पटना: उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली गंगा नदी (Ganga River In Bihar) पर कच्ची दरगाह और बिदुपुर (Kachchi Dargah Bidupur Ganga Bridge) के बीच सिक्स लेन पुल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. कच्ची दरगाह-बिदुपुर के बीच बनने वाला 6 लेन पुल देश का सबसे लंबा एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज होगा. 9.76 किलोमीटर की लंबाई में बनने वाले कच्ची दरगाह बिदुपुर 6 लेन पुल का निर्माण एलएनटी और कोरियन कंपनी देवू मिलकर कर रही है. इस पुल के निर्माण का लक्ष्य 2023 तक रखा गया है. इस पुल से लोग डॉल्फिन का भी दीदार कर सकेंगे. इसके साथ ही यह पुल दक्षिण बिहार और उत्तर बिहार के विकास का नया द्वार भी खोलेगा.
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बिहार में गंगा नदी पर कई पुल का निर्माण हो रहा है. पुराने पुल का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है. लेकिन कच्ची दरगाह से बिदुपुर तक बनने वाले 6 लेन पुल बिहार की आर्थिक गतिविधियों में काफी तेजी ला सकती है. इसके साथ ही नेपाल तक आने-जाने में भी आसानी हो जाएगाी. अभी गांधी सेतु के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है और केवल एक लेन पर ही आवागमन की सुविधा है.
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वहीं, जेपी सेतु से बड़े व्यावसायिक गाड़ियों की आवाजाही नहीं होती है. ऐसे में गांधी सेतु का दूसरा लेन 2022 में बनकर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. साथ ही 2023 में जब कच्ची दरगाह से बिदुपुर तक 6 लेन पुल बनकर तैयार होगा, तो राजधानी पटना से उत्तर बिहार की तरफ न केवल आवागमन की सुविधा होगी बल्कि व्यवसायिक गतिविधियों में भी पंख लग जाएगा.
बता दें कि लगभग 5 हजार करोड़ की लागत से बन रहे कच्ची दरगाह बिदुपुर सिक्स लेन पुल कई खूबियां है. पुल से लोग डॉल्फिन का भी दीदार कर सकेंगे. इसके लिए पुल के फुटपाथ पर बालकोनी नुमा प्लेटफार्म बनाया जाएगा. पुल पर रोशनी की विशेष व्यवस्था सोलर सिस्टम से की जाएगीत. साथ ही सबलपुर के पास एक हाईवे म्यूजियम भी बनेगा. इस म्यूजियम में पीएचईडी और एमटेक के विद्यार्थी अध्ययन करने के लिए आ सकेंगे.
पुल का निर्माण कार्य 16 जनवरी, 2017 को शुरू हुआ था. 2021 में इस पुल के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था लेकिन जमीन अधिग्रहण , कोरोना सहित कई कारणों से विलंब हो गया. जिसके बाद अब 2023 में इसके पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है.
बिदुपुर कच्ची दरगाह 6 लेन पुल की खास बातें-
- इस पुल की लंबाई 9.76 किलोमीटर.
- 19.6 किलोमीटर पुल और एप्रोच रोड की लंबाई होगी.
- यह देश का सबसे लंबा एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज होगा.
- पुल के निर्माण में 5000 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है.
- पुल में 67 पाया का निर्माण किया गया है.
- 2023 तक पुल निर्माण का लक्ष्य.
- राघोपुर दियारा से भी पुल की कनेक्टिविटी होगी.
'सिक्स लेन पुल के निर्माण का समय पहले कम रखा गया था. हम लोगों ने उसकी समीक्षा की और उसके लिए एक नया समय निर्धारित किया गया. यह पुल बिहार के लिए अहम होगी. इसकी लगातार समीक्षा की जा रही है. दुर्गा पूजा में अष्टमी के दिन मैंने खुद जाकर जायजा भी लिया था. इसके साथ ही अगले महीने इसका निरीक्षण भी करेंगे.' -नितिन नवीन, मंत्री, पथ निर्माण विभाग
बिदुपुर से कच्ची दरगाह तक पुल का निर्माण होने के बाद राजधानी पटना से दरभंगा, पूर्णिया और जयनगर जाना आसान हो सकेगा. दक्षिण और उत्तर बिहार बेरोकटोक के लोग आ-जा सकेंगे और इससे व्यवसायिक गतिविधियां काफी बढ़ेगी. खास बात यह भी है कि इस पुल के बन जाने से ग्रीन कॉरिडोर औरंगाबाद से दरभंगा तक बनने वाले एक्सप्रेस वे के काम में भी तेजी आएगी. इसके साथ ही इस 6 लेन पुल को एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जाना है.