पटना: जनता दल यूनाइटेड (Janta Dal United) के अंदर संगठन स्तर पर विवाद खत्म नहीं हो रहा है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU National President Lalan Singh) के बनने के बाद आरसीपी सिंह के बनाए गए सभी 33 पोस्ट को भंग कर दिया गया था और नए सिरे से केवल 12 प्रकोष्ठ का गठन किया गया, जिसमें युवा जदयू भी शामिल है. युवा जदयू का हाल ही में पूरे बिहार स्तर पर विस्तार किया गया और इसी के बाद विवाद शुरू हो गया. युवा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु भारद्वाज पर पुराने सदस्यों के साथ कई जिलों को नजरअंदाज करने का आरोप लग रहा था. उसके बाद जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने युवा जदयू प्रकोष्ठ को भंग कर दिया है. अब नए सिरे से इसका गठन किया जाएगा.
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प्रदेश युवा जदयू द्वारा जारी जिला अध्यक्षों एवं प्रदेश पदाधिकारियों की सूची को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए युवा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष को निर्देश दिया गया है कि दल की नीति के अनुरूप सामाजिक एवं क्षेत्रीय संतुलन के अनुसार दस दिनों में नयी सूची प्रदेश कार्यालय को समर्पित करें। pic.twitter.com/LiZw1d8leG
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युवा जदयू प्रकोष्ठ भंग : युवा जदयू प्रकोष्ठ में जगह नहीं मिलने के कारण सोशल मीडिया पर भी बड़ी संख्या में जदयू के पुराने सदस्य अपनी नाराजगी जता रहे थे और इससे पार्टी की भद्द पिट रही थी. जदयू के सामाजिक समीकरण का भी युवा जदयू प्रकोष्ठ के विस्तार में ध्यान नहीं देने का आरोप लग रहा था और उसी के बाद पार्टी नेतृत्व ने इसे भंग करने का यह फैसला लिया है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा कि- 'प्रदेश युवा जदयू द्वारा जारी जिला अध्यक्षों एवं प्रदेश पदाधिकारियों की सूची को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए युवा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष को निर्देश दिया गया है, दल की नीति के अनुरूप सामाजिक एवं क्षेत्रीय संतुलन के अनुसार दस दिनों में नयी सूची प्रदेश कार्यालय को समर्पित करें.
जदयू के अंदर संगठन स्तर पर विवाद : गौरतलब है कि आरसीपी सिंह के बनाए गए प्रदेश में 33 प्रकोष्ठों की जगह 12-13 प्रकोष्ठ बनाया गया था. जिस पर उन्होने नाराजगी जताया था. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को संगठन की मजबूती के लिए पहले के प्रकोष्ठों को फिर बहाल करने और बड़े प्रकोष्ठों में उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार अलग करने की बात कही थी. आरसीपी सिंह ने कहा था कि मैंने जदयू को बूथ स्तर तक पहुंचाया और राज्य के सामाजिक ताना-बाना को देखते हुए पार्टी के 33 प्रकोष्ठ बनाए. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष पर उन्होंने इस बात के लिए नाराजगी जताई कि 33 प्रकोष्ठ को 12-13 पर लाकर सीमित कर दिया गया.
दस दिनों में नयी सूची बनाने के निर्देश : उन्होंने कहा था कि प्रकोष्ठों को 33 से 53 करना चाहिए था न कि उन्हें कम करके 12-13 पर लाना था. आरसीपी सिंह ने ऐलान किया था कि वह शुरू से ही पार्टी को संगठनात्मक स्तर पर मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं. अब एक बार फिर से पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि अभी वह पार्टी में हैं, आगे भी पार्टी में बने रहेंगे. हमने जितने निर्णय लिए, उसके पीछे संगठन ही है. सारे निर्णय सीएम नीतीश कुमार की सहमति से ही लिए हैं. हमको अब संगठन में काम करना है. संगठन कैसे मजबूत हो, इस पर फोकस करना है.