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जेपी सेनानियों की पेंशन बढ़ाना सरकारी धन का दुरुपयोग: कांग्रेस

कांग्रेस (Congress) ने जेपी सेनानियों की पेंशन में बढ़ोत्तरी को अनुचित बताया और कहा कि ऐसा करना सरकारी धन का दुरुपयोग है. कांग्रेस ने इस योजना को तुरंत बंद करने की मांग की है. पढ़ें रिपोर्ट..

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Published : Oct 12, 2021, 5:44 PM IST

पटना: कांग्रेस (Congress) ने जेपी सेनानियों को मिलने वाली पेंशन को सरकारी धन का दुरुपयोग बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमला बोला है. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद मिश्र ने कहा कि जेपी सेनानियों के पेंशन में बढ़ोतरी अनुचित है. उन्होंने इसे सरकारी धन का दुरुपयोग बताते हुए इस योजना को तुरंत बंद करने की मांग की है. दरअसल, जेपी की जयंती के मौके पर बिहार में नीतीश सरकार ने जेपी सेनानियों की पेंशन बढ़ाने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5000 रुपए की पेंशन को बढ़ाकर 7500 रुपए कर दिया है.

ये भी पढ़ें- जेपी सेनानियों के पेंशन में सरकार ने की 50% की वृद्धि, CM नीतीश ने की घोषणा

''जेपी आंदोलन कांग्रेस सरकार के खिलाफ चलाया गया एक राजनीतिक महत्वाकांक्षा से प्रेरित आंदोलन था, जिसमें भाग लेने या जेल गए राजनीतिक कार्यकर्ताओं को हजारों रुपए बतौर पेंशन देना सरेआम सरकारी खजाने का अपने समर्थकों में बांटने जैसा है. यह एक प्रकार से ना सिर्फ सरकारी धन का दुरुपयोग है, बल्कि एक गलत परंपरा है, जिसे तत्काल वापस लेना चाहिए.''- प्रेमचंद्र मिश्र, कांग्रेस नेता

कांग्रेस नेता ने कहा कि 45 साल पहले के आंदोलनकारी को आखिर कब तक सरकारी खजाने से पैसा दिया जाता रहेगा. जब गरीबों, दिव्यांगों, महिलाओं और वृद्धजनों के लिए प्रतिमाह केवल 400 रुपए की पेंशन को बढ़ाने की मांग की जाती है तो मुख्यमंत्री पैसों की कमी बताकर मना कर देते हैं, लेकिन जेपी सेनानियों के नाम पर अपने समर्थकों को हर महीने 5000 से बढ़ाकर 7500 बांट रहे हैं. इस पेंशन के लिए पैसा कहां से आता है.

ये भी पढ़ें- जेपी जयंती पर बोले रविशंकर प्रसाद- भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार जारी रहेगा संघर्ष

उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में सत्तारूढ़ दल के समर्थकों को पेंशन देना कहीं से भी उचित नहीं है. बिहार जैसे गरीब राज्य के खजाने से प्रतिमाह करोड़ों रुपए को 45 साल पहले के राजनीतिक आंदोलन में भाग लेने वालों के बीच बांटना एक प्रकार की लूट और बंदरबाट करने जैसा है.

बता दें कि बिहार सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर जेपी सेनानियों को मिलने वाली पेंशन में बड़ी वृद्धि की है. सरकार के फैसले से जेपी आंदोलन में शामिल होने वाले सेनानियों को बड़ी राहत मिली है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पेंशन राशि में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की है.

ये भी पढ़ें- ...जब जेपी आंदोलन से घबरा गई थीं 'आयरन लेडी'

बिहार सरकार के मुताबिक जेपी आंदोलन में शामिल होनेवाले वैसे सेनानी 6 महीने तक जेल में रहे हैं, उन्हें अभी सरकार 5 हजार रुपये पेंशन देती है. लेकिन अब इसमें ढ़ाई हजार रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है. अब ऐसे सेनानियों को बढ़े हुए पेंशन के बाद 7 हजार 500 रुपये मिलेंगे.

