पटना: अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को लेकर आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav) ने महागठबंधन के घटक दलों के साथ राजभवन मार्च किया. इस दौरान आरजेडी और वामदलों के विधायकों और विधान पार्षदों ने राजभवन मार्च किया लेकिन कांग्रेस के किसी भी नेता को इसमें शामिल होने के लिए नहीं बुलाया गया था. इस पर कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा (Congress MLC Prem Chandra Mishra) ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल ने इस कार्यक्रम के लिए कांग्रेस को क्यों नहीं बुलाया इसका जवाब राष्ट्रीय जनता दल के नेता ही दे सकते हैं.
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'राजभवन मार्च की नहीं थी जानकारी': प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पहले ही अग्निपथ योजना के विरोध के लिए बिहार में कई कार्यक्रम कर चुकी है. पहले ही कांग्रेस ने राजभवन मार्च किया था. हरेक जिला में कांग्रेस के कार्यकर्ता अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. सभी पार्टियों को अलग-अलग तरीके के कार्यक्रम होते है और कोई पार्टी अगर आज देखा देखी राजभवन मार्च कर रही तो हम क्या कहेंगे?
"कांग्रेस तो पूरे देश मे अग्निपथ योजना का विरोध कर रही है. हम तो मोदी सरकार से कहना चाहते है कि इस पर सरकार पुनर्विचार करे और इसको लेकर सर्वदलीय बैठक करे क्योंकि ये देश के रक्षा करनेवाले सेना का सवाल है. अगर उनकी नौकरी चार साल की होगी तो फिर वो क्या खुलकर काम कर पाएंगे, उन्हें तो अपनी नौकरी की ही चिंता रहेगी. कांग्रेस को आरजेडी ने राजभवन मार्च में क्यों नहीं बुलाया इसका कारण आरजेडी ही बता सकती है."- प्रेमचंद्र मिश्रा, विधान पार्षद, कांग्रेस
'सीएम नीतीश को NDA से होना चाहिए अलग': प्रेमचंन्द्र मिश्रा ने बिहार के एनडीए गठबंधन पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि बिहार में एनडीए गठबंधन में कुछ ठीक नहीं है. लगातार बीजेपी के नेता नीतीश कुमार पर बयानबाजी करते हैं और अपनी ही सरकार को घेरते हैं. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर हाल में जो बिहार में बवाल हुआ था उसका सारा दोष प्रशासन को दिया गया. बीजेपी अध्यक्ष ने खुलेआम कहा कि घटनाएं होती रहीं प्रशासन मूकदर्शक बना रहा. आखिर इन बातों में क्या सच है? मुख्यमंत्री नीतीश को इसपर स्पष्टीकरण देना चाहिए. मुख्यमंत्री को लेकर जिस तरह की बातें बीजेपी के नेता बार बार करते हैं हम तो कहेंगे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तुरंत एनडीए से बाहर आना चाहिए.
आरजेडी का राजभवन मार्च: आरजेडी और वामदलों के विधायकों और विधान पार्षदों ने विधानसभा से राजभवन तक मार्च (Mahagatbandhan Raj Bhawan March) किया. अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग को लेकर तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav Raj Bhavan March In Patna) के नेतृत्व में मार्च निकाला गया था. इस मार्च में कांग्रेस की तरफ से कोई नहीं था.
क्या है अग्निपथ योजना: भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई है. उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा. दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा. लेकिन इस योजना को लेकर बिहार में चारों तरफ हंगामा बरपा है. वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी है. ये स्पष्ट किया गया है कि ये छूट सिर्फ इस साल सेना में भर्ती के लिए किया गया है. बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की आयु निर्धारित की थी.
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