ETV Bharat / state

क्रेडिट लेने की होड़! मंत्री संजय झा ने कहा- सीएम नीतीश के कुशल प्रबंधन से बिहार वैक्सीनेशन में आगे, कोरोना पर हो रहा धीरे-धीरे कंट्रोल - CM Nitish Kumar

बिहार में कोरोना पर धीरे-धीरे कंट्रोल हो रहा है. लेकिन क्रेडिट लेने को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है. नीतीश सरकार के मंत्री ने संजय झा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के लिए फैसलों के कारण कोरोना पर कंट्र्रोल हुआ है.

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा
सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा
author img

By

Published : May 28, 2021, 9:10 AM IST

पटना : बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि किसी भी टीकाकरण अभियान के लिए बड़ी संख्या में वैक्सीन के रखरखाव, परिवहन और सदुपयोग का सटीक रणनीति के साथ कुशल प्रबंधन करना पड़ता है. इसमें जहां बड़ी धनराशि खर्च होती है, वहीं बड़ी संख्या में कुशल मैन पावर, संसाधन भी लगाना पड़ता है. सीएम नीतीश कुमार के लिए फैसलों के कारण कोरोना पर कंट्रोल हो रहा है और बिहार टीकाकरण में पहले स्थान पर है.

ये भी पढ़ें- Lockdown in Bihar: अनलॉक की ओर बढ़ रहा बिहार? आंकडे़ तो यही बता रहे हैं

माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने वैक्सीन के भंडारण, परिवहन एवं सदुपयोग के लिए समय रहते सटीक तैयारियां की. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुफ्त टीकाकरण अभियान पर 4165.5 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति दी गई और इसमें से 1000 करोड़ रुपये तत्काल आवंटित कर दिए गए.

नीतीश सरकार के लिए फैसलों का नतीजा
उन्होंने कहा कि राज्य में भी फ्री टीकाकरण की शुरुआत 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग से हुई. फिर 45 से 59 आयुवर्ग के लोगों को इसमें शामिल किया गया. बाद में 18 से 44 वर्ष के युवाओं के लिए राज्य सरकार ने फ्री टीकाकरण की शुरुआत की. इस मामले में बिहार अब देश में पहले स्थान पर है. राज्य में वैक्सीन की बर्बादी को रोकते हुए इसका अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया गया है.

पोलियो उन्मूलन में भी मिली थी सफलता
उल्लेखनीय है कि पोलियो उन्मूलन में भी बिहार को कामयाबी नीतीश सरकार बनने के बाद ही मिल पाई थी. संयुक्त राष्ट्र ने विश्व को पोलियो मुक्त करने का अभियान वर्ष 1988 में शुरू किया था. भारत में यह वर्ष 1995 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना में शामिल होकर देशव्यापी अभियान में परिणत हुआ. लेकिन, माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2005 में सत्ता संभालने से पहले तक देश के कुछ ही राज्यों में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो पाया था. उनमें बिहार भी शामिल था. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में पल्स पोलियो अभियान ने गति पकड़ी और हर वर्ष पोलियो के मामले तेजी से कम होने लगे. आखिर 2010 के बाद बिहार में पोलियो का कोई नया मामला सामने नहीं आया. बाद के वर्षों में बिहार को भी पोलियो मुक्त प्रदेश घोषित किया जा सका.

ये भी पढ़ें- एक्शन में सीएम नीतीश: कोविड पर हाईलेवल मीटिंग के बाद उतरे पटना की सड़कों पर

स्वस्थ होने की दर भी बिहार में बेहतर
सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने की दर भी बढ़ कर लगभग 95 प्रतिशत हो गई है और इस मामले में भी बिहार देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है. राज्य में संक्रमण की दर दो प्रतिशत से कम है और इसमें निरंतर कमी आ रही है. यह राज्य सरकार द्वारा जांच एवं इलाज के लिए तत्परता से किये गये प्रबंधों, स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा और लॉकडाउन के दौरान मिले जनसहयोग का सुपरिणाम है. हालांकि खतरा अभी टला नहीं है. राज्य सरकार आगे के लिए भी जरूरी उपाय कर रही है.

पटना : बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि किसी भी टीकाकरण अभियान के लिए बड़ी संख्या में वैक्सीन के रखरखाव, परिवहन और सदुपयोग का सटीक रणनीति के साथ कुशल प्रबंधन करना पड़ता है. इसमें जहां बड़ी धनराशि खर्च होती है, वहीं बड़ी संख्या में कुशल मैन पावर, संसाधन भी लगाना पड़ता है. सीएम नीतीश कुमार के लिए फैसलों के कारण कोरोना पर कंट्रोल हो रहा है और बिहार टीकाकरण में पहले स्थान पर है.

ये भी पढ़ें- Lockdown in Bihar: अनलॉक की ओर बढ़ रहा बिहार? आंकडे़ तो यही बता रहे हैं

माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने वैक्सीन के भंडारण, परिवहन एवं सदुपयोग के लिए समय रहते सटीक तैयारियां की. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुफ्त टीकाकरण अभियान पर 4165.5 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति दी गई और इसमें से 1000 करोड़ रुपये तत्काल आवंटित कर दिए गए.

नीतीश सरकार के लिए फैसलों का नतीजा
उन्होंने कहा कि राज्य में भी फ्री टीकाकरण की शुरुआत 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग से हुई. फिर 45 से 59 आयुवर्ग के लोगों को इसमें शामिल किया गया. बाद में 18 से 44 वर्ष के युवाओं के लिए राज्य सरकार ने फ्री टीकाकरण की शुरुआत की. इस मामले में बिहार अब देश में पहले स्थान पर है. राज्य में वैक्सीन की बर्बादी को रोकते हुए इसका अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया गया है.

पोलियो उन्मूलन में भी मिली थी सफलता
उल्लेखनीय है कि पोलियो उन्मूलन में भी बिहार को कामयाबी नीतीश सरकार बनने के बाद ही मिल पाई थी. संयुक्त राष्ट्र ने विश्व को पोलियो मुक्त करने का अभियान वर्ष 1988 में शुरू किया था. भारत में यह वर्ष 1995 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना में शामिल होकर देशव्यापी अभियान में परिणत हुआ. लेकिन, माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2005 में सत्ता संभालने से पहले तक देश के कुछ ही राज्यों में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो पाया था. उनमें बिहार भी शामिल था. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में पल्स पोलियो अभियान ने गति पकड़ी और हर वर्ष पोलियो के मामले तेजी से कम होने लगे. आखिर 2010 के बाद बिहार में पोलियो का कोई नया मामला सामने नहीं आया. बाद के वर्षों में बिहार को भी पोलियो मुक्त प्रदेश घोषित किया जा सका.

ये भी पढ़ें- एक्शन में सीएम नीतीश: कोविड पर हाईलेवल मीटिंग के बाद उतरे पटना की सड़कों पर

स्वस्थ होने की दर भी बिहार में बेहतर
सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने की दर भी बढ़ कर लगभग 95 प्रतिशत हो गई है और इस मामले में भी बिहार देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है. राज्य में संक्रमण की दर दो प्रतिशत से कम है और इसमें निरंतर कमी आ रही है. यह राज्य सरकार द्वारा जांच एवं इलाज के लिए तत्परता से किये गये प्रबंधों, स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा और लॉकडाउन के दौरान मिले जनसहयोग का सुपरिणाम है. हालांकि खतरा अभी टला नहीं है. राज्य सरकार आगे के लिए भी जरूरी उपाय कर रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.