ETV Bharat / state

BJP के दावे से CM ही असंतुष्ट, पूरी नहीं हुई OBC के हक की लड़ाई: कांग्रेस

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) के बयान पर राजद और कांग्रेस ने तंज कसा है. कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि बीजेपी पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछे कि ओबीसी के बड़े हितैषी कौन हैं. इसके बाद विपक्ष से बात करे.

Rajesh Rathod
राजेश राठौड़
author img

By

Published : Aug 12, 2021, 4:52 PM IST

पटना: बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने कहा है कि केंद्रीय कैबिनेट विस्तार में पहली बार 27 पिछड़ों को जगह मिली है. लोकसभा और राज्यसभा से 127वां संविधान संशोधन विधेयक पास होना ऐतिहासिक फैसला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने शुरुआत से ही पिछड़े वर्ग के लोगों को न्याय दिलाने और उन्हें विकास के पथ पर तेजी से आगे ले जाने के लिए लगातार बड़े फैसले लिए हैं.

यह भी पढ़ें- 'मानसिक रूप से अस्वस्थ हो चुके हैं लालू... कर रहे अब उटपटांग बात'

संजय जायसवाल के बयान पर कांग्रेस और राजद ने पलटवार किया है. कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि भाजपा के लोगों को सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से यह पूछना चाहिए कि ओबीसी (OBC) के हक के लिए सबसे ज्यादा किसने काम किया है. नीतीश कुमार खुद बीजेपी के दावे से असंतुष्ट हैं. मुख्यमंत्री मानते हैं कि अभी भी ओबीसी के लोगों को न्याय नहीं मिला है.

देखें वीडियो

"जातीय जनगणना (Caste Based Census) को लेकर नीतीश कुमार की सोच बीजेपी की सोच से अलग है. अभी भी नीतीश कुमार ओबीसी के हक की लड़ाई को पूरा नहीं मानते हैं. वह चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अभी तक नहीं जानते हैं कि जातीय जनगणना क्या है और आरक्षण क्या है. उनके बयान से साफ है कि उनकी पार्टी की क्या सोच है."- राजेश राठौड़, प्रवक्ता, कांग्रेस

राजद के विधान पार्षद रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा, 'आज जातीय जनगणना की बातों को बीजेपी के नेता आरक्षण से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं है. बीजेपी ओबीसी के नाम पर राजनीति कर रही है. इस बिल से असली आरक्षण के हकदार को कुछ नहीं मिलेगा. जब गरीब सवर्णों को आरक्षण देना था तो संविधान में संसोधन हो गया. क्या ओबीसी आरक्षण को 27 फीसदी से बढ़ाने के लिए संसोधन नहीं हो सकता. पिछड़ों को अंधेरे में रखने के लिए केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं करा रही है.

"राज्यों को अब ओबीसी की लिस्ट जारी करने का अधिकार मिल जाएगा. इससे मजबूत जातियां जो ओबीसी में शामिल होने की मांग कर रहीं थी उनके लिए रास्ता साफ हो गया. इससे ओबीसी लिस्ट में पहले से शामिल आरक्षण के हकदारों को लाभ नहीं मिलेगा. राजनीतिक प्रभाव के कारण मजबूत जातियों को आरक्षण का लाभ मिल जाएगा. यह आरक्षण खत्म करने की बीजेपी की साजिश है."- रामबली सिंह चंद्रवंशी, विधान पार्षद, राजद

बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा से संविधान (127वां संशोधन) विधेयक 2021 पास होने को संजय जायसवाल ने पिछड़े समाज के सशक्तिकरण में एक नए युग की शुरुआत बताया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले इस विधेयक के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने नहीं माना था. इसके बाद केंद्र सरकार ने 45 दिन में विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा से पारित करवा दिया. यह दिखाता है कि गरीबों-पिछड़ों के कल्याण के काम को यह सरकार रुकने नहीं देने वाली है.

यह भी पढ़ें- ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर LJP का CM नीतीश पर बड़ा हमला, कहा- बिहार में इन दिनों 'तबादला सरकार'

पटना: बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने कहा है कि केंद्रीय कैबिनेट विस्तार में पहली बार 27 पिछड़ों को जगह मिली है. लोकसभा और राज्यसभा से 127वां संविधान संशोधन विधेयक पास होना ऐतिहासिक फैसला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने शुरुआत से ही पिछड़े वर्ग के लोगों को न्याय दिलाने और उन्हें विकास के पथ पर तेजी से आगे ले जाने के लिए लगातार बड़े फैसले लिए हैं.

यह भी पढ़ें- 'मानसिक रूप से अस्वस्थ हो चुके हैं लालू... कर रहे अब उटपटांग बात'

संजय जायसवाल के बयान पर कांग्रेस और राजद ने पलटवार किया है. कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि भाजपा के लोगों को सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से यह पूछना चाहिए कि ओबीसी (OBC) के हक के लिए सबसे ज्यादा किसने काम किया है. नीतीश कुमार खुद बीजेपी के दावे से असंतुष्ट हैं. मुख्यमंत्री मानते हैं कि अभी भी ओबीसी के लोगों को न्याय नहीं मिला है.

देखें वीडियो

"जातीय जनगणना (Caste Based Census) को लेकर नीतीश कुमार की सोच बीजेपी की सोच से अलग है. अभी भी नीतीश कुमार ओबीसी के हक की लड़ाई को पूरा नहीं मानते हैं. वह चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अभी तक नहीं जानते हैं कि जातीय जनगणना क्या है और आरक्षण क्या है. उनके बयान से साफ है कि उनकी पार्टी की क्या सोच है."- राजेश राठौड़, प्रवक्ता, कांग्रेस

राजद के विधान पार्षद रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा, 'आज जातीय जनगणना की बातों को बीजेपी के नेता आरक्षण से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं है. बीजेपी ओबीसी के नाम पर राजनीति कर रही है. इस बिल से असली आरक्षण के हकदार को कुछ नहीं मिलेगा. जब गरीब सवर्णों को आरक्षण देना था तो संविधान में संसोधन हो गया. क्या ओबीसी आरक्षण को 27 फीसदी से बढ़ाने के लिए संसोधन नहीं हो सकता. पिछड़ों को अंधेरे में रखने के लिए केंद्र सरकार जातीय जनगणना नहीं करा रही है.

"राज्यों को अब ओबीसी की लिस्ट जारी करने का अधिकार मिल जाएगा. इससे मजबूत जातियां जो ओबीसी में शामिल होने की मांग कर रहीं थी उनके लिए रास्ता साफ हो गया. इससे ओबीसी लिस्ट में पहले से शामिल आरक्षण के हकदारों को लाभ नहीं मिलेगा. राजनीतिक प्रभाव के कारण मजबूत जातियों को आरक्षण का लाभ मिल जाएगा. यह आरक्षण खत्म करने की बीजेपी की साजिश है."- रामबली सिंह चंद्रवंशी, विधान पार्षद, राजद

बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा से संविधान (127वां संशोधन) विधेयक 2021 पास होने को संजय जायसवाल ने पिछड़े समाज के सशक्तिकरण में एक नए युग की शुरुआत बताया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले इस विधेयक के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने नहीं माना था. इसके बाद केंद्र सरकार ने 45 दिन में विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा से पारित करवा दिया. यह दिखाता है कि गरीबों-पिछड़ों के कल्याण के काम को यह सरकार रुकने नहीं देने वाली है.

यह भी पढ़ें- ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर LJP का CM नीतीश पर बड़ा हमला, कहा- बिहार में इन दिनों 'तबादला सरकार'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.