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CAA पर जनता के विरोध को देखते हुए डैमेज कंट्रोल में लगे हैं नीतीश कुमार- कांग्रेस

सदानंद सिंह ने आगे कहा कि इस मामले में नीतीश कुमार की पार्टी का समर्थन होने के बाद जो बड़ी चूक हुई है, उसका परिवर्तित स्वरूप जनता के बीच वह पेश करना चाहते हैं.

सदानंद सिंह
सदानंद सिंह
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Published : Jan 29, 2020, 1:50 PM IST

पटना: सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर पलटवार करना शुरू कर दिया है. ऐसे में कांग्रेस का मानना है कि नीतीश कुमार जनता के मिजाज को भांपते हुए डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार जनता के विरोध को देखते हुए डैमेज कंट्रोल कर रहे हैं.

सदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को अब लगने लगा है कि इस काले कानून का समर्थन कर वो फंस चुके हैं. बता दें कि जेडीयू राज्यसभा और लोकसभा में इस बिल का समर्थन कर चुकी है.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'वोट बैंक की है राजनीति'
कांग्रेस नेता का मानना है कि नीतीश कुमार वोट बैंक की राजनीति के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री लगातार सीएए का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने का हवाला दे रहे हैं, उससे जनता भटकने वाली नहीं है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कोर्ट का फैसला सर्वोपरि है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला कब और किस परिस्थिति में आएगा यह कहना संभव नहीं है. सदानंद सिंह ने आगे कहा कि इस मामले में नीतीश कुमार की पार्टी का समर्थन होने के बाद जो बड़ी चूक हुई है, उसका परिवर्तित स्वरूप जनता के बीच वह पेश करना चाहते हैं.

'CM के भाषण में बदलाव'
सदानंद सिंह का साफ मानना है कि नीतीश कुमार की भाषा में परिवर्तन सिर्फ डैमेज कंट्रोल के लिए हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर पहले जेडीयू इस बिल के लिए विचार करती और इसका विरोध करती तो शायद राज्यसभा से यह बिल पास नहीं होता और कानून नहीं बन पाता.

पटना: सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर पलटवार करना शुरू कर दिया है. ऐसे में कांग्रेस का मानना है कि नीतीश कुमार जनता के मिजाज को भांपते हुए डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार जनता के विरोध को देखते हुए डैमेज कंट्रोल कर रहे हैं.

सदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को अब लगने लगा है कि इस काले कानून का समर्थन कर वो फंस चुके हैं. बता दें कि जेडीयू राज्यसभा और लोकसभा में इस बिल का समर्थन कर चुकी है.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'वोट बैंक की है राजनीति'
कांग्रेस नेता का मानना है कि नीतीश कुमार वोट बैंक की राजनीति के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री लगातार सीएए का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने का हवाला दे रहे हैं, उससे जनता भटकने वाली नहीं है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कोर्ट का फैसला सर्वोपरि है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला कब और किस परिस्थिति में आएगा यह कहना संभव नहीं है. सदानंद सिंह ने आगे कहा कि इस मामले में नीतीश कुमार की पार्टी का समर्थन होने के बाद जो बड़ी चूक हुई है, उसका परिवर्तित स्वरूप जनता के बीच वह पेश करना चाहते हैं.

'CM के भाषण में बदलाव'
सदानंद सिंह का साफ मानना है कि नीतीश कुमार की भाषा में परिवर्तन सिर्फ डैमेज कंट्रोल के लिए हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर पहले जेडीयू इस बिल के लिए विचार करती और इसका विरोध करती तो शायद राज्यसभा से यह बिल पास नहीं होता और कानून नहीं बन पाता.

Intro:सब हेड...
सी ए ए, एन आर सी आर एनपीआर के मुद्दे पर बिहार के मुखिया नीतीश कुमार के वेवकी बयान पर विपक्ष पलट वार करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस का मानना है कि नीतीश कुमार जनता के मिजाज को भांपते हुए डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।

बिहार के मुखिया नीतीश कुमार नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर्ड और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर मुद्दे पर पहली बार पत्रकारों के सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।
नीतीश कुमार के बयान के बाद विपक्ष उन पर हमला करना शुरू कर दिया है।


Body:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह कहते हैं कि नितीश कुमार जनता के विरोध को देखते हुए डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। उन्हें अब लगने लगा है कि इस काले कानून का समर्थन कर ले फस चुके हैं। इसलिए अब जनता के बीच इस कानून का विरोध करने का दिखावा कर रहे हैं। जब जनता दल यूनाइटेड राज्यसभा और लोकसभा में इस बिल का समर्थन कर दी है तब इस पर अब कुछ बचा ही नहीं है। कांग्रेस का मानना है कि नीतीश कुमार वोट की राजनीति के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं।
जिस तरह मुख्यमंत्री लगातार सी ए ए का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने का हवाला दिया है। उस पार सदानंद सिंह का कहना है कि कोर्ट सर्वोपरि है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला कब और किस परिस्थिति में आएगा यह कहना संभव नहीं है। लेकिन इस मामले में नीतीश कुमार की पार्टी का समर्थन होने के बाद जो बड़ी चूक हुई है उसका परिवर्तित स्वरूप जनता के बीच वह पेश करना चाहते हैं।





Conclusion:सदानंद सिंह का साफ मानना है कि नीतीश कुमार के भाषा में परिवर्तन सिर्फ डैमेज कंट्रोल के लिए हुआ है। अगर पहले जनता दल युनाइटेड इस बिल के लिए विचार करती और इसका विरोध करती तो शायद राज्यसभा से यह बिल पास नहीं होता और कानून नहीं बन पाता।
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