पटनाः राजधानी के दूसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) को कोरोना डेडिकेटेड घोषित किया गया है. 500 बेड वाले इस अस्पताल में सिर्फ कोरोना के मरीजों को इलाज चल रहा है. बिहार सरकार ने अस्पताल को तो कोरोना डेडिकेटेड घोषित कर लिया, लेकिन अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ. स्थिति यह है कि रोज यहां मरीज दम तोड़ रहे हैं और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ परिजनों का गुस्सा फूट रहा है.
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परिजनों ने किया हंगामा
बुधवार को एक ऐसी ही घटना में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ किया. भड़के परिजनों ने अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन सिलेंडर फेंक दिया. हंगामा होता देख जूनियर डॉक्टर मौके से भाग गए. परिजनों ने कहा कि अस्पताल में डॉक्टर सही से इलाज नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते मौतें हो रहीं हैं. मृतक की महिला परिजन ने कहा कि वह उपमुख्यमंत्री रेणु देवी की रिश्तेदार हैं. रेणु देवी की पैरवी लगाने के बावजूद भी कोई मदद नहीं मिली.
चरमरा गई अस्पताल की व्यवस्था
गौरतलब है कि कोरोना के अधिक मरीज भर्ती होने के चलते एनएमसीएच की व्यवस्था चरमरा गई है. मरीजों के परिजनों का आरोप है कि यहां ठीक से इलाज नहीं होता इसके चलते मरीज मर रहे हैं. वहीं, जाप सुप्रीमो पप्पू यादव लगातार एनएमसीएच का दौरा कर मरीज और उनके परिजनों की मदद करते नजर आ रहे हैं.
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