पटनाः समाज में आज भी कई ऐसी बालिकाएं और महिलाएं हैं, जो किसी न किसी रूप में अपराध का शिकार बनती हैं. अगर उन्हें किसी मदद की जरूरत पड़ती है तो उनकी मदद करने वाला कोई नहीं मिलता. ऐसी महिलाओं, युवतियों और बालिकाओं को 'वन स्टॉप सेंटर' के माध्यम से मदद मुहैया कराई जाती है. जिसमें वह जाकर वो अपने साथ हुई घटना बता कर सकें और इसी सेंटर में पीड़िताओं को हर तरह की सलाह दी जाती है, लेकिन बिहार के कई ऐसे महिला हेल्प लाइन यानी कि "वन स्टॉप सेंटर" हैं जहां कर्मचारी नहीं रहते या ताला लगा रहता है.
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महिला की तस्वीर सोशल मीडिया पर अकाउंट बनायाः दरअसल मुजफ्फरपुर से अपनी फरियाद लेकर एक पीड़िता का पति पटना पहुंचा. उसने बताया कि उनकी पत्नी का उनके ही रिश्तेदार द्वारा फोटो इस्तेमाल कर के सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाया गया और फिर अकाउंट बना कर दूसरे दूसरे लोगों से चैट किया गया और इन सब में उनकी पत्नी की बदनामी हुई. जब इसकी जानकारी परिजनों को हुई तो परिजन मुजफ्फरपुर थाने में शिकायत करने गए जहां पर उनके शिकायत को दर्ज नहीं किया गया.
महिला हेल्प लाइन में नहीं थे अधिकारी: इसके बाद पीड़िता परिजनों के साथ "महिला हेल्प लाइन" पहुंची जिसके बाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. उसके बाद पीड़िता कई बार महिला हेल्प लाइन गई जहां से उसे यह कहकर लौटा दिया गया कि उनका काम सिर्फ एफआईआर दर्ज करवाना है. जिसके बाद पीड़िता के पति पटना स्थित महिला हेल्प लाइन के मुख्य कार्यालय पहुंची जहां पर उसे यह कहकर लौटा दिया गया कि आप मुजफ्फरपुर जाइए. आपको बता दें कि पटना स्थित महिला हेल्प लाइन में कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था और जब अधिकारी के मोबाइल पर फोन किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
"मेरी पत्नी का फोटो इस्तेमाल कर के सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाया गया और फिर अकाउंट बना कर दूसरे दूसरे लोगों से चैट किया गया और इन सब से मेरी पत्नी की बदनामी हुई, मेरी शिकायत तो दर्ज हो गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही, मुजफ्परपुर महिला हेल्प लाइन और पटना महिला हेल्प लाइन के चक्कर काट रहे हैं, कही कोई भी अधिकारी कुछ नहीं बता रहा"- फरियादी,
मुजफ्फरपुर