पटना: बिहार में प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए पहले केंद्रीकृत व्यवस्था करने की बात कही गई थी. क्योंकि पिछली बार शिक्षक नियोजन के दौरान बड़ी संख्या में गड़बड़ी हुई थी. जिसकी निगरानी जांच अब तक चल रही है. लेकिन सरकार ने अभ्यर्थियों की परेशानी को दरकिनार करते हुए फिर वही व्यवस्था कर दी. जिसकी वजह से अभ्यर्थी सभी पंचायत का दौड़ लगा रहे हैं. जो आवेदन पोस्ट से भेजे जा रहे हैं, वो आवेदन भी रिटर्न हो जा रहे हैं. यानि पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में है.
अभ्यर्थियों को हो रही परेशानी
केंद्रीयकृत व्यवस्था के बदले अलग-अलग बाइ हैंड या बाइ पोस्ट अप्लाई करने की व्यवस्था से अभ्यर्थी परेशान हैं. वहीं अभ्यर्थियों को इसकी जानकारी नहीं है कि उन्हें लिफाफा और टिकट देना है या नहीं. कई जगह पर एप्लीकेशन रिसीव करने की व्यवस्था नहीं होने के कारण भी अभ्यर्थियों को परेशानी हो रही है.
पंचायत में किसी व्यक्ति विशेष को जिम्मेदारी नहीं मिलने के कारण स्पीड पोस्ट से भेजे जाने वाले आवेदन बड़ी संख्या में रिटर्न हो रहे हैं. जिसकी वजह से अभ्यर्थियों को भारी-भरकम खर्च उठाना पड़ रहा है. एक अभ्यर्थी को आवेदन करने में काफी रुपए का खर्च आ रहा है.
अब तक पूरी नहीं हुई जांच
पिछली बार शिक्षक नियोजन प्रक्रिया के बाद बड़ी संख्या में फर्जी डिग्री पर शिक्षकों के नियोजन का मामला सामने आया था. जिसकी निगरानी जांच अब तक चल रही है. यह जांच अब तक पूरी नहीं हो पाई है. क्योंकि एक लाख से ज्यादा शिक्षकों के फोल्डर गायब हैं. वहीं एक बार फिर उसी प्रक्रिया से नियोजन की जा रही है.
'जानबूझकर किया जा रहा परेशान'
पिछली बार की तरह ही इस बार भी फर्जी डिग्री पर शिक्षकों के नियोजन की आशंका जताई जा रही है. यही वजह है कि शिक्षक अभ्यर्थी परेशान हैं. उनका कहना है कि जानबूझकर हमें परेशान किया जा रहा है. अगर सरकार चाहती तो सेंट्रलाइज सिस्टम से आवेदन करवा कर आसानी से इस प्रक्रिया को पूरा कर सकती थी.