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बिहार विधानसभा उपचुनाव: RJD के एमवाई समीकरण में सेंधमारी, कांग्रेस ने पूरी की तैयारी - तारापुर और कुशेश्वरस्थान

कांग्रेस अब राजद की एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण पर सेंधमारी करना शुरू कर चुकी है. कांग्रेस ने कुशेश्वरस्थान से पूर्व सांसद रंजीत रंजन और तारापुर से चंदन यादव को पर्यवेक्षक बनाया है. दोनों पर्यवेक्षकों की तैनाती यादव वोटरों को इस हद तक रिझाने के इरादे से की गई है कि इस बिरादरी के लोग कांग्रेस के पक्ष में वोट कर सकें. पढ़ें रिपोर्ट...

एमवाई समीकरण
एमवाई समीकरण
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Published : Oct 18, 2021, 10:14 PM IST

Updated : Oct 18, 2021, 10:58 PM IST

पटना: बिहार के 2 विधानसभा सीटों तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur and kusheshwarsthan) पर हो रहे उपचुनाव (By-Election) को लेकर महागठबंधन में राजद (RJD) और कांग्रेस (Congress) के बीच ही जंग छिड़ गई है. राजद के दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है. दोनों सीटों पर यादव पर्यवेक्षक की नियुक्ति के बाद इस बात की चर्चा है कि कांग्रेस की नजर राजद के मुस्लिम यादव समीकरण पर है. क्योंकि दोनों सीटों पर करीब 25 फीसदी से लेकर 30 फीसदी तक वोट यादव और मुस्लिम का है, जो चुनाव के नतीजों पर बड़ा असर डाल सकता है.

यह भी पढ़ें- घर में साथ-साथ पर चुनावी मैदान में विरोधी, उपचुनाव में कुछ ऐसा है पप्पू यादव-रंजीत रंजन के बीच मुकाबला

बिहार में 2 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में महागठबंधन के दो प्रमुख दलों के मैदान में उतरने से मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है. एक तरफ राष्ट्रीय जनता दल ने कुशेश्वरस्थान में कांग्रेस की मांग को दरकिनार करते हुए अपने प्रत्याशी उतार दिया. दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस बार दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारकर राजद को भी चुनौती दे दी है. लेकिन असल चुनौती तब सामने आई, जब कांग्रेस ने राजद के एमवाई समीकरण पर निशाना साधते हुए तारापुर और कुशेश्वरस्थान में दो यादव चेहरों को पर्यवेक्षक बनाकर उतार दिया.

देखें वीडियो

कांग्रेस के पूर्व सांसद रंजीत रंजन को कुशेश्वरस्थान में और चंदन यादव को तारापुर में पर्यवेक्षक बनाया है. पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में कोई पिछड़ा वर्ग के नेता का नाम नहीं होने पर कांग्रेस ने दोनों नेताओं को पर्यवेक्षक बना कर ना सिर्फ इसकी भरपाई की है. बल्कि सीधे-सीधे कांग्रेस के यादव वोट बैंक पर भी निशाना साधा है.

'पार्टी ने किसी जाति के आधार पर किसी को भी कोई जिम्मेदारी नहीं दी है. जात देख कर राजनीति करना हमारी फितरत नहीं है. चाहे चंदन यादव हो या रंजीत रंजन, दोनों हमारे राष्ट्रीय चुनाव समिति के सदस्य हैं. उन्हें पर्यवेक्षक पार्टी की ओर से बनाया गया है. ताकि चुनाव संबंधी तमाम कार्यों की सही तरीके से निगरानी हो सके.' -प्रेमचंद्र मिश्र, कांग्रेस नेता

'राष्ट्रीय जनता दल का वोट बैंक कोई खास जाति नहीं बल्कि सभी लोग हैं. चाहे तारापुर हो या कुशेश्वरस्थान, इन दोनों जगहों पर हमारी जीत तय है. बाकी पार्टियां सिर्फ जमानत बचाने के लिए जोर आजमाइश कर रही है. कांग्रेस चाहे जितनी जोर आजमाइश कर ले, राजद की इन दोनों सीटों पर जीत तय है.' -एजाज अहमद, राजद नेता

'कांग्रेस ने जिस तरह की तैयारी की है, उससे यह स्पष्ट है कि राजद के वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी हो रही है. मुसलमानों के वोटिंग ट्रेंड के बारे में तो सबको पता है, लेकिन यादवों के वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी कांग्रेस ने जिस तरह से की है, उसका असर दिख सकता है. परेशानी ना सिर्फ राजद बल्कि जदयू के लिए भी है. इस बारे में स्पष्ट तौर पर तो रिजल्ट से ही पता चलेगा, लेकिन कांग्रेस के दांव ने राजद को सोचने पर जरूर मजबूर कर दिया है.' -रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक

आंकड़ों के मुताबिक मुंगेर के तारापुर विधानसभा क्षेत्र में यादवों की आबादी करीब 18 फीसदी है, जबकि मुस्लिम आबादी करीब 12 फीसदी है. वहीं कुशेश्वरस्थान में यादव करीब 15% जबकि मुस्लिम करीब 10% हैं.

