पटना: साल के अंत तक बिहार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव से पहले महागठबंधन में टूट की गहराती जा रही है. मिल रही जानकारी के अनुसार राजद के कई विधायक जदयू के दरवाजे पर खड़े हैं. इसके अलावे कांग्रेस के कई विधायक भी एनडीए गठबंधन के वरीय नेताओं के संपर्क में हैं. चुनाव से पूर्व दलों में टूट को लेकर बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. हालांकि, कांग्रेस नेता ने महागठबंधन में किसी भी टूट की संभावना से इंकार किया है.
'एनडीए कर रही टूट की राजनीति'
दलों में टूट को लेकर कांग्रेस एमएलसी समीर कुमार सिंह ने एनडीए पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजग गठबंधन पूरे देश में चुनाव के पहले जोड़-तोड़ की राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि धनबल के बदौलत जो भी पार्टियां ऐसा कर रही है. उसका पूरा लेखा-जोखा जनता के पास है. आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता जोड़-तोड़ की राजनीति करने वाले को मुंहतोड़ जवाब देने का काम करेगी.
महागठबंधन में 5 घटक दल
गौरतलब है कि महागठबंधन में पांच घटक दल शामिल हैं. राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी. रालोसपा, कांग्रेस और हम लंबे समय से महागठबंधन में समन्वय समति मांग कर रहे हैं. एक ओर जहां महागठबंधन के अन्य नेताओं का मानना है कि समन्वय समिति महागठबंधन के नेता, मुख्यमंत्री चेहरा और सीटों के बंटवारे के फैसले करें.
वहीं, दूसरी तरफ आरजेडी का मानना है कि विधानसभा चुनाव राजद के नेतृत्व और मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में तेजस्वी यादव होगें. बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के समय में भी महागठबंधन के घटक दलों के बीच इसी मुद्दे पर पेंच फंसा था और अब विधानसभा चुनाव के पहले एक बार फिर से पूराना विवाद गहराता दिख रहा है. हालांकि, महागठबंघन के नेता किसी भी विवाद से इंकार कर रहे हैं.