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कृषि बिल पर तेज हुई सियासत, चुनावी मुद्दा बनाने में जुटी कांग्रेस - Politics intensifies on new agricultural bill

चुनावी साल में कांग्रेस कृषि बिल को लेकर सरकार पर हमलावर है. पार्टी के तीनों प्रभारी इसको लेकर सरकार पर हमला बोलने की तैयारी कर रहे हैं.

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Published : Sep 24, 2020, 12:05 PM IST

पटना: संसद से पारित नए कृषि कानून को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति चरम पर है. इस लड़ाई में अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इस मुद्दे को चुनाव मैदान तक ले जाने की रणनीति बनाई है. बिहार में इस मुद्दे को हवा देने की जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सूरजेवाला और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव को दी गई है.

दोनों सदनों से कृषि बिल के पारित होने के बाद से कांग्रेस फ्रंटफुट पर आकर सरकार पर हमलावर है. बिहार कांग्रेस के प्रभारी और सांसद शक्ति सिंह गोहिल पहले दिन से इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं. उनका तर्क है कि जिस कानून के प्रभावी होने के बाद किसान अपने हक के लिए अदालत का दरवाजा नहीं खटखटा सकते और ना ही केंद्र या राज्य सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं, वह कानून किसानों के समर्थन में कैसे हो सकता है.

तेज हुई ट्विटर राजनीति
बीते मंगलवार को गोहिल ने बकायदा ट्वीट कर कहा कि यदि केंद्र सरकार नए कानून में एमएसपी नहीं हटा रही है. तो वैसी स्थिति में कानून में ऐसे प्रावधान क्यों नहीं कर रही. यदि कोई व्यापारी किसान से समझौता करता है और बाद में समझौते का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा. अब कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सूरजेवाला और टी एस सिंहदेव को बिहार का दौरा करने का फरमान जारी किया है. उनके साथ ही शक्ति सिंह गोहिल, अजय कपूर, वीरेंद्र राठौर के भी बिहार पहुंच कर सरकार पर हमला करेंगे.

कृषि बिल पर सियासत तेज
यह तय है कि कृषि बिल को उछालकर कांग्रेस बिहार चुनाव में इसका फायदा लेना चाहेगी. सभी नेता सयुंक्त रूप से पटना में मीडिया से बात करेंगे और नए कृषि कानून को लेकर पार्टी के जरिए की जानकारी देंगे. बता दें कि इसके पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश कानून पारित होने के पूर्व ही इसके खतरों को लेकर सरकार पर हमले करते रहे हैं.

पटना: संसद से पारित नए कृषि कानून को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति चरम पर है. इस लड़ाई में अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है. कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इस मुद्दे को चुनाव मैदान तक ले जाने की रणनीति बनाई है. बिहार में इस मुद्दे को हवा देने की जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सूरजेवाला और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव को दी गई है.

दोनों सदनों से कृषि बिल के पारित होने के बाद से कांग्रेस फ्रंटफुट पर आकर सरकार पर हमलावर है. बिहार कांग्रेस के प्रभारी और सांसद शक्ति सिंह गोहिल पहले दिन से इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं. उनका तर्क है कि जिस कानून के प्रभावी होने के बाद किसान अपने हक के लिए अदालत का दरवाजा नहीं खटखटा सकते और ना ही केंद्र या राज्य सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं, वह कानून किसानों के समर्थन में कैसे हो सकता है.

तेज हुई ट्विटर राजनीति
बीते मंगलवार को गोहिल ने बकायदा ट्वीट कर कहा कि यदि केंद्र सरकार नए कानून में एमएसपी नहीं हटा रही है. तो वैसी स्थिति में कानून में ऐसे प्रावधान क्यों नहीं कर रही. यदि कोई व्यापारी किसान से समझौता करता है और बाद में समझौते का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा. अब कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सूरजेवाला और टी एस सिंहदेव को बिहार का दौरा करने का फरमान जारी किया है. उनके साथ ही शक्ति सिंह गोहिल, अजय कपूर, वीरेंद्र राठौर के भी बिहार पहुंच कर सरकार पर हमला करेंगे.

कृषि बिल पर सियासत तेज
यह तय है कि कृषि बिल को उछालकर कांग्रेस बिहार चुनाव में इसका फायदा लेना चाहेगी. सभी नेता सयुंक्त रूप से पटना में मीडिया से बात करेंगे और नए कृषि कानून को लेकर पार्टी के जरिए की जानकारी देंगे. बता दें कि इसके पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश कानून पारित होने के पूर्व ही इसके खतरों को लेकर सरकार पर हमले करते रहे हैं.

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