यह भी पढ़ें- जमा खान का दावा- दोनों सीटों पर होगी JDU की जीत, अल्पसंख्यकों का भी मिलेगा साथ

पटना: बिहार के 2 विधानसभा सीटों तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur and kusheshwarsthan) पर हो रहे उपचुनाव (By-Election) को लेकर महागठबंधन में राजद (RJD) और कांग्रेस (Congress) के बीच ही जंग छिड़ गई है. राजद के दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है. दोनों सीटों पर यादव पर्यवेक्षक की नियुक्ति के बाद इस बात की चर्चा है कि कांग्रेस की नजर राजद के मुस्लिम यादव समीकरण पर है. क्योंकि दोनों सीटों पर करीब 25 फीसदी से लेकर 30 फीसदी तक वोट यादव और मुस्लिम का है, जो चुनाव के नतीजों पर बड़ा असर डाल सकता है.

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बिहार में 2 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में महागठबंधन के दो प्रमुख दलों के मैदान में उतरने से मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है. एक तरफ राष्ट्रीय जनता दल ने कुशेश्वरस्थान में कांग्रेस की मांग को दरकिनार करते हुए अपने प्रत्याशी उतार दिया. दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस बार दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारकर राजद को भी चुनौती दे दी है. लेकिन असल चुनौती तब सामने आई, जब कांग्रेस ने राजद के एमवाई समीकरण पर निशाना साधते हुए तारापुर और कुशेश्वरस्थान में दो यादव चेहरों को पर्यवेक्षक बनाकर उतार दिया.

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कांग्रेस के पूर्व सांसद रंजीत रंजन को कुशेश्वरस्थान में और चंदन यादव को तारापुर में पर्यवेक्षक बनाया है. पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में कोई पिछड़ा वर्ग के नेता का नाम नहीं होने पर कांग्रेस ने दोनों नेताओं को पर्यवेक्षक बना कर ना सिर्फ इसकी भरपाई की है. बल्कि सीधे-सीधे कांग्रेस के यादव वोट बैंक पर भी निशाना साधा है.

'पार्टी ने किसी जाति के आधार पर किसी को भी कोई जिम्मेदारी नहीं दी है. जात देख कर राजनीति करना हमारी फितरत नहीं है. चाहे चंदन यादव हो या रंजीत रंजन, दोनों हमारे राष्ट्रीय चुनाव समिति के सदस्य हैं. उन्हें पर्यवेक्षक पार्टी की ओर से बनाया गया है. ताकि चुनाव संबंधी तमाम कार्यों की सही तरीके से निगरानी हो सके.' -प्रेमचंद्र मिश्र, कांग्रेस नेता

'राष्ट्रीय जनता दल का वोट बैंक कोई खास जाति नहीं बल्कि सभी लोग हैं. चाहे तारापुर हो या कुशेश्वरस्थान, इन दोनों जगहों पर हमारी जीत तय है. बाकी पार्टियां सिर्फ जमानत बचाने के लिए जोर आजमाइश कर रही है. कांग्रेस चाहे जितनी जोर आजमाइश कर ले, राजद की इन दोनों सीटों पर जीत तय है.' -एजाज अहमद, राजद नेता

'कांग्रेस ने जिस तरह की तैयारी की है, उससे यह स्पष्ट है कि राजद के वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी हो रही है. मुसलमानों के वोटिंग ट्रेंड के बारे में तो सबको पता है, लेकिन यादवों के वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी कांग्रेस ने जिस तरह से की है, उसका असर दिख सकता है. परेशानी ना सिर्फ राजद बल्कि जदयू के लिए भी है. इस बारे में स्पष्ट तौर पर तो रिजल्ट से ही पता चलेगा, लेकिन कांग्रेस के दांव ने राजद को सोचने पर जरूर मजबूर कर दिया है.' -रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक

आंकड़ों के मुताबिक मुंगेर के तारापुर विधानसभा क्षेत्र में यादवों की आबादी करीब 18 फीसदी है, जबकि मुस्लिम आबादी करीब 12 फीसदी है. वहीं कुशेश्वरस्थान में यादव करीब 15% जबकि मुस्लिम करीब 10% हैं.

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Last Updated : Oct 18, 2021, 10:58 PM IST
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