पटना: 17 फरवरी से हड़ताल पर गए बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने अब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बिहार में शिक्षकों पर हो रहे अन्याय की जानकारी दी है. शिक्षकों ने लिखा है कि कोरोना से ज्यादा बिहार में हड़ताल के दौरान शिक्षकों की जान चली गई है. वहीं सरकार की ओर से वार्ता की खबर को शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति ने महज अफवाह करार दिया है.
बिहार में लाखों नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. हड़ताली शिक्षक पुराने शिक्षकों की तरह वेतन, पुराने शिक्षकों की तरह सेवा शर्त और पुरानी पेंशन योजना के साथ राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. लेकिन अब तक सरकार की ओर से वार्ता की कोई पहल नहीं की गई है.
जारी रहेगी अनिश्चितकालीन हड़ताल
बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक ब्रजनंदन शर्मा ने बताया कि उनके या कार्यालय के पास लिखित या मौखिक कोई प्रस्ताव सरकार के पास से प्राप्त नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि विभिन्न जगह पर 10 अप्रैल को समन्वय समिति की वार्ता सरकार से होगी, ऐसा दिखाया जा रहा है. जो बिल्कुल निराधार और झूठ है. समन्वय समिति के अध्यक्ष मंडल और महासचिव मंडल के सदस्यों ने कहा कि जब तक बिहार सरकार शिक्षकों की सभी मांगों को पूरा नहीं कर देती और शिक्षकों पर किए गए सभी धनात्मक कार्रवाई को वापस नहीं ले लेती, तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी.
![contract teachers](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-teachers-agitation-pkg-7200694_06042020192658_0604f_02727_214.jpg)
14 शिक्षकों की हुई मौत
शिक्षक नेताओं ने कहा कि सरकार के दमनात्मक कार्रवाई से त्रस्त होकर राज्य के 14 शिक्षकों ने अपनी जान गवाई है. शिक्षक नेताओं ने हड़ताल अवधि में जिन शिक्षकों की मृत्यु हुई है, उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी और अनुग्रह राशि देने की मांग सरकार से की है. इस बीच बिहार परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि फरवरी महीने से हड़ताल कर रहे. शिक्षकों पर बिहार सरकार धनात्मक कार्रवाई कर रही है.
इसमें यह भी लिखा गया है कि कोरोना जैसी वैश्विक आपदा के समय में भी शिक्षकों के वेतन भुगतान नहीं करने के कारण 14 शिक्षकों की मौत हो गई है. वहीं शिक्षक नेताओं ने कहा कि अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताली शिक्षक लॉक डाउन की अवधि में घर पर रहते हुए 11 अप्रैल को महात्मा फुले की जयंती पर मौन व्रत धारण करेंगे. साथ ही 14 अप्रैल को भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर संकल्प दिवस मनाएंगे.