पटना/वैशाली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (budget sitharaman lok sabha) द्वारा जारी बजट (Union Budget 2022) पर कांग्रेस और आरजेडी (Congress And RJD Leaders Reaction On Union Budget 2022 ) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि इस बजट में किसी वर्ग के लिए कुछ नहीं है. आम आदमी के हाथ में झुनझुना थमाया गया है. बेरोजगारी और महंगाई को लेकर बजट में कुछ नहीं है. कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि कॉरपोरेट की गुलाम सरकार ने कॉरपॉरेट का बजट बनाया है.
कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा है कि, ये बजट कॉरपोरेट घराने को देखकर बनाया गया है. इस बजट में वैसे 84 प्रतिशत लोगों के लिए कुछ नहीं है जिसे गरीबी रेखा के नीचे धकेला गया है. युवाओं के लिए भी कुछ नहीं है. जो नौकरी के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन करते हैं और नौकरी के लिए दिन रात मेहनत कर रहे है, वैसे लोगों के लिए इस बजट में कुछ नहीं है. जिनके रोजगार नोटबंदी के बाद खत्म हुए हैं, उनके लिए बजट में क्या है?
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"बजट में गांव और गरीबों के लिए कुछ नहीं मिला है. वैसे किसानों के लिए कुछ नहीं सोचा गया है जिन्हें, आज भी यूरिया के लिए मारामारी करनी पड़ती है. वाजिब पैसे देकर भी समय से उन्हें खाद नहीं मिल पाता है. तब फिर आम आदमी बजट को लेकर क्यों उत्साहित रहेगा. निश्चित तौर पर ये बजट निराशाजनक साबित हुआ है. कॉरपोरेट के हाथ से चल रही ये सरकार कॉरपोरेट घराने को फायदा पहुंचाने के लिए ही बजट लेकर आई है."- असित नाथ तिवारी, कांग्रेस प्रवक्ता
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वहीं बजट पर आरजेडी ने भी निशाना साधा है. राष्ट्रीय जनता दल ने अपनी प्रतिक्रिया में इस बजट को आम आदमी को पकड़ाया गया झुनझुना करार दिया है. आरजेडी प्रदेश महासचिव व महुआ विधायक डॉ मुकेश रौशन ने कहा है कि, आम आदमी को फिर से छला गया है. जिस तरीके से पिछले 7 वर्षों में खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली हालत हुई, वही हाल आज फिर हुआ है. आम आदमी के हाथ में झुनझुना थमा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि, कॉरपोरेट टैक्स में छूट से आम आदमी को क्या फायदा है. आखिर किस तरह का शासन चल रहा है. न तो बेरोजगारी पर कुछ बोला गया और ना ही महंगाई पर कुछ बोला गया और ना ही पेट्रोल डीजल और गैस की कीमतों में कमी लाई गई है. जो 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही गई थी, वहां दो लाख लोगों को भी क्या रोजगार मिल रहा है. इस पर सरकार को सोचना चाहिए कि बजट के नाम पर छलावा किया जा रहा है.
"इस सरकार में आम आदमी और गरीब को छला जा रहा है. राज्य सरकार को विशेष राज्य का दर्जा मिला क्या. बिहार को विशेष राज्य के दर्जा क्यों नहीं मिला वह मिलना चाहिए था. विशेष राज्य का दर्जा हमारा हक है. आप कोई भीख नहीं दे रहे हैं.इस बजट में न तो गरीबों के लिए कुछ है न किसानों के लिए और ना ही बेरोजगारों के लिए ही." - डॉ. मुकेश रौशन, आरजेडी प्रदेश महासचिव व महुआ विधायक
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