पटना: लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास हो गया है. राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा चल रही है. कानून बनते ही लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% सीट आरक्षित हो जाएगी. बिहार की सत्ताधारी जेडीयू ने भी इस बिल का समर्थन किया है, फिर भी महागठबंधन की ओर से सवाल खड़े किए जा रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल ने आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग की तो वहीं बीजेपी के दलित और अतिपिछड़ा नेता भी राजद के सुर में सुर मिला रहे हैं.
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"महिलाओं के लिए 33% आरक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है. मेरी मांग है कि जितनी सीट आरक्षित हो उसमें 50% अनुसूचित जाति-जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग से आने वाली महिलाओं के लिए आरक्षित होना चाहिए. ऐसा होगा तभी निचले तबके की महिलाएं सांसद और विधानसभा में पहुंच सकती हैं."- प्रवीण दास तांती, प्रदेश प्रभारी, अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा, भाजपा
सम्राट ने विपक्ष पर उठाये सवालाः भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी से जब यह सवाल पूछा गया कि आपकी पार्टी के नेता ही सवाल उठा रहे हैं तो सम्राट चौधरी ने सवाल से कन्नी काटते हुए विपक्ष को ही कटघरे में खड़ा किया. सम्राट चौधरी ने कहा कि जिन लोगों ने संसद के अंदर बिल को फाड़ने का काम किया वह आज सवाल उठा रहे हैं. अगर उसी समय आरक्षण मिल गया होता तो आज महिलाएं कहां होती. उन्होंने कहा कि इन लोगों को सिर्फ परिवार की चिंता है.
राजद की मांगः राष्ट्रीय जनता दल भी महिला आरक्षण के मुद्दे पर आक्रामक है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि महिला आरक्षण का उद्देश्य तभी सफल होगा जब आरक्षण के अंदर आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी. दलित शोषित महिलाएं तभी आएंगे जब उन्हें आरक्षण दी जाएगी.