नई दिल्ली: राज्यसभा में पीएम मोदी ने कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों से अपना आंदोलन समाप्त कर, कृषि सुधारों को एक मौका देने का आग्रह किया. इसको लेकर पूर्व केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि पीएम मोदी के बयान से कोई भी संतुष्ट नहीं है.
"तीनों कृषि कानून खेती और खलिहान पर सीधा आक्रमण है. केंद्र सरकार किसान पर आक्रमण करने बंद करे. अगर किसान एक बार खड़ा हो गया तो शासन चलाना मुश्किल हो जाएगा."- अखिलेश सिंह, राज्यसभा सांसद, कांग्रेस
'पीएम ने किया है बिना तथ्यों की बात'
इसके अलावा अखिलेश सिंह ने कहा कि पीएम मोदी कह रहे हैं कि एमएसपी था, है और रहेगा लेकिन जब मंडी नहीं रहेगा तो एमएसपी कैसे रहेगा? पीएम ने तीनों कृषि कानूनों को लेकर उठाए गए मुद्दों पर बात करने के बजाय बिना तथ्यों की बातें की. पीएम ने कानूनों को वापस लेने की कोई बात नहीं की. इसलिए केंद्र सरकार किसानों को बरगलाना बंद करे. किसान उनकी बातों में आने वाले नहीं हैं.
'कृषि कानूनों से किसानों को नहीं होगा फायदा'
अखिलेश सिंह ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार चाहती है कि गरीब किसान खत्म हो जाएं और मुट्ठी भर लोग लाभान्वित हों. इस कानून से बाजार का नियंत्रण कुछ और लोगों के हाथों में चला जाएगा. कृषि कानूनों से किसानों की फसल और इसके उत्पादों पर नियंत्रण भी अन्य लोगों के हाथों में चला जाएगा. मौजूदा कृषि कानूनों से किसानों को कोई फायदा नहीं होगा. उनको सिर्फ नुकसान होगा. केंद्र सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए.
ये भी पढ़ें- राज्य सभा में पीएम के विस्तृत जवाब के बाद धन्यवाद प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित
किसानों से बातचीत के लिए केंद्र सरकार तैयार
बता दें राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से अपना आंदोलन समाप्त करने की अपील की. साथ ही उन्होंने कहा कि एमएसपी था, है और रहेगा. वहीं, किसानों से बातचीत करने के लिए केंद्र सरकार तैयार है.