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शताब्दी स्तंभ पर स्वास्तिक चिन्ह को लेकर गरमाई बिहार की सियासत, NDA नेताओं ने तेजस्वी पर बोला हमला - ईटीवी बिहार

बिहार विधानसभा के शताब्दी स्तंभ पर स्वास्तिक चिन्ह को लेकर विवाद (Controversy over swastika symbol) शुरू हो चुका है. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बाद अब जदयू और भाजपा के नेताओं ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर चौतरफा हमला बोला है. हालांकि कांग्रेस ने तेजस्वी यादव का साथ देते हुए सीएम नीतीश कुमार पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
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Published : Feb 19, 2022, 3:52 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा परिसर में शताब्दी समारोह को लेकर बन रहे शताब्दी स्तंभ पर बिहार में राजनीति (Politics in Bihar on Centenary Pillar) शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर इस स्तंभ में स्वस्तिक चिह्न लगाने पर सवाल उठाया है. इसको लेकर भाजपा और बीजेपी नेताओं ने भी चौतरफा हमला बोला है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) के ट्वीट के बाद बिहार में सियासी बयानबाजी शुरू है. नेताओं ने उनकी जानकारी कम होने की भी बात कह दी.

यह भी पढ़ें- शताब्दी स्तंभ पर स्वास्तिक चिह्न विवाद पर विधानसभा अध्यक्ष बोले- तेजस्वी में जानकारी का अभाव

'नेता प्रतिपक्ष को शायद यह बात पता नहीं है कि कहां ताली बजाना चाहिए और कहां छाती पीटना चाहिए. उन्हें स्वास्तिक के प्रयोग और अशोक चिन्ह को लेकर भी पूरी जानकारी नहीं है. ऐसे में बेहतर हो कि पहले पूरी जानकारी हासिल करें, उसके बाद कोई बयान दें.' -अरविंद कुमार सिंह, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

'नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधानसभा के सदस्य हैं. लेकिन लगता है उन्होंने ठीक से विधानसभा का मुआयना भी नहीं किया. इस वजह से उन्हें अशोक चक्र नहीं भी दिखा होगा. उन्हें निगेटिविटी ही फैलानी है और निगेटिविटी ही पोस्ट करनी है. इस वजह से उन्होंने ऐसा ट्वीट किया है. हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या आप नास्तिक हैं. मुख्यमंत्री बनने के लिए पूजा भी की थी. अब पूजा भी काम नहीं आयी तो निगेटिविटी फैलाने के लिए ऐसा पोस्ट क्यों.' -अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू

हालांकि कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष के ट्वीट के समर्थन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्हें संघी विचारधारा से प्रभावित करार दिया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा संविधानिक पदों पर बैठे लोग ही संविधान का सबसे ज्यादा उल्लंघन कर रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाजवादी विचारधारा को छोड़कर अब संघ विचारधारा से पूरी तरह प्रभावित लग रहे हैं. इसी वजह से अशोक चक्र का अपमान हो रहा है.

आपको बताएं कि पूरे विवाद की शुरुआत तेजस्वी यादव के एक ट्वीट से हुई है. बिहार विधानसभा परिसर में शताब्दी समारोह के मौके पर निर्माणाधीन शताब्दी स्तंभ को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर किया और लिखा कि इस स्तंभ पर अशोक चक्र की बजाय स्वास्तिक का चिन्ह क्यों लगाया जा रहा है. इस पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव की समझ पर ही सवाल खड़े कर दिए थे.

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि शताब्दी स्तंभ में कुछ नया नहीं लगाया जा रहा है. पुराने चिन्ह को ही लगाया जा रहा है. स्वास्तिक चिन्ह का प्रयोग सभी विधायक और यहां तक कि नेता प्रतिपक्ष के लेटर पैड पर भी किया जाता है. यह बात नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को समझना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष के इस बयान के बाद जब यह सवाल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की अपनी गरिमा होती है. उनके बयान पर कोई प्रतिक्रिया देना उचित नहीं है.

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पटना: बिहार विधानसभा परिसर में शताब्दी समारोह को लेकर बन रहे शताब्दी स्तंभ पर बिहार में राजनीति (Politics in Bihar on Centenary Pillar) शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर इस स्तंभ में स्वस्तिक चिह्न लगाने पर सवाल उठाया है. इसको लेकर भाजपा और बीजेपी नेताओं ने भी चौतरफा हमला बोला है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) के ट्वीट के बाद बिहार में सियासी बयानबाजी शुरू है. नेताओं ने उनकी जानकारी कम होने की भी बात कह दी.

यह भी पढ़ें- शताब्दी स्तंभ पर स्वास्तिक चिह्न विवाद पर विधानसभा अध्यक्ष बोले- तेजस्वी में जानकारी का अभाव

'नेता प्रतिपक्ष को शायद यह बात पता नहीं है कि कहां ताली बजाना चाहिए और कहां छाती पीटना चाहिए. उन्हें स्वास्तिक के प्रयोग और अशोक चिन्ह को लेकर भी पूरी जानकारी नहीं है. ऐसे में बेहतर हो कि पहले पूरी जानकारी हासिल करें, उसके बाद कोई बयान दें.' -अरविंद कुमार सिंह, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

'नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधानसभा के सदस्य हैं. लेकिन लगता है उन्होंने ठीक से विधानसभा का मुआयना भी नहीं किया. इस वजह से उन्हें अशोक चक्र नहीं भी दिखा होगा. उन्हें निगेटिविटी ही फैलानी है और निगेटिविटी ही पोस्ट करनी है. इस वजह से उन्होंने ऐसा ट्वीट किया है. हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या आप नास्तिक हैं. मुख्यमंत्री बनने के लिए पूजा भी की थी. अब पूजा भी काम नहीं आयी तो निगेटिविटी फैलाने के लिए ऐसा पोस्ट क्यों.' -अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू

हालांकि कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष के ट्वीट के समर्थन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्हें संघी विचारधारा से प्रभावित करार दिया है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा संविधानिक पदों पर बैठे लोग ही संविधान का सबसे ज्यादा उल्लंघन कर रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाजवादी विचारधारा को छोड़कर अब संघ विचारधारा से पूरी तरह प्रभावित लग रहे हैं. इसी वजह से अशोक चक्र का अपमान हो रहा है.

आपको बताएं कि पूरे विवाद की शुरुआत तेजस्वी यादव के एक ट्वीट से हुई है. बिहार विधानसभा परिसर में शताब्दी समारोह के मौके पर निर्माणाधीन शताब्दी स्तंभ को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर किया और लिखा कि इस स्तंभ पर अशोक चक्र की बजाय स्वास्तिक का चिन्ह क्यों लगाया जा रहा है. इस पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव की समझ पर ही सवाल खड़े कर दिए थे.

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि शताब्दी स्तंभ में कुछ नया नहीं लगाया जा रहा है. पुराने चिन्ह को ही लगाया जा रहा है. स्वास्तिक चिन्ह का प्रयोग सभी विधायक और यहां तक कि नेता प्रतिपक्ष के लेटर पैड पर भी किया जाता है. यह बात नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को समझना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष के इस बयान के बाद जब यह सवाल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की अपनी गरिमा होती है. उनके बयान पर कोई प्रतिक्रिया देना उचित नहीं है.

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