वहीं, जेपी आंदोलन के दौरान 6 महीने से ज्यादा जेल में रहने वाले को पहले 10 हजार रुपये मिलते थे, लेकिन अब उनके पेंशन 5 हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है. ऐसे सेनानियों को 15 हजार रुपये की राशि मिलेगी. लंबे समय से जेपी सेनानियों के पेंशन में वृद्धि किये जाने की मांग हो रही थी.

पटना: कांग्रेस (Congress) ने जेपी सेनानियों को मिलने वाली पेंशन को सरकारी धन का दुरुपयोग बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमला बोला है. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद मिश्र ने कहा कि जेपी सेनानियों के पेंशन में बढ़ोतरी अनुचित है. उन्होंने इसे सरकारी धन का दुरुपयोग बताते हुए इस योजना को तुरंत बंद करने की मांग की है. दरअसल, जेपी की जयंती के मौके पर बिहार में नीतीश सरकार ने जेपी सेनानियों की पेंशन बढ़ाने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5000 रुपए की पेंशन को बढ़ाकर 7500 रुपए कर दिया है.

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''जेपी आंदोलन कांग्रेस सरकार के खिलाफ चलाया गया एक राजनीतिक महत्वाकांक्षा से प्रेरित आंदोलन था, जिसमें भाग लेने या जेल गए राजनीतिक कार्यकर्ताओं को हजारों रुपए बतौर पेंशन देना सरेआम सरकारी खजाने का अपने समर्थकों में बांटने जैसा है. यह एक प्रकार से ना सिर्फ सरकारी धन का दुरुपयोग है, बल्कि एक गलत परंपरा है, जिसे तत्काल वापस लेना चाहिए.''- प्रेमचंद्र मिश्र, कांग्रेस नेता

कांग्रेस नेता ने कहा कि 45 साल पहले के आंदोलनकारी को आखिर कब तक सरकारी खजाने से पैसा दिया जाता रहेगा. जब गरीबों, दिव्यांगों, महिलाओं और वृद्धजनों के लिए प्रतिमाह केवल 400 रुपए की पेंशन को बढ़ाने की मांग की जाती है तो मुख्यमंत्री पैसों की कमी बताकर मना कर देते हैं, लेकिन जेपी सेनानियों के नाम पर अपने समर्थकों को हर महीने 5000 से बढ़ाकर 7500 बांट रहे हैं. इस पेंशन के लिए पैसा कहां से आता है.

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उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में सत्तारूढ़ दल के समर्थकों को पेंशन देना कहीं से भी उचित नहीं है. बिहार जैसे गरीब राज्य के खजाने से प्रतिमाह करोड़ों रुपए को 45 साल पहले के राजनीतिक आंदोलन में भाग लेने वालों के बीच बांटना एक प्रकार की लूट और बंदरबाट करने जैसा है.

बता दें कि बिहार सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर जेपी सेनानियों को मिलने वाली पेंशन में बड़ी वृद्धि की है. सरकार के फैसले से जेपी आंदोलन में शामिल होने वाले सेनानियों को बड़ी राहत मिली है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पेंशन राशि में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की है.

ये भी पढ़ें- ...जब जेपी आंदोलन से घबरा गई थीं 'आयरन लेडी'

बिहार सरकार के मुताबिक जेपी आंदोलन में शामिल होनेवाले वैसे सेनानी 6 महीने तक जेल में रहे हैं, उन्हें अभी सरकार 5 हजार रुपये पेंशन देती है. लेकिन अब इसमें ढ़ाई हजार रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है. अब ऐसे सेनानियों को बढ़े हुए पेंशन के बाद 7 हजार 500 रुपये मिलेंगे.

वहीं, जेपी आंदोलन के दौरान 6 महीने से ज्यादा जेल में रहने वाले को पहले 10 हजार रुपये मिलते थे, लेकिन अब उनके पेंशन 5 हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है. ऐसे सेनानियों को 15 हजार रुपये की राशि मिलेगी. लंबे समय से जेपी सेनानियों के पेंशन में वृद्धि किये जाने की मांग हो रही थी.

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