़ने का सुअवसर मिल रहा है."

राज्यपाल ने कहा, "सूचना प्रौद्योगिकी एवं तकनीक के विकास के इस दौर में पूरी दुनिया में ज्ञान-विज्ञान का आदान-प्रदान व्यापक स्तर पर हो रहा है. आज हमारी पूरी शिक्षा प्रणाली इस नई तकनीक पर ही आधारित होती जा रही है."

राज्यपाल ने संभावना जताते हुए कहा कि यह सम्मेलन वैज्ञानिक चिन्तन को व्यापक आयाम प्रदान करेगा तथा वैज्ञानिक विकास की प्रक्रिया में मानवीय पहलुओं को भी रेखांकित करने में सफल सिद्ध होगा.

इस अवसर पर राजभवन में पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ गिरीश कुमार चौधरी, राज्यपाल के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, पटना विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो़ अजय कुमार सिंह उपस्थित थे. उद्घाटन कार्यक्रम में विश्वप्रसिद्घ भौतिक वैज्ञानिक पद्म विभूषण डॉ. अनिल काकोदकर, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति प्रो़ डॉली सिन्हा भी ऑनलाइन जुड़े हुए थे.

राज्यपाल चौहान ने कहा कि आधुनिक विश्व को नई पहचान निश्चय ही विज्ञान ने ही दी है. उन्होंने कहा कि हमें विज्ञान के आधारभूत पक्षों और व्यापक मानवीय संदर्भो पर भी चिंतन करना चाहिए और उनके प्रति अपनी रूचि जगानी चाहिए.

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