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BJP को मुझसे डर है कि मैं उसके 'टुकड़े-टुकड़े' कर दूंगा: कन्हैया

छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में आए कन्हैया कुमार ने मंगलवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया. कांग्रेस में शामिल होने के बाद पहली बार कन्हैया कुमार ने ETV BHARAT से बात की. पढ़ें उन्होंने क्या कुछ कहा...

Kanhaiya Kumar
Kanhaiya Kumar
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Published : Oct 1, 2021, 3:58 PM IST

Updated : Oct 1, 2021, 4:09 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस ( Congress ) में शामिल होने के बाद कन्हैया कुमार ( Kanhaiya Kumar ) ने ETV BHARAT से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है, इस पार्टी में लोकतंत्र है. भाजपा ( BJP ) को ही यही पार्टी टक्कर दे सकती है. राष्ट्रीय पार्टी है, इसलिए मैं कांग्रेस में आया हूं. पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जो भी योगदान देना होगा, मैं दूंगा. मैं बिना किसी शर्त के आया हूं.

वहीं, भाजपा का कहना है कि कन्हैया ने JNU छात्र संघ का अध्यक्ष रहते हुए JNU परिसर में 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' के नारे लगाए. उन पर देशद्रोह का मामला चला. कांग्रेस में कन्हैया के जाने का मतलब है कि 'टुकड़े टुकड़े गैंग' का कांग्रेस में विलय हो गया. इस पर कन्हैया ने कहा कि भाजपा मुझसे डरती है. उसको इस बात का डर है कि कांग्रेस में मेरे आने से भाजपा के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे. ऐसा होगा भी. भाजपा सावधान रहे.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- 'लेफ्ट' से 'सेंटर' में क्यों आए कन्हैया कुमार? सुन लीजिए जवाब

कन्हैया बिहार के रहने वाले हैं. बिहार के बेगूसराय से लोकसभा का चुनाव भी लड़े थे. बिहार में कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा है. जहां राजद सबसे बड़ी पार्टी है और तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता हैं. लेकिन कन्हैया कांग्रेस में शामिल हुए थे तो राजद के तरफ से कहा गया था कि कन्हैया कौन हैं, यह हम नहीं जानते. राजद कन्हैया को पसंद नहीं करती है.

इस पर कन्हैया ने कहा कि अगर राजद मुझे नहीं जानती या पसंद नहीं करती है तो कोई बात नहीं. मैं देश का प्रधानमंत्री या बहुत बड़ा नेता नहीं हूं, जो लोग सत्ता में बने रहते हैं, लोग उन्हीं को ही पहचानते हैं. मैं तो एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं.

ये भी पढ़ें- कन्हैया कुमार के शामिल होते ही 'टुकड़े-टुकड़े' हुई कांग्रेस: BJP

उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस को मजबूत बनाऊंगा. मैं चाहता हूं कि बिहार में कांग्रेस सबसे ताकतवर पार्टी बने. बिहार में बेरोजगारी की समस्या है, शिक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं है, स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है, पलायन होता है, उद्योग धंधे नहीं है. इन सब चीजों को बिहार में दुरुस्त किया जाए. मैं उसी दिशा में काम करूंगा.


गौरतलब है कि कन्हैया इसके पहले सीपीआई में थे. जहां उन पर आरोप लगता रहा कि उनका व्यवहार ठीक नहीं है. पार्टी नेताओं का सम्मान नहीं करते हैं. पार्टी को मजबूत करने के लिए समय नहीं देते हैं. सीपीआई में उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित हुआ था. जब वह सीपीआई छोड़े तो पार्टी की तरफ से कहा गया कि अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए कन्हैया ने CPI के साथ विश्वासघात किया है.

