पटना: राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से कोरोना मरीजों के इलाज का दबाव कम करने को लेकर अब प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम में भी इलाज की व्यवस्था शुरू की जा रही है. बिहार सरकार ने इसको लेकर सभी जिलाधिकारियों को दायित्व सौंपा है कि वे प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होमों का चयन कर कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था कराएं. मंगलवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में कोर कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
राज्य में कोरोना के खिलाफ जारी जंग में सरकार अधिक से अधिक संसाधन लगाकर लोगों को महामारी से बचाने के प्रयास कर रही है. सैंपल जांच की संख्या बढ़ाई गई है. कोरोना विशेष अस्पतालों के साथ-साथ सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सौ-सौ बेड कोरोना संक्रमितों के आइसोलेशन के लिए सुरक्षित किए गए हैं. जहां इलाज भी जारी है. वहीं इसी क्रम में सभी अनुमंडल अस्पतालों में भी इलाज और जांच की व्यवस्था की जा रही है.
होम आइसोलेट मरीजों को दी जाएगी दवा किट
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने आज संपन्न कोर कमेटी की बैठक में जोर दिया कि प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना इलाज की व्यवस्था बनाया जाय. साथ ही मेडिकल कॉलेज-अस्पतालों से जिलों को संबद्ध किया है. संबंधित जिलों के कोरोना मरीजों का इलाज उन्हीं अस्पतालों में होगा. इसकी मॉनिटरिंग प्रमंडलीय आयुक्तों को सौंपी गई है. उन्होंने बताया कि होम आइसोलेट होने वाले मरीजों को दवाओं के किट भी दिए जाएंगे. वहीं बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, सचिव, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक के साथ ही सभी जिलों के जिलाधिकारी भी जुड़े रहे.