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कांग्रेस सांसद का बड़ा बयान, 'मुझे समझौते की दी होती जिम्मेवारी तो सीट शेयरिंग में नहीं होती दिक्कत' - etv news

बिहार एमएलसी चुनाव (Bihar MLC Elections) में आरजेडी और कांग्रेस के बीच सियासी सरगर्मी काफी तेज है. एक तरफ दोनों दल अपने उम्मीदवारों को उतारने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि अभी वक्त है, वक्त से सारा काम हो जाएगा. पढ़ें रिपोर्ट..

राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह
राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह
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Published : Feb 6, 2022, 4:35 PM IST

पटनाः बिहार विधान परिषद की स्थानीय निकाय की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव में राजद और कांग्रेस के बीच महागठबंधन उम्मीदवार को लेकर विवाद (Bihar MLC Elections) चरम पर है. दोनों पार्टियों के बीच अब तक कोई समझौता नहीं हुआ है. एक ओर जहां राजद अपने उम्मीदवारों का अनौपचारिक ऐलान करना शुरू कर चुकी है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी 24 सीटों पर तैयारी तेज कर दी है. इस बारे में कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि मुझे समझौता कराने की जिम्मेदारी दी जाए, तो जरूर करूंगा.

यह भी पढ़ें- लालू की घोषणा के बाद भी अंदरखाने मंथन? बिहार MLC चुनाव में बड़ा गेम प्लान कर रही RJD-कांग्रेस !

कांग्रेस सांसद ने दिया बड़ा बयान

इन सबके बीच राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने दावा किया है कि अगर उन्हें समझौता कराने की जिम्मेवारी दी जाए, तो वे जरूर तालमेल करा लेंगे. पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे समझौता कराने की जिम्मेदारी नहीं दी गई है. अगर दी जाती तो समझौता कब का हो गया होता. आपको बता दें कि बिहार में 24 सीट पर बिधान परिषद का चुनाव होना है राजद के महागठबंधन में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी गई है. इसपर बिहार में सियासत जारी है.

बिहार के कांग्रेसी नेता इसको लेकर तरह-तरह के बयान दे रहे हैं. कांग्रेस अपने उम्मीदवार की भी तैयारी कर रही है. अकेले लड़ने का भी मन बना लिया है. ऐसी स्थिति में क्या कुछ निर्णय होगा, वह साफ नहीं हुआ है. कांग्रेस के नेता अलग-अलग तरीके से इस मामले को देख रहे हैं. अखिलेश सिंह कहते है कि अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है. अभी समय है. समय आएगा तो देखा जाएगा.

इसे भी पढ़ें- हमारे पास प्रत्याशियों की कमी नहीं, सभी 24 सीटों पर MLC का चुनाव लड़ेगी कांग्रेस: अजीत शर्मा

आपको बता दें कि बिहार की सियासत में एक पार्टी के उम्मीदवार को दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ाने की परंपरा कोई नई नहीं है. हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई उम्मीदवार कथित रूप से लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े. वहीं, बीजेपी से इस्तीफा देकर सुनील कुमार पिंटू ने भी जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते भी.

एक तरफ जहां यह तय है कि राजद ने इस बार कांग्रेस को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि उम्मीदवारों के नाम तय करने में प्रमुख भूमिका राष्ट्रीय जनता दल की ही होगी. वहीं, दूसरी तरफ आखिरी वक्त तक यह कोशिश भी हो रही है कि बात बन जाए और महागठबंधन में बिखराव की नौबत ना आए. अब निगाहें औपचारिक घोषणा पर ही टिकी हैं.

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पटनाः बिहार विधान परिषद की स्थानीय निकाय की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव में राजद और कांग्रेस के बीच महागठबंधन उम्मीदवार को लेकर विवाद (Bihar MLC Elections) चरम पर है. दोनों पार्टियों के बीच अब तक कोई समझौता नहीं हुआ है. एक ओर जहां राजद अपने उम्मीदवारों का अनौपचारिक ऐलान करना शुरू कर चुकी है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी 24 सीटों पर तैयारी तेज कर दी है. इस बारे में कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि मुझे समझौता कराने की जिम्मेदारी दी जाए, तो जरूर करूंगा.

यह भी पढ़ें- लालू की घोषणा के बाद भी अंदरखाने मंथन? बिहार MLC चुनाव में बड़ा गेम प्लान कर रही RJD-कांग्रेस !

कांग्रेस सांसद ने दिया बड़ा बयान

इन सबके बीच राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने दावा किया है कि अगर उन्हें समझौता कराने की जिम्मेवारी दी जाए, तो वे जरूर तालमेल करा लेंगे. पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे समझौता कराने की जिम्मेदारी नहीं दी गई है. अगर दी जाती तो समझौता कब का हो गया होता. आपको बता दें कि बिहार में 24 सीट पर बिधान परिषद का चुनाव होना है राजद के महागठबंधन में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी गई है. इसपर बिहार में सियासत जारी है.

बिहार के कांग्रेसी नेता इसको लेकर तरह-तरह के बयान दे रहे हैं. कांग्रेस अपने उम्मीदवार की भी तैयारी कर रही है. अकेले लड़ने का भी मन बना लिया है. ऐसी स्थिति में क्या कुछ निर्णय होगा, वह साफ नहीं हुआ है. कांग्रेस के नेता अलग-अलग तरीके से इस मामले को देख रहे हैं. अखिलेश सिंह कहते है कि अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है. अभी समय है. समय आएगा तो देखा जाएगा.

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आपको बता दें कि बिहार की सियासत में एक पार्टी के उम्मीदवार को दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ाने की परंपरा कोई नई नहीं है. हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई उम्मीदवार कथित रूप से लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े. वहीं, बीजेपी से इस्तीफा देकर सुनील कुमार पिंटू ने भी जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते भी.

एक तरफ जहां यह तय है कि राजद ने इस बार कांग्रेस को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि उम्मीदवारों के नाम तय करने में प्रमुख भूमिका राष्ट्रीय जनता दल की ही होगी. वहीं, दूसरी तरफ आखिरी वक्त तक यह कोशिश भी हो रही है कि बात बन जाए और महागठबंधन में बिखराव की नौबत ना आए. अब निगाहें औपचारिक घोषणा पर ही टिकी हैं.

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