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मध्यावधि चुनाव के बयान पर बिहार में सियासत, सरकार की स्थिरता पर सवाल!

राजद की समीक्षा बैठक में तेजस्वी यादव ने मध्यावधि चुनाव की बात कहकर बिहार की सियासत को गरमा दिया है. तेजस्वी ने अपने कार्यकर्ताओं को हर वक्त तैयार रहने को कहा. जिसके बाद अब यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर तेजस्वी यादव के इस बयान के मायने क्या हैं? क्योंकि बार-बार बीजेपी और जदयू के बीच के संबंधों को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं.

तेजस्वी यादव, संजय जयसवाल, सारिका पासवान, राजीव रंजन
तेजस्वी यादव, संजय जयसवाल, सारिका पासवान, राजीव रंजन
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Published : Dec 22, 2020, 5:14 PM IST

पटनाः राजद की बैठक में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को तेजस्वी ने एक बड़ा मंत्र दे दिया. यह मंत्र संगठन के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. क्योंकि तस्वीरें उन्हें एक बार फिर अगले साल चुनाव के लिए तैयार रहने को कह रही है. मध्यावधि चुनाव की बात कहकर तेजस्वी यादव ने सिर्फ अपने नेताओं को ही उत्साहित नहीं किया, बल्कि बिहार की सियासत में बड़ा भूचाल भी ला दिया है. भाजपा और जदयू नेता ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है.

कैबिनेट विस्तार ना होना बड़ी बात

इस बात को लेकर राजद की प्रदेश प्रवक्ता सारिका पासवान ने कहा कि तेजस्वी यादव ने कोई गलत नहीं कहा है. जिस तरह के रिश्ते बीजेपी और जदयू के बीच हैं और जिस प्रकार कैबिनेट का विस्तार तक नहीं हो रहा. उससे यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि यह सरकार कितने दिन चल पाएगी. राजद के इस सवाल पर एनडीए नेता बड़े प्रश्न खड़े कर रहे हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने तो यहां तक कह दिया कि तेजस्वी दिन में सपने देख रहे हैं. इधर जदयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि अपने पार्टी को बचाने और नेताओं को एकजुट रखने के लिए तेजस्वी ने ऐसा बयान दिया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

बीजेपी और जदयू में बढ़ी बेचैनी

दरअसल, विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही विपक्ष कई बार नतीजों में सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से गड़बड़ी के आरोप लगा रहा है. और अब बीजेपी जदयू के बीच रिश्तों में खटास का हवाला देते हुए राजद ने मध्यावधि चुनाव तक के संकेत दे दिए हैं. एनडीए नेताओं के मुताबिक तेजस्वी ने भले ही अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के उत्साह को बरकरार रखने के लिए ऐसा कहा हो, लेकिन उनके इस बयान ने बीजेपी और जदयू में अंदरूनी बेचैनी तो बढ़ा ही दी है.

पटनाः राजद की बैठक में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को तेजस्वी ने एक बड़ा मंत्र दे दिया. यह मंत्र संगठन के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. क्योंकि तस्वीरें उन्हें एक बार फिर अगले साल चुनाव के लिए तैयार रहने को कह रही है. मध्यावधि चुनाव की बात कहकर तेजस्वी यादव ने सिर्फ अपने नेताओं को ही उत्साहित नहीं किया, बल्कि बिहार की सियासत में बड़ा भूचाल भी ला दिया है. भाजपा और जदयू नेता ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है.

कैबिनेट विस्तार ना होना बड़ी बात

इस बात को लेकर राजद की प्रदेश प्रवक्ता सारिका पासवान ने कहा कि तेजस्वी यादव ने कोई गलत नहीं कहा है. जिस तरह के रिश्ते बीजेपी और जदयू के बीच हैं और जिस प्रकार कैबिनेट का विस्तार तक नहीं हो रहा. उससे यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि यह सरकार कितने दिन चल पाएगी. राजद के इस सवाल पर एनडीए नेता बड़े प्रश्न खड़े कर रहे हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने तो यहां तक कह दिया कि तेजस्वी दिन में सपने देख रहे हैं. इधर जदयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि अपने पार्टी को बचाने और नेताओं को एकजुट रखने के लिए तेजस्वी ने ऐसा बयान दिया है.

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बीजेपी और जदयू में बढ़ी बेचैनी

दरअसल, विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही विपक्ष कई बार नतीजों में सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से गड़बड़ी के आरोप लगा रहा है. और अब बीजेपी जदयू के बीच रिश्तों में खटास का हवाला देते हुए राजद ने मध्यावधि चुनाव तक के संकेत दे दिए हैं. एनडीए नेताओं के मुताबिक तेजस्वी ने भले ही अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के उत्साह को बरकरार रखने के लिए ऐसा कहा हो, लेकिन उनके इस बयान ने बीजेपी और जदयू में अंदरूनी बेचैनी तो बढ़ा ही दी है.

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