मुजफ्फरपुरः बिहार का चर्चित 'अंखफोड़वा कांड' मामले में नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. इस घटना को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय सहित अन्य बडे़ अधिकारियों पर आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय में परिवाद दायर (Complaint Against CM Nitish in Muzaffarpur Cataract Case) किया है.
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सीएम और स्वास्थ्य मंत्री के अलावा सरकार के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग, मुख्य निदेशक स्वास्थ विभाग, तिरहुत मंडल के आयुक्त, मुजफ्फरपुर के डीएम, पूर्वी अनुमंडल अधिकारी, जिले के सिविल सर्जन, एसडीएम, दृष्टि सृष्टि अस्पताल के संचालक, मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल प्रबंधन समिति और ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों के खिलाफ भी परिवाद दायर किया गया है.
अपने परिवाद पत्र में आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने अंधेपन का शिकार हुए 22 लोगों के लिए इन्हें जिम्मेदार ठहराया है. इस मामले में अगली सुनवाई 18 जनवरी को होनी है. परिवाद में कहा गया कि सरकार द्वारा पीड़ितों को मुआवजे का आश्वासन तो मिला पर मुआवजा अब तक नहीं दिया गया.
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इस कारण आज पीड़ित परिवार धरना प्रदर्शन करने को विवश है. फिर भी कोई सुनने वाला नहीं है. 22 नवंबर को अस्पताल में साफ-सफाई की बिना उचित व्यवस्था किए 65 मरीजों की आंखों का ऑपेरशन किया गया. जो मानक के अनुरूप नहीं था. इस कारण 15 लोगों को अपनी एक आंख गंवानी पड़ी और दो दर्जन लोगों को इन्फेक्शन हो गया था. इसमें हर स्तर पर लापरवाही बरती गई थी.
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