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बिहार चुनाव: कांग्रेस का वादा- सत्ता में आने पर शराबबंदी की करेंगे समीक्षा

घोषणा पत्र में किसानों का कर्ज माफ और बिजली बिल हाफ करने और बेरोजगारों को 1500 रुपए मासिक भत्ता सहित 12 मुद्दों पर जोर दिया गया है. जिसमें सत्ता में आने पर शराबबंदी की समीक्षा का भी वादा किया गया है. कांग्रेस ने घोषणा पत्र को 'बदलाव पत्र' का नाम दिया है.

कांग्रेस का घोषणा पत्र
कांग्रेस का घोषणा पत्र
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Published : Oct 21, 2020, 3:58 PM IST

Updated : Oct 21, 2020, 6:56 PM IST

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर घोषणापत्र जारी करने का सिलसिला शुरू है. महागठबंधन का हिस्सा कांग्रेस पार्टी ने भी बुधवार को 'बदलावपत्र' के नाम से घोषणापत्र जारी किया, जिसमें कई बड़े वादे किए गए हैं. इन्हीं से एक वादा कांग्रेस ने शराबबंदी को लेकर भी किया है. कांग्रेस का कहना है कि वो सरकार में आएगी तो शराबबंदी के निर्णय की समीक्षा करेगी.

'शराबबंदी से पुलिस को लाभ'
कांग्रेस ने कहा है कि शराबबंदी से राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ है और सरकार भी इसके सकारात्मक उद्देश्य से भटक गई है. लिहाजा राज्य में शराब का अवैध व्यापार को बढ़ावा मिला है. उससे पुलिस को लाभ पहुंचा है, जबकि जनता अभी भी परेशान ही है. ऐसे में सत्ता में आने पर इसकी सही से समीक्षा की जाएगी.

नीतीश कुमार ने की थी शराबबंदी
बता दें कि 2015 में मुख्यमंत्री बनने पर नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लागू किया था और इसे वह एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखते हैं. हालांकि, चुनावी माहौल में बिहार के कई इलाकों में शराब पकड़ी गई है, जो कि इस फैसले को लागू करने के स्तर पर हो रही लापरवाही को उजागर करता है.

शराबबंदी पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला का बयान

कांग्रेस के वादे
इनके अलावा कांग्रेस ने अपने वादों में कई अहम बातें कही हैं, जिनमें सौ यूनिट तक आधा बिल माफ, लड़कियों को स्कूटी, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, विधवाओं को पेंशन देने की बात कही गई है.

पेश है रिपोर्ट

चिराग ने भी उठाए शराबबंदी पर सवाल
गौरतलब है कि कांग्रेस के अलावा एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी बुधवार को शराबबंदी पर सवाल उठाए थे. चिराग ने कहा था कि क्या सिर्फ शराबबंदी करने से ही महिला सशक्तिकरण हो गया है. शराबबंदी का फैसला सही तरीके से लागू नहीं हुआ है. बता दें कि बिहार विधानसभा चुनव में कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा है और कुल 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर घोषणापत्र जारी करने का सिलसिला शुरू है. महागठबंधन का हिस्सा कांग्रेस पार्टी ने भी बुधवार को 'बदलावपत्र' के नाम से घोषणापत्र जारी किया, जिसमें कई बड़े वादे किए गए हैं. इन्हीं से एक वादा कांग्रेस ने शराबबंदी को लेकर भी किया है. कांग्रेस का कहना है कि वो सरकार में आएगी तो शराबबंदी के निर्णय की समीक्षा करेगी.

'शराबबंदी से पुलिस को लाभ'
कांग्रेस ने कहा है कि शराबबंदी से राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ है और सरकार भी इसके सकारात्मक उद्देश्य से भटक गई है. लिहाजा राज्य में शराब का अवैध व्यापार को बढ़ावा मिला है. उससे पुलिस को लाभ पहुंचा है, जबकि जनता अभी भी परेशान ही है. ऐसे में सत्ता में आने पर इसकी सही से समीक्षा की जाएगी.

नीतीश कुमार ने की थी शराबबंदी
बता दें कि 2015 में मुख्यमंत्री बनने पर नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लागू किया था और इसे वह एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखते हैं. हालांकि, चुनावी माहौल में बिहार के कई इलाकों में शराब पकड़ी गई है, जो कि इस फैसले को लागू करने के स्तर पर हो रही लापरवाही को उजागर करता है.

शराबबंदी पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला का बयान

कांग्रेस के वादे
इनके अलावा कांग्रेस ने अपने वादों में कई अहम बातें कही हैं, जिनमें सौ यूनिट तक आधा बिल माफ, लड़कियों को स्कूटी, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, विधवाओं को पेंशन देने की बात कही गई है.

पेश है रिपोर्ट

चिराग ने भी उठाए शराबबंदी पर सवाल
गौरतलब है कि कांग्रेस के अलावा एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी बुधवार को शराबबंदी पर सवाल उठाए थे. चिराग ने कहा था कि क्या सिर्फ शराबबंदी करने से ही महिला सशक्तिकरण हो गया है. शराबबंदी का फैसला सही तरीके से लागू नहीं हुआ है. बता दें कि बिहार विधानसभा चुनव में कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा है और कुल 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

Last Updated : Oct 21, 2020, 6:56 PM IST
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