पटना: राजधानी पटना के बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविन्द्र शंकरण ने एक वीडियो जारी किया (slogan competition in patna) है. जिसमें खिलाड़ियों को जोश पैदा हो और ठेठ बिहारी भाषा में खेल स्लोगन लिखकर भेजने की अपील की है. वीडियो में बताया गया है कि बिहारी भाषा में खेल स्लोगन बताए और इनाम पाए. खेल प्राधिकरण इसके लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है.
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खेल प्राधिकरण को स्लोगन की जरूरत: बिहार में खेल और खिलाड़ियों को लेकर बिहार सरकार के खेल प्राधिकरण के तरफ से कई प्रयास किए जा रहे हैं. रविंद्र शंकरण ने कहा कि बिहार राज्य खेल प्राधिकरण को एक स्लोगन की जरूरत है जो बिहारी भाषा में हो और स्लोगन सुनकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन हो.
बिहार की बोलचाल की भाषा में भेजें स्लोगन: खेल प्राधिकरण महानिदेशक रविंद्र शंकरण ने लोगों से अपील किया है कि हमारी बिहार की जो ठेठ भाषा है. जैसे भोजपुरी, मगही मैथिली भाषा हो या बिहार की अपनी बोलचाल की भाषा हो. उन्होंने कहा कि खेल प्राधिकरण के तरफ से अभी जो नारा लगाया जाता है. उसमें खेलेगा बिहार खिलेगा बिहार, या खेल रहा बिहार खिल रहा बिहार, चक दे बिहार भी बोला जाता है.
"हम यह चाहते हैं कि बिहार के खिलाड़ी जो खेल के मैदान में हो तो बिहारी नारा से ऊर्जावान हो और तन मन के साथ खेल खेलें आगे बढ़े.उस नारों में से अच्छे नारे को सेलेक्ट करके खेल प्राधिकरण के तरफ से उनको सम्मानित किया जाएगा."- रविंद्र शंकरण ,खेल प्राधिकरण महानिदेशक
बेहतर नारा को मिलेगा इनाम: उन्होंने कहा कि चक दे बिहार, लेकिन बिहार के ठेठ भाषा में ऐसा नारा जो बिहार का हो ऐसा नारा लोग खेल प्राधिकरण को लिख सकते हैं. जो कंपटीशन के रूप में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम लोगों से चाहते हैं कि वह बिहारी भाषा में खेल पर नारा सजेस्ट करे.
नारा बोलकर उत्साह बढ़ाएंगे खिलाड़ी: बिहार के खिलाड़ी खेल मैदान में बोल कर अपना उत्साह बढ़ाएंगे.राज्य के जितने लोग हैं. बिहारी भाषा में नारा लिखकर खेल प्राधिकरण को भेजेंगे. साथ ही साथ उनके नारे को हमेशा के लिए खेल में यूज किया जाएगा. नारा ऐसा हो कि जब खिलाड़ी मैदान में हो तो इस नारे से उनको उत्साह मिले और ऊर्जा बढ़े.