पटना: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद महागठबंधन दलों के बीच एक-दूसरे के खिलाफ ही जमकर बयानबाजी हो रही है. महागठबंधन के नेता लगातार जिस तरह का बयान दे रहे हैं, उससे न केवल आरजेडी बल्कि महागठबंधन के लिए भी मुश्किलें बढ़ रही हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने आरजेडी और हम के रवैए पर कहा कि दोनों दल महागठबंधन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं.
बता दें कि जीतन राम मांझी ने चुनाव में हार के बाद सबसे पहले तेजस्वी यादव को महागठबंधन का नेता मानने से इनकार किया था. उसके बाद विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर लड़ने का ऐलान भी कर दिया. इधर तेजस्वी के गायब होने पर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने महागठबंधन में असंतोष स्वीकार करते हुए कहा कि केवल महागठबंधन ही नहीं राजद के विधायकों में भी निराशा है. आखिर उनकी चुनावी नैय्या पार कैसे लगेगी. बिहार में महागठबंधन का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर है.
सदानंद सिंह ने आरजेडी और हम पर कसा तंज
कांग्रेस में जितने चेहरे हैं उतनी तरह की बातें हो रही हैं. प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने भी बयान दिया है कि लोकसभा चुनाव के लिए ही महागठबंधन हुआ था. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में सेकुलर दलों का नया गठबंधन बनेगा. ऐसे में साफ दिख रहा है महागठबंधन के दलों में विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से डर सताने लगा है. इसलिए महागठबंधन के दल लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए एक दूसरे को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं और नया विकल्प तलाशने की कोशिश भी कर रहे हैं. सदानंद सिंह ने कहा कि आरजेडी और हम जैसे दलों का लोकसभा चुनाव 2019 में खाता तक नहीं खुला, उसके बाद भी ये कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं. ये काफी आश्चर्यजनक है.
तेजस्वी यादव के सक्रिय होने का इंतजार
विधानसभा चुनाव में अभी एक साल से अधिक समय है, लेकिन चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आएगा महागठबंधन दलों के बीच बयानबाजी और बढ़ेगी. आरजेडी को अभी भी राजनीति में एक बार फिर से तेजस्वी यादव के सक्रिय होने का इंतजार है. कई राजद के नेताओं को उम्मीद है कि तेजस्वी दिल्ली में बिहार की राजनीति के लिए कुछ नया करने की जुगाड़ में लगे हैं. ऐसे में अब तेजस्वी के लौटने के बाद ही महागठबंधन की सही तस्वीर सामने आएगी.