पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर घोषणापत्र जारी करने का सिलसिला शुरू है. महागठबंधन का हिस्सा कांग्रेस पार्टी ने भी बुधवार को 'बदलावपत्र' के नाम से घोषणापत्र जारी किया, जिसमें कई बड़े वादे किए गए हैं. इन्हीं से एक वादा कांग्रेस ने शराबबंदी को लेकर भी किया है. कांग्रेस का कहना है कि वो सरकार में आएगी तो शराबबंदी के निर्णय की समीक्षा करेगी.
'शराबबंदी से पुलिस को लाभ'
कांग्रेस ने कहा है कि शराबबंदी से राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ है और सरकार भी इसके सकारात्मक उद्देश्य से भटक गई है. लिहाजा राज्य में शराब का अवैध व्यापार को बढ़ावा मिला है. उससे पुलिस को लाभ पहुंचा है, जबकि जनता अभी भी परेशान ही है. ऐसे में सत्ता में आने पर इसकी सही से समीक्षा की जाएगी.
नीतीश कुमार ने की थी शराबबंदी
बता दें कि 2015 में मुख्यमंत्री बनने पर नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लागू किया था और इसे वह एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखते हैं. हालांकि, चुनावी माहौल में बिहार के कई इलाकों में शराब पकड़ी गई है, जो कि इस फैसले को लागू करने के स्तर पर हो रही लापरवाही को उजागर करता है.
कांग्रेस के वादे
इनके अलावा कांग्रेस ने अपने वादों में कई अहम बातें कही हैं, जिनमें सौ यूनिट तक आधा बिल माफ, लड़कियों को स्कूटी, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, विधवाओं को पेंशन देने की बात कही गई है.
चिराग ने भी उठाए शराबबंदी पर सवाल
गौरतलब है कि कांग्रेस के अलावा एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी बुधवार को शराबबंदी पर सवाल उठाए थे. चिराग ने कहा था कि क्या सिर्फ शराबबंदी करने से ही महिला सशक्तिकरण हो गया है. शराबबंदी का फैसला सही तरीके से लागू नहीं हुआ है. बता दें कि बिहार विधानसभा चुनव में कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा है और कुल 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.