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शिक्षक 'ढूंढेंगे' शराबः कांग्रेस का सरकार पर तंज, नायाब तोहफा लेकर आई है बिहार सरकार - कांग्रेस का सरकार पर तंज

शिक्षकों के लिए बिहार सरकार द्वारा दिये गये फरमान (Order To Teachers In Bihar Regarding Liquor) के बाद राजनीति गरम है. कांग्रेस ने इस आदेश को शिक्षकों के लिए नायाब तोहफा बताते हुए सरकार पर तंज कसा है. पढ़ें पूरी खबर...

Congress Against Order To Teachers In Bihar
Congress Against Order To Teachers In Bihar
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Published : Jan 29, 2022, 3:42 PM IST

पटनाः बिहार सरकार शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) को सफल बनाने के लिए अब शिक्षकों को भी इस काम में लगाने जा रही है. बिहार में अब शिक्षक शराबियों और शराब की आपूर्ति करने वालों की पहचान कर इसकी जानकारी मद्य निषेध विभाग को देंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को बाकायदा इसका आदेश जारी किया है. सरकार के इस आदेश का कांग्रेस विरोध (Congress Against Order To Teachers In Bihar) कर रही है.

इसे भी पढ़ें- कांग्रेस का सरकार पर तंज: ...तो क्या अब पियक्कड़ों और तस्करों को ढूंढेंगे शिक्षक, खुद सोचें CM नीतीश

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने बिहार सरकार पर तंज कसते हुए शिक्षकों के लिए इस आदेश को नायाब तोहफा बताया है. उन्होंने कहा कि बिहार में उच्च कोटि की शिक्षा देने के लिए सरकारी शिक्षकों को अब शराब माफियाओं की जासूसी करने की नई जिम्मेवारी दी है. शिक्षकों को जासूसी उनकी करनी है जो उनके क्षेत्र में चोरी छुपे शराब पीते हों, शराब बेचते हों या फिर शराब बनाते हों.

आगे उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के इस पत्र से यह मंशा जाहिर होती है कि बिहार में शिक्षा प्रणाली और विद्यार्थियों के भविष्य के साथ क्या खेल खेला जा रहा है. यह विद्यार्थियों के सांविधानिक अधिकारों का हनन है.

इसे भी पढ़ें- झुकेगी सरकार! बिहार में शराबबंदी कानून में होगा संशोधन, न्यायपालिका पर घटेगा बोझ

बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने राज्य के सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि ऐसी सूचनायें प्राप्त हो रही हैं कि अभी भी कतिपय लोगों द्वारा चोरी-छुपे शराब का सेवन किया जा रहा है. इसे रोकना अति आवश्यक है.

पत्र में आगे लिखा, इस संबंध में निर्देश दिया जाता है कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शिक्षा समिति की बैठक आहूत कर नशामुक्ति के संदर्भ में आवश्यक जानकारी दी जाये. पत्र में यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि विद्यालय अवधि के बाद चोरी छिपे नशापान करने वाले विद्यालय परिसर का कतई उपयोग न करें.

बता दें कि राज्य में किसी प्रकार के शराब सेवन और बिक्री पर प्रतिबंध है. लेकिन, हाल ही में राज्य के कई जिलों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई है. इस आदेश पत्र के जारी होने के बाद विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं.

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पटनाः बिहार सरकार शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) को सफल बनाने के लिए अब शिक्षकों को भी इस काम में लगाने जा रही है. बिहार में अब शिक्षक शराबियों और शराब की आपूर्ति करने वालों की पहचान कर इसकी जानकारी मद्य निषेध विभाग को देंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को बाकायदा इसका आदेश जारी किया है. सरकार के इस आदेश का कांग्रेस विरोध (Congress Against Order To Teachers In Bihar) कर रही है.

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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने बिहार सरकार पर तंज कसते हुए शिक्षकों के लिए इस आदेश को नायाब तोहफा बताया है. उन्होंने कहा कि बिहार में उच्च कोटि की शिक्षा देने के लिए सरकारी शिक्षकों को अब शराब माफियाओं की जासूसी करने की नई जिम्मेवारी दी है. शिक्षकों को जासूसी उनकी करनी है जो उनके क्षेत्र में चोरी छुपे शराब पीते हों, शराब बेचते हों या फिर शराब बनाते हों.

आगे उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के इस पत्र से यह मंशा जाहिर होती है कि बिहार में शिक्षा प्रणाली और विद्यार्थियों के भविष्य के साथ क्या खेल खेला जा रहा है. यह विद्यार्थियों के सांविधानिक अधिकारों का हनन है.

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बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने राज्य के सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि ऐसी सूचनायें प्राप्त हो रही हैं कि अभी भी कतिपय लोगों द्वारा चोरी-छुपे शराब का सेवन किया जा रहा है. इसे रोकना अति आवश्यक है.

पत्र में आगे लिखा, इस संबंध में निर्देश दिया जाता है कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शिक्षा समिति की बैठक आहूत कर नशामुक्ति के संदर्भ में आवश्यक जानकारी दी जाये. पत्र में यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि विद्यालय अवधि के बाद चोरी छिपे नशापान करने वाले विद्यालय परिसर का कतई उपयोग न करें.

बता दें कि राज्य में किसी प्रकार के शराब सेवन और बिक्री पर प्रतिबंध है. लेकिन, हाल ही में राज्य के कई जिलों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई है. इस आदेश पत्र के जारी होने के बाद विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं.

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