ये भी पढ़ें- वामपंथी कन्हैया हो गए कांग्रेसी, वेणु गोपाल की मौजूदगी में थामा 'हाथ'

इस पर कन्हैया कुमार ने कहा कि सीपीआई का मैं आज भी सम्मान करता हूं. वहीं मैंने लड़ना, जूझना सीखा है. जब कोई नेता पार्टी छोड़कर जाता है तो पुरानी पार्टी कुछ ना कुछ आरोप लगाती ही है इसलिए मुझ पर आरोप लगाए जा रहा हैं. लेकिन मैं चाहता हूं कि कांग्रेस व वाम दल मिलकर इस देश को मजबूत बनाएं. मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़े.

नई दिल्ली: कांग्रेस ( Congress ) में शामिल होने के बाद कन्हैया कुमार ( Kanhaiya Kumar ) ने ETV BHARAT से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है, इस पार्टी में लोकतंत्र है. भाजपा ( BJP ) को ही यही पार्टी टक्कर दे सकती है. राष्ट्रीय पार्टी है, इसलिए मैं कांग्रेस में आया हूं. पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जो भी योगदान देना होगा, मैं दूंगा. मैं बिना किसी शर्त के आया हूं.

वहीं, भाजपा का कहना है कि कन्हैया ने JNU छात्र संघ का अध्यक्ष रहते हुए JNU परिसर में 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' के नारे लगाए. उन पर देशद्रोह का मामला चला. कांग्रेस में कन्हैया के जाने का मतलब है कि 'टुकड़े टुकड़े गैंग' का कांग्रेस में विलय हो गया. इस पर कन्हैया ने कहा कि भाजपा मुझसे डरती है. उसको इस बात का डर है कि कांग्रेस में मेरे आने से भाजपा के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे. ऐसा होगा भी. भाजपा सावधान रहे.

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कन्हैया बिहार के रहने वाले हैं. बिहार के बेगूसराय से लोकसभा का चुनाव भी लड़े थे. बिहार में कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा है. जहां राजद सबसे बड़ी पार्टी है और तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता हैं. लेकिन कन्हैया कांग्रेस में शामिल हुए थे तो राजद के तरफ से कहा गया था कि कन्हैया कौन हैं, यह हम नहीं जानते. राजद कन्हैया को पसंद नहीं करती है.

इस पर कन्हैया ने कहा कि अगर राजद मुझे नहीं जानती या पसंद नहीं करती है तो कोई बात नहीं. मैं देश का प्रधानमंत्री या बहुत बड़ा नेता नहीं हूं, जो लोग सत्ता में बने रहते हैं, लोग उन्हीं को ही पहचानते हैं. मैं तो एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं.

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उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस को मजबूत बनाऊंगा. मैं चाहता हूं कि बिहार में कांग्रेस सबसे ताकतवर पार्टी बने. बिहार में बेरोजगारी की समस्या है, शिक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं है, स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है, पलायन होता है, उद्योग धंधे नहीं है. इन सब चीजों को बिहार में दुरुस्त किया जाए. मैं उसी दिशा में काम करूंगा.


गौरतलब है कि कन्हैया इसके पहले सीपीआई में थे. जहां उन पर आरोप लगता रहा कि उनका व्यवहार ठीक नहीं है. पार्टी नेताओं का सम्मान नहीं करते हैं. पार्टी को मजबूत करने के लिए समय नहीं देते हैं. सीपीआई में उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित हुआ था. जब वह सीपीआई छोड़े तो पार्टी की तरफ से कहा गया कि अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए कन्हैया ने CPI के साथ विश्वासघात किया है.

ये भी पढ़ें- वामपंथी कन्हैया हो गए कांग्रेसी, वेणु गोपाल की मौजूदगी में थामा 'हाथ'

इस पर कन्हैया कुमार ने कहा कि सीपीआई का मैं आज भी सम्मान करता हूं. वहीं मैंने लड़ना, जूझना सीखा है. जब कोई नेता पार्टी छोड़कर जाता है तो पुरानी पार्टी कुछ ना कुछ आरोप लगाती ही है इसलिए मुझ पर आरोप लगाए जा रहा हैं. लेकिन मैं चाहता हूं कि कांग्रेस व वाम दल मिलकर इस देश को मजबूत बनाएं. मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़े.

Last Updated : Oct 1, 2021, 4:09 PM IST
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