पटना: बिहार की राजधानी पटना में सियासी खींचतान हमेशा जारी रहती है. कभी विपक्षी तो कभी समर्थक दल के नेता हमेशा कोई न कोई मुद्दा लेकर सरकार के सामने हाजिर रहते हैं. इसी कड़ी में अब बिहार कांग्रेस ने राज्य सरकार से राज्य के स्कूलों में काम कर रहे शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों (physical education instructors) के बकाए अनुदान को शीघ्र जारी करवाने का अनुरोध किया है. राज्य भर में तैनात इन शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को पिछले 8-10 महीनों से एक भी पैसा नहीं मिला है. इसके कारण ये अनुदेशक विपरीत हालत में जीवन गुजारने को विवश हैं.
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बकाया नहीं मिलने से माली हालत खराब: इस मामले में कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि ज्यादातर शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों के पास स्कूल आने-जाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. कांग्रेस पार्टी शिक्षा मंत्री से अनुरोध करती है कि जितनी जल्दी हो सके, शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों का बकाया अनुदान जारी करवाने का कष्ट करें. इससे अनुदेशकों का जीवन सुगम हो सके. बकाया नहीं मिलने से उनकी माली हालत बुरी हो गई है.
जातीय सर्वेक्षण के दौरान स्कूल के काम से बाहर रखा जाए: उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्र शेखर से अनुरोध किया था कि जातीय सर्वेक्षण में लगाए गए शिक्षकों को गणना अवधि तक स्कूल के काम से मुक्त रखा जाए. स्कूल में सभी क्लास लेने के बाद सर्वेक्षण का काम भी करना सिर्फ कठिन ही नहीं एक किस्म से शिक्षकों का शोषण भी है. इसी के साथ भीषण ठंड में सुबह आठ बजे से पहले और शाम पांच बजे के बाद सर्वेक्षण करवाना उचित नहीं है. शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों की परेशानियों को समझते हुए विभाग के आदेश में बदलाव करवा दिया है. इसके लिए बिहार कांग्रेस उनका आभार व्यक्त करती है.
"ज्यादातर शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों के पास स्कूल आने-जाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. कांग्रेस पार्टी शिक्षा मंत्री से अनुरोध करती है कि जितनी जल्दी हो सके, शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों का बकाया अनुदान जारी करवाने का कष्ट करें" - असित नाथ तिवारी, प्रवक्ता, कांग्रेस पार